सदका खैरात करने की फ़ज़ीलत

सदका खैरात करने की फ़ज़ीलत

 क्या आप जानते हैं इस्लाम में सदका खैरात करने की फ़ज़ीलत क्या होती है जब कोई मुसलमान भाई अल्लाह की राह में मांगने वाले गरीबों और फकीरो पर अपने माल और दौलत को खर्च करता हैं। तो उसको सदक़ा खैरात कहते हैं। इस बारे में बहुत सी हदीसें सामने आई हैं। उन सब के बारे में जननेगे। तो आज की आर्टिकल में हम लोग जानने की कोशिश करेंगे आखिर इस्लाम में सदका खैरात करने की फ़ज़ीलत क्या-क्या है।

इस्लाम में सलाम की अहमियत

इस्लाम में सलाम की अहमियत

क्या आप जानते हैं इस्लाम में सलाम की भी अहमियत होती है जब किसी मुसलमान भाई किसी मुसलमान भाई से मुलाकात करता है। तो सबसे पहले सलाम करने का हुकुम होता है। अगर कोई मुसलमान भाई किसी मुसलमान भाई को सलाम करता है तो उसको सलाम का जवाब भी देना बहुत ही जरूरी होता है यह एक सुन्नत है।

इस्लाम में अमानत की अहमियत क्या हैं

इस्लाम में अमानत की अहमियत क्या हैं

ऐ ईमान वालो अल्लाह और उसके रसूल के साथ ख्यानत न करो के तुमने अल्लाह तआला से अमानत ली थी और अल्लाह के रसूल ने तुम्हे अमानत के बारे में बता दिया था, इस अमानत के खिलाफ खयानात न करो, और जो आमनाते तुम्हारे मौज़ूद है उनको ठीक-ठीक इस्तेमाल करो, अमानत का सबसे पहला मफ़हूम ये है।

इस्लाम में कबीरा गुनाह और सग़ीरा गुनाह क्या है?

इस्लाम में कबीरा गुनाह और सग़ीरा गुनाह क्या है?

इस्लाम में कबीरा गुनाह और सग़ीरा गुनाह क्या होता है आज के आर्टिकल में जानेंगे की कबीरा गुनाह और सग़ीरा गुनाह क्या है? हर गुनाह की दो किस्म है और दोनो किस्म के गुनाहों से तौबा करना लाजिम है। सग़ीरा गुनाह छोटे-छोटे गुनाह होते हैं जबकि कबीरा गुनाह बड़े-बड़े गुनाह होते हैं। तो इस आर्टिकल को पूरा आखिर तक पढ़े और समझने की कोशिश करें सग़ीरा गुनाह और कबीरा गुनाह क्या होते हैं।

इस्लाम में हलाल और हराम की कमाई को समझें

इस्लाम में हलाल और हराम की कमाई को समझें

इस्लाम में कहा गया है हलाल और हराम में फर्क समझकर ज़िन्दगी गुज़ारना हर मुस्लमान के ऊपर फ़र्ज़ हैं हलाल कमाई में जहाँ बेशुमार फायदे हैं वही हराम की कमाई में ज़िन्दगी गुज़ार ने में बेशुमार तबाही और बर्बादी होती हैं।

दुआ मांगने का सही तरीका

दुआ मांगने का सही तरीका

क्या आप दुआ मांगने का सही तरीका जानना चाहते हैं ? तो इस आर्टिकल को पुरा आख़िर तक पढ़ें अल्लाह से दुआ मांगने का सही तरीका क्या हैं जानेंगे सही हादीस से और आप जानेंगे दुआ मांगने के क्या आदाब होते हैं।

शबे-बारात क्या है ? शबे-बारात की हकीकत

शबे-बारात क्या है ? शबे-बारात की हकीकत

शबे-बारात क्या है, शबे-बारात कब मनाया जाता हैं और शबे-बारात क्यों मनाया जाता है, शबे-बारात की हकीकत क्या है? शबे-बारात का वाकिया क्या हैं, शबे-बारात में क्या पढ़ना चाहिए, शबे-बारात की नमाज कैसे पढ़ें ? शबे-बारात का रोजा रखना कैसा है? शबे बरात में हलवा क्यों बनाया जाता है? शबे-कदर या लैलातुल कादर की रात क्या है? शबे-बारात की रात को कब्रिस्तान में जाना कैसा है?

Podcast

Podcast

आपको मालूम होगा शायद जो भी आप कंटेंट पढ़ते हैं अगर उस कंटेंट को ऑडियो फॉर्म में रिकॉर्ड कर लिया जाए तो उसे Podcast के नाम से जाना जाता है। एक उदाहरण से समझते हैं आइए पॉडकास्ट को अगर मान लीजिए कि आप कोई आर्टिकल पढ़ रहे हो तो वह टेक्स्ट के फॉर्म में होता है अगर उसी आर्टिकल को आप को सुनना है और आपने अपनी आवाज से उस आर्टिकल को रिकॉर्ड कर लिया है तो वह पॉडकास्ट कहलाएगा।

अल्लाह की रहमत

अल्लाह की रहमत

Allah ki Rehmat अल्लाह सुभानहू वा ताअला की रहमत हर उस शख्श के लिए है जो उसके सामने हाथ फैलाये बैठा है। बेशक वो रहम करने वाला और माफ़ करने वाला है। अल्लाह सुभानहू वा ताअला अपने बन्दों से फरमाते है की तुम इतने गुनाह करो की पूरी ज़मीन और पूरा आस्मां तुम्हारे गुनाहो से भर जाये और उसके बाद भी मैं तुम्हारे एक तौबा करने पर उन सारे गुनाहो को माफ़ कर दूंगा।

क़यामत की निशानियाँ – क़ुरानों सुन्नत की रोशनी में

क़यामत की निशानियाँ – क़ुरानों सुन्नत की रोशनी में

Qayamat ki Nishanian क़ुरानों सुन्नत की रोशनी में नबी करीम (स०अ०) ने हमें क़यामत की निशानियाँ बता दी हैं। बेशक कयामत की निशानीयो मे से ये भी निशानी है, इल्म का उठ जाना, जहालत का फैल जाना।