ये चीज़े छूटने से वज़ू नहीं होगा – हर मुस्लमान को मालूम होना चाहिए
वज़ू के अन्दर कुछ चीज़े फ़र्ज़ है जिनमे से अगर किसी ने एक भी छोड़ दिया तो उसका वज़ू नहीं होगा। उसे दुबारा वज़ू करना होगा। वो कौन सी चीज़े…
वज़ू के अन्दर कुछ चीज़े फ़र्ज़ है जिनमे से अगर किसी ने एक भी छोड़ दिया तो उसका वज़ू नहीं होगा। उसे दुबारा वज़ू करना होगा। वो कौन सी चीज़े…
वज़ू के अन्दर कुछ ऐसी चीज़ों जिन से वज़ू टूट जाता है और इस वज़ू से नमाज़ पढ़ने वाले की नमाज़ नहीं होगी। बल्कि उसे दुबारा वज़ू करना होगा। वो…
नमाज़ के अन्दर कुछ चीज़े फ़र्ज़ है जिनमे से अगर किसी ने एक भी छोड़ दिया तो उसकी नमाज़ नहीं होगी। उसे दुबारा पढ़ना होगा। वो कौन सी चीज़े है…
नमाज़ के अन्दर कुछ ऐसी चीज़ों जिन से नमाज़ टूट जाती है और पढ़ने वाले की नमाज़ नहीं होगी। बल्कि उसे दुबारा पढ़ना होगा। वो कौन सी चीज़े है जानने…
ग़ुस्ल के अन्दर कुछ चीज़े फ़र्ज़ है जिनमे से अगर किसी ने एक भी छोड़ दिया तो उसका ग़ुस्ल नहीं होगा। उसे दुबारा ग़ुस्ल करना होगा। वो कौन सी चीज़े…
अगर किसी शख्स पर जादू टोने का असर हुआ है तो वह सूरह रहमान की तिलावत करें इससे बुरी नजर और जादू टोने से अल्लाह पाक उसकी हिफाजत फरमाते हैं।…
क्या आप जानते हैं इस्लाम में सदका खैरात करने की फ़ज़ीलत क्या होती है जब कोई मुसलमान भाई अल्लाह की राह में मांगने वाले गरीबों और फकीरो पर अपने माल और दौलत को खर्च करता हैं। तो उसको सदक़ा खैरात कहते हैं। इस बारे में बहुत सी हदीसें सामने आई हैं। उन सब के बारे में जननेगे। तो आज की आर्टिकल में हम लोग जानने की कोशिश करेंगे आखिर इस्लाम में सदका खैरात करने की फ़ज़ीलत क्या-क्या है।
क्या आप जानते हैं इस्लाम में सलाम की भी अहमियत होती है जब किसी मुसलमान भाई किसी मुसलमान भाई से मुलाकात करता है। तो सबसे पहले सलाम करने का हुकुम होता है। अगर कोई मुसलमान भाई किसी मुसलमान भाई को सलाम करता है तो उसको सलाम का जवाब भी देना बहुत ही जरूरी होता है यह एक सुन्नत है।
ऐ ईमान वालो अल्लाह और उसके रसूल के साथ ख्यानत न करो के तुमने अल्लाह तआला से अमानत ली थी और अल्लाह के रसूल ने तुम्हे अमानत के बारे में बता दिया था, इस अमानत के खिलाफ खयानात न करो, और जो आमनाते तुम्हारे मौज़ूद है उनको ठीक-ठीक इस्तेमाल करो, अमानत का सबसे पहला मफ़हूम ये है।
इस्लाम में कबीरा गुनाह और सग़ीरा गुनाह क्या होता है आज के आर्टिकल में जानेंगे की कबीरा गुनाह और सग़ीरा गुनाह क्या है? हर गुनाह की दो किस्म है और दोनो किस्म के गुनाहों से तौबा करना लाजिम है। सग़ीरा गुनाह छोटे-छोटे गुनाह होते हैं जबकि कबीरा गुनाह बड़े-बड़े गुनाह होते हैं। तो इस आर्टिकल को पूरा आखिर तक पढ़े और समझने की कोशिश करें सग़ीरा गुनाह और कबीरा गुनाह क्या होते हैं।