वैसे तो अल्लाह पाक के 3000 नाम है जिनमें से एक हजार अल्लाह के सिवा और कोई भी नहीं जानता और 1000 वह है जो फरिश्तों के अलावा कोई और नहीं जानता और 1000 वह है जो पैगंबरों से हम तक पहुंचे हैं जिनमें से 300 तोरेत में 300 जबूर में और 300 इंजील में और एक सौ कुरान में दिए गए हैं।
सारे मुसलमानों को तो रमजान और ईद दोनों के राज नहीं पता कि यह दोनों किस लिए मनाए जाते हैं हम आपको ईद मनाने का तरीका बताने वाले हैं और ईद मनाने का सुन्नत तरीका है। सुन्नत तरीका जो हमारे हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को बहुत पसंद आता है।
हम लोग दिन, तारीख, साल, महीना सभी चीजें उसी हिसाब से मानते हैं जिस हिसाब से पूरी दुनिया मानती है लेकिन हमारे इस्लाम में इस्लामिक कैलेंडर है जो हमें हिजरी से मिला है और इनमें जो दिन तारीख है उसी हिसाब से हमें चलना चाहिए।हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने जब मक्का से निकलकर मदीना में दाखिला हुए तो इसे हिजरत नाम दिया गया जिस दिन वह मदीना गए उस दिन को हिजरी कैलेंडर के रूप में शुरू किया गया। इस्लामिक कैलेंडर में हर साल हर महीने करीब 10 दिन पीछे खिसकते रहते हैं।
हमारे इस्लाम में हर चीजें अदब से करने का हुक्म दिया गया है और हमारा इस्लाम बहुत साफ सुथरा मजहब है इसलिए हर चीजों को साफ सफाई के साथ करने का हुकुम भी दिया गया है जैसे की नमाज और कुरान शरीफ पढ़ते वक्त हमें कई सारी बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है।
नाखून काटने का भी पाक तरीका होता है और अगर हम उन तरीकों को नहीं अपनाते हैं तो हमें गुनाह भी मिलते हैं। जैसे कि आपने सुना ही होगा कि अगर 40 दिन से पहले तक नाखून ना काटे गए तो वह मुसलमान गुनहगार कहलाएगा।जिन मुसलमानों को नाखून काटने का सही तरीका नहीं पता है
शबे कद्र का मतलब बहुत सारे लोगों को नहीं पता है तो हम आपको बता दें शबे का मतलब होता है रात और कद्र का मतलब होता है। शबे- कद्र की रात इतनी अफजल रात है कि अल्लाह पाक ने इसके बारे में कुरान में एक सूरत नाजिल कर दी ( सुरह अल कद्र ) जिसमें इस रात की फजीलत इसकी अजमत और इसके मर्तबा का जिक्र किया गया है।