जलजला – अल्लाह की आजमाइश या अज़ाब | Jalajala Allaah Ki Aajamaish Ya Azab

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अस्सलाम अलेकुम दोस्तों अल्लाह पाक ने हमें कई सारी नेमतें बख्शी है जो हमारे लिए अल्लाह की तरफ से एक रहमत है। लेकिन हम इस बात को भी अनदेखा नहीं कर सकते कि अल्लाह ने आजाब जैसी चीज भी बनाई है।

अल्लाह पाक जब नाराज होते है तब वो सिर्फ जलजले लाकर अजाब नही देते वो और भी तरीको से अजाब देते है। जब जलजला आता है तब इससे जमीने भागों में बंट जाती है मकान मंजिल गिर जाते हैं। जिन घरों को बनाने में लोगों को कई साल लग जाते हैं वह पलक झपकते ही धूल में बदल जाते हैं।

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अल्लाह पाक आजमाइश में भी डालते हैं और आजाब भी देते हैं लेकिन यह हमें समझना है कि हमारी आजमाइश हो रही है या हमें अज़ाब मिल रहा है क्योंकि हमें अपने अमाल याद करने चाहिए कि हमने कौन से गुनाह किए हैं या फिर हमने कौन से गुनाह नहीं किए हैं।

जो लोग बेकसूर होते हैं कभी गुनाह नहीं करते अगर उनकी जिंदगी में कोई परेशानी आती है तो उसे आजमाइश कहा जाता है और वह आजमाइश उनके भले के लिए ही आती है जिसके बाद उनकी जिंदगी बहुत खूबसूरत मोड़ ले लेती है।

लेकिन जो लोग गुनहगार होते हैं अल्लाह के दिखाए हुए राह पर नहीं चलते धोखेबाजी करते हैं ऐसे लोगों को अल्लाह अजाब देते हैं और उन्हें मौका देते हैं कि अभी वक्त है सुधर जाओ वरना इस से भी बुरा अजाब तुम्हें मिल सकता है।

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अल्लाह की नाराजगी

जब अल्लाह नाराज होते हैं तब वह उस इंसान को किसी ऐसी चीज का मुरीद बना देते हैं जो उसे कभी हासिल नहीं हो सकती और वह उसकी तलब में लग जाता है और फिर वह चीज उसे नहीं मिलती तब वह अल्लाह की तरफ बढ़ता है और अल्लाह उसे एहसास दिलाते हैं कि अल्लाह के अलावा तुम्हारा और कोई नहीं है इसलिए बस अल्लाह की तलब रखो।

अल्लाह नाराज होकर अजाब देते हैं और जलजले, भूकंप जैसे हालात पैदा कर देते हैं इसमें ना जाने कई लोगों की जान चली जाती है कई घर टूट जाते हैं जमीने हिल जाती है और भी न जाने कितने नुकसान हो जाते हैं।

यह उस वक्त होता है जब अल्लाह पाक किसी से बेहद नाराज हो और जब कोई बेहद गुनहगार हो जाए इसलिए कहा जाता है ना कि हर वक्त अल्लाह से माफी मांग कर और तौबा करके ही सोना चाहिए कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए क्योंकि अल्लाह कब कैसे हालात पैदा कर दे यह कोई नहीं जानता।

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अल्लाह की नाराजगी से कैसे बचे

जब कोई अल्लाह का बंदा गुनाह करता है और खुद को गुनहगार नहीं मानता तो अल्लाह उसे अजाब देते है क्यूकि जब कोई गुनाह करके अल्लाह से माफी नही मांगता ऐसे लोगो को अल्लाह कभी माफ भी नहीं करते।

अल्लाह को ऐसे लोग बहुत पसंद है जो गुनाह करने से डरते हो और उन्हें हमेशा ये डर हो की ये काम करने से अल्लाह बहुत नाराज होंगे और उन्हे माफ नही करेंगे और फिर भी वो अल्लाह से माफी मांगते हो की या अल्लाह अगर मुझसे कोई गुनाह हो गया है तो मुझे माफ कर दो।

अल्लाह किसे अजमाइश में डालते है

आप हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया की अल्लाह पाक सिर्फ उसे ही आज़माइश में डालते हैं जिसे वह पसंद करते हैं और उन्होंने यह भी बताया कि अल्लाह पाक ने हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को भी आजमाइश में डाला था उन्हें अपने बच्चों की मैय्यत देखनी पड़ी थी जो किसी भी बाप के लिए बहुत तकलीफ वाला समय होता है फिर भी उन्होंने सब्र किया था।

और अल्लाह पाक ऐसा सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि वह देखना चाहते हैं कि उनके बंदों को अल्लाह पाक पर कितना भरोसा है क्योंकि जब मुसीबत आती है तो उस वक्त जब किसी अल्लाह के बंदे को भी भरोसा होता है कि अल्लाह पाक उनकी मुसीबत ठीक कर देगा वह उन्हें परेशानी में नहीं रखेगा तो ऐसे में अल्लाह को बहुत खुशी होती है क्योंकि बंदे को उन पर भरोसा है।

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अल्लाह किसे अजाब देते है

अल्लाह अपने सभी बंदों को एक बराबर मोहब्बत करते हैं लेकिन अल्लाह ने कुछ नियम कायदे बनाए हैं जो हम मुसलमानों पर लागू होते हैं कि हमें किन कामों को नहीं करना है और किन कामों को करना है।

अल्लाह ने हमें झूठ बोलने की बात करने धोखाधड़ी करने लूटपाट मचाने कत्ल करने सुघ लेने से मना किया और हमारे लिए यह हराम करार कर दिया गया है तो अगर हम इन कामों को करते हैं तो ऐसे में अल्लाह हमें अज़ाब देते हैं।

आपने देखा होगा कि जब किसी शहर में बेहयाई, बेगैरती अल्लाह की नाफरमानी होती है तो अल्लाह उस वक्त इतने ज्यादा नाराज हो जाते हैं की पुरे शहर को ही उजाड़ देते हैं तो जरा सोचिए कि अल्लाह पाक गुनहगारों को जहन्नुम में कैसी सजा देंगे और कयामत के दिन गुनहगारों का क्या होगा।

अल्लाह पाक दो तरह के लोगों को ज्यादातर अजाब में डालते हैं और वो है सुध खाना और कत्ल करना। अल्लाह को यह बिल्कुल पसंद नहीं कि उनके बनाई हुई चीजों पर कोई अपना हक समझे और उसके साथ ज्यारती दिखाएं ।

बल्कि अल्लाह पाक ने फरमाया है कि अल्लाह पाक ने जितनी भी नेमतें बक्शी है उसके लिए हमेशा शुक्रिया अदा करो क्योंकि यह नेमतें बहुत किसी को नसीब तक नहीं होती।

अल्लाह पाक हमें आजाब में भी डालते हैं आज़माइश में भी डालते हैं और हमारे सब्र को खुशियों में भी बदलते हैं जैसा कि आपने देखा होगा कि कभी तेज मूसलाधार बारिश होती है तो उस वक्त कुछ लोग खुश होते हैं और कुछ लोग बहुत परेशान हो जाते हैं।

तो यह अल्लाह का अज़ाब और रहमत एक साथ बरसती है अच्छे लोगों पर यह रहमत बनकर बरसती है और बुरे लोगों पर यह अजाब बनकर बरसती है।

हम सभी इस बात से बिल्कुल अनजान नहीं हैं कि हाल में ही कितनी जगह पर जलजले आ चुके हैं और इन चीजों को देखकर सभी मुसलमानों के मुंह से एक ही बात निकलती होगी यह अल्लाह का अज़ाब है जो कि सच है।

लेकिन हम यह भी अनदेखा नहीं कर सकते कि अल्लाह पाक नाराज है और उनकी नाराजगी हम तक भी आ सकती है इसलिए जितना हो सके अल्लाह की राह पर चलें नमाज़ पढ़े लोगों के लिए दुआएं करें उनकी हिफाजत की दुआएं करें और अल्लाह पाक से अपने और दूसरे मुसलमान बंदों की तरफ से माफी मांगे।

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कयामत की निशानियां

हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने कयामत की कुछ निशानियां बताई है जो हमें अभी से देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया है कि जब कोई औलाद अपने मां बाप की नाफरमानी करेगा, औरत बेपर्दा होने लगेगी और उनकी तादाद मर्दों से ज्यादा होगी, झूठ को सच करके दिखाना आम हो जाएगा, सरेआम कत्ल करना और अल्लाह पाक की नाफरमानी करना यह सभी कयामत की निशानियां है।

जब यह चीजें दिखाई देने लगे तब यह समझ लीजिएगा कि कयामत दूर नहीं है हमें अभी बस इनमें से कुछ चीजें दिखाई दी है लेकिन और भी कई सारी निशानियां हैं जैसे कि सूरज का पश्चिम से निकलना, दज्जाल का वापस आना, हजरत ईशा अले सलाम का आसमान से जमीन पर आ जाना यह सभी कयामत की निशानियां है।

इनमें से कुछ चीजें हैं जो हम सभी देख सकते हैं जैसे कि मां बाप की नाफरमानी औरतों का बेपर्दा होना झूठ को सच बताना अगर हम चाहे तो हम यह सभी चीजें रोक सकते हैं और हमारे पास कयामत तक तौबा का दरवाजा खुला है।

हम जब चाहे अल्लाह से माफी मांग कर अल्लाह की राह पर चल सकते हैं अल्लाह रहम करने वाला है वह अपने बंदों को कभी भी मायूस होने नहीं देगा वह सबके गुनाहों को माफ करेगा।

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आजमाइश और आजाब में फर्क

अल्लाह पाक आजमाइश में डालते हैं तो कुछ वक्त के बाद वह सारी चीजें हमें नेमत लगने लग जाती है। और जब अल्लाह हमें आजाब देते हैं तो कुछ वक्त के बाद हम और भी ज्यादा तकलीफ में रहने लग जाते हैं तो इससे साफ आजमाइश और आजाब में फर्क दिख जाता है कि अल्लाह ने किसको आजमाइश में डाला और किसे आजाब दिया।

दुनिया के सबसे पाक मजहब इस्लाम है लेकिन अब इस्लाम में इतनी बेपर्दगी होने लगी है कि अल्लाह पाक की नाराजगी बढ़ती जा रही है और वह हमसे नाराज होकर सैलाब जलजले इस दुनिया में भेज रहे हैं।

अगर इसी तरह हम गुनाह करते जाएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब अल्लाह पाक पूरी दुनिया में सैलाब और जलजले भेज देंगे और पूरी मुल्क के लोगों को ऐसी मौत से बहुत खौफ है इसलिए अभी भी वक्त है अगर हम अल्लाह पाक से माफी मांग लेते हैं उनके बताए हुए राह पर चलते हैं तो अल्लाह पाक इस दुनिया को ही जन्नत बना देंगे।

जब हम मर के कब्र में जाएंगे तब हम अपने साथ इल्म और अमाल के अलावा कुछ नहीं लेकर जा सकते इसलिए कोशिश करें कि हम ज्यादा से ज्यादा इल्म और अमाल हासिल करें क्योंकि अगर हम इस दुनिया के दिखावे में रह जाएंगे तो हम अपनी असली दुनिया में जाने लायक नहीं रहेंगे।

और कयामत के दिन उन सभी चीजों का हिसाब होगा जो हम इस दुनिया में रहकर कर रहे हैं चाहे वह गुनाह हो या फिर अल्लाह की इबादत हो सभी का हिसाब होगा और उसी हिसाब से हमें जन्नत और दोजक में भेजने की इजाजत दी जाएगी।

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