चोर चिल्लाया मुझे कुछ दिखाई क्यों नहीं दे रहा – इबरतनाक वाक्या जरूर पढ़ें

You are currently viewing चोर चिल्लाया मुझे कुछ दिखाई क्यों नहीं दे रहा – इबरतनाक वाक्या जरूर पढ़ें
  • Post author:
  • Reading time:1 mins read

एक चोर जो अपनी चोरी के लिए बदनाम था। वो औरतो और बुजुर्गो की चीजें नहीं चुराता था। एक दिन कुछ ऐसा हुआ की उसको बुजुर्ग के हाथ से थैला छीनकर भागना पड़ा। भागते ही अचानक वो जोर से चिल्लाया मुझे कुछ दिखाई क्यों नहीं दे रहा है। आस पास के लोग जमा होने लगे आखिर वो बुजुर्ग कौन थे जिससे चोर का ये हाल हो गया जानने के लिए आर्टिकल को आख़िर तक पूरा जरूर पढ़ें । क्युकी ये बहोत ही इबरतनाक वाक्या है।

चलिए शुरू करते है

एक बुजुर्ग हज के सफर पर गए थे जब वो एक जगह से गुज़र रहे थे उनके हाथ में एक थैला था उसमें कुछ पैसे थे अचानक एक चोर उनके हाथ से थैला छीनकर भागने लगा अचानक वो जोर से चिल्लाया मुझे कुछ दिखाई क्यों नहीं दे रहा है। आंखों की रोशनी जाते देख चोर ने रोना शुरू कर दिया। आस पास के लोग जमा होने लगे जब लोगों ने चोर से पूछा भाई क्या हुआ तो वो कहने लगा, मैंने एक बुजुर्ग का थैला छीना है। लगता है वह कोई अल्लाह का करीबी बंदा है जिससे मेरी आँखों की रोशनी चली गई ख़ुदा के लिए मुझे उसके पास पहुँचा दो ताकि मैं उससे माफी मांग सकूँ।

जब लोगों ने पूछा कि यह किस्सा कहाँ पेश आया तो कहने लगा फलाँ नाई की दुकान के करीब पेश आया लोग उसको उस दुकान पर ले गए और नाई से पूछा कि इस तरह के कोई बुजुर्ग यहाँ से गुज़रे है आप उनहे जानते हो तो उसने कहा मुझे उनका घर तो पता नहीं मगर नमाज के लिए वह आते जाते रहते हैं अगली नमाज़ के लिए फिर आएंगे।

ये लोग इन्तिज़ार में बैठ गए वह बुजुर्ग अपने वक्त पर तशरीफ लाए लोग उस चोर को उनके पास ले गए तो उस चोर ने जाकर उनके हाथ पाँव पकड़ लिए कि मुझसे गलती हो गई गुनाह पर शर्मिन्दा हूँ मेरी आँखों की रोशनी छिन गई आप अपना थैला वापस ले लीजिए और मुझे माफ़ कर दीजिए ताकि अल्लाह तआला मेरी आँखें ठीक कर दे।

वह बुजुर्ग कहने लगें कि मैंने तो तुझे पहले ही माफ कर दिया है यह सुनकर चोर बड़ा हैरान हुआ और कहने लगा हज़रत माफी मांगने से पहले ही आप ने माफ फ़रमा दिया

इस पर बुजुर्ग कहने लगे मैंने एक हदीस पढ़ी जिसमें नबी अकरम S.w. ने फ़रमाया कि कयामत के दिन जब मेरी उम्मत का हिसाब पेश किया जाएगा तो मैं उस वक़्त तक मीज़ान के करीब रहूँगा जब तक मेरे आख़िरी उम्मती का फैसला नहीं हो जाता।

मेरे दिल में यह बात आई कि अगर मैंने तुम्हे माफ नहीं किया तो कयामत के दिन यह मुकदमा पेश होगा और जितनी देर मेरे मुकदमे का फैसला होने में लगेगी अल्लाह के नबी अलैहिस्सलाम को उतनी देर जन्नत से बाहर रहना पड़ेगा। इसलिए मैंने माफ कर दिया कि न तो मुकदमा पेश होगा न ही मेरे महबूब को जन्नत में जाने में देर लगेगी।

वाक्या पसंद आया तो इस आर्टिकल को लाइक और शेयर जरूर करें।

दुनिया का एक ऐसा बादशाह जिस ने अपनी जन्नत बनाई लेकिन वह अपनी बनाई हुई जन्नत में दाखिल हो पाया या नहीं। जानने के लिए ये आर्टिकल अभी पढ़ें और शेयर करे।

Leave a Reply