क्या आप जानते हैं की वो कौन सी सूरेह हैं जिसके बिना नमाज़ नहीं होती ? कुरान शरीफ की पहली सूरह कौन सी हैं ,जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े |आप को हम Surah Fatiha in Hindi और उसके तर्जुमा के बारे में बता रहे है|
Surah Fatiha in Hindi
आज के आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं सूरह फातिहा की जो मक्के में नाजिल हुई है। सूरह फातिहा एक ऐसी मुकम्मल सूरत है जो की अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के ऊपर नाजिल हुई है।
surah fatiha in hindi बहुत ज़रूरी सूरह है और हर नमाज़ में पढ़ी जाती है इसके बिना नमाज़ नहीं होती। और क़ुरआन शरीफ की पहली सूरह है |
सूरह फातिहा एक दुआ है जिसे अल्लाह पाक ने लोगो को सिखाया है, जो लोग क़ुरान शरीफ पढ़ना शुरू करते हैं वो सब से पहले सूरेह फातिहा को पढ़ते हैं
सूरह फातिहा मक्की है और इस में (7) आयतें (1)एक रुकु ,सत्ताईस कलिमें (27) और एक सौ चालीस अक्षर (140) हैं, सुरह फातिहा क़ुरान मजीद की सबसे पहली सूरत है जिस की हादीसों में बड़ी फजीलत आयी है ।
Surah Fatiha Arbic
सूरह फातिहा को कुरान शरीफ में सब से पहले रखने का मकसद यह है कि अगर तुम सच में कुरान शरीफ का फायदा उठाना चाहते हो तो सबसे पहले खुदा से दुआ करो।
हदीस में है कि ये सूरत हर उस मकसद के लिए फायदेमंद है जिस मकसद के लिए उसे पढ़ा जाये | सूरह फातिहा को और अच्छे से बताने के लिए हमने surah fatiha in hindi मैं उसकी तफ़्सीर की है जो आगे आप पढ़ सकते है।
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Surah Fatiha Tafseer
सूरह फातिहा में सबसे अलग बात यह है की इसमें सात आयतों में पूरे कुरान शरीफ का खुलासा कर दिया गया है। और इस मे कुरान शरीफ का असल पैगाम ; तौहीद, रीसालत, आख़िरत के मजनून को मुख़्तसर मे बताया गया है।
असल में (surah fatiha in hindi ) सूरह फातिहा दुआ है बन्दे की तरफ से और और कुरान शरीफ का जवाब है अल्लाहपाक की तरफ से।
सूरह फ़ातिहा में अल्लाह तआला की तारीफ़, उसकी बड़ाई, उसकी रहमत, उसका मालिक होना, उससे इबादत, अच्छाई, हिदायत, हर तरह की मदद तलब करना|
साथ ही इसमें दुआ मांगने का तरीक़ा, अच्छे लोगों की तरह रहने और बुरे लोगों से दूर रहने, दुनिया की ज़िन्दगी का ख़ातिमा, अच्छाई और बुराई के हिसाब के दिन का साफ़ साफ़ बयान है.
Surah Fatiha Hindi Mein Tarjuma
- بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान नेहायत रहम वाला है।
अल्लाह के नाम से पढ़ता हूं या शुरू करता हूं।
- ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَٰلَمِينَ
- सब तारीफ़ अल्लाह के लिए है जो तमाम जहानो का पालने वाले है।
तमाम तारीफें अल्लाह के लिए हैं क्यों के तारीफ़ का असल हक़दार सिर्फ अल्लाह ही है। हर काम की शुरूआत में बिस्मिल्लाह की तरह अल्लाह की बड़ाई का बयान भी ज़रूरी है.अल्लाह की तारीफ़ और उसकी बड़ाई का बयान वाजिब होता है |
अल्लाह की बनाई हुई है ! ओर इसमें जो कुछ है वह सब कुछ अल्लाह ही की है और अल्लाह तआला हमेशा से है, ओर हमेशा रहने वाले है ज़िन्दगी और मौत के जो पैमाने बना रखे हैं , अल्लाह उन सबसे पाक है, वह क़ुदरत वाला है.
- ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
- बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला
अल्लाह ताला बहुत रहम करने वाला है और अखीरत में वह सिर्फ रहीम होगा यहाँ उस की रहमत सिर्फ मोमिनों के लिए खास होगी।
- مَٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ
- बदले के दिन का यही कयामत का मालिक है
इन्साफ वाले दिन (मतलब कयामत/आख़िरत का मालिक ) सिर्फ और सिर्फ अल्लाह ताला होगा।अल्लाह ताला हर शक्श को इसके अच्छे या बुरे अमाल के मुताबिक जजा और साजा देगा।
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- إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
- हम तेरी ही इबादत करते हैं और सिर्फ तुझ ही से मदद चाहते हैं
इबादत के मानी हैं किसी की रजा के लिए इंतेहाई आजिज़ी यानी जिस ज़ात से साथ मुहब्बत हो अल्लाह का ही इबादत करे| इस आयत में मूर्ति पूजा यानि शिर्क का भी रद है ! कि अल्लाह तआला के सिवा किसी और का इबादत नहीं कर सकते|
- ٱهْدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ
- हमें सीधी और सच्ची राह दिखा
( मतलब हमको सीधा रास्ता चला ) इसमें अल्लाह (Allah) की ज़ात और
उसकी ख़ूबियों की पहचान के बाद उसकी इबादत ( यानी अल्लाह की इबादत ), उसके बाद दुआ की तालीम दी गई है.
इससे यह मालूम हुआ कि बन्दे को इबादत के बाद दुआ (Prayer)में लगा रहना चाहिये. मतलब नमाज़ के बाद दुआ करना करते रहना चाहिए।
- صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ لا٥ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ
- उन लोगों की राह जिन पर तूने इनाम किया । उनकी नहीं जिन पर गजब किया गया (यानी वो लोग जिन्होंने पहचाना मगर उस पर अमल पैरा नहीं हुए) और ना गुमराहों की।
ये सिराते मुस्तकीम की वज़ाहट है के यह सीधा रास्ता वो है जिस पर वह लोग चलें जिन पर तेरा इनाम हुआ यह लोग अंबिया, शुहुदा, सिद्दीक़ीन और सालेहीन का आगे है के जिन पर अल्लाह का गजब नाजिल हुआ–से मुराद यहूदी और ईसाई हैं।
सिराते मुस्तक़ीम का मतलब इस्लाम या क़ुरआन नबीये करीम हुजू़र सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का रहन सहन या हुज़ूर के घर वाले और साथी हैं. इससे साबित होता है कि सिराते मुस्तक़ीम यानी सीधा रास्ता अहले सुन्नत का तरीक़ा है
- أمين
- आमीन
सूरह फातिहा के आखिर में आमीन कहने की नबी करीम( स०आ०) ने बड़ी ताकीद और फजीलत बयान फरमाई है । इसलिए इमाम और मुक्तादी दोनो को आमीन कहना चाहिए |
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- Surah fatiha in hindi
बिस्मिल्लाह हीर रहमान नीर रहिम
- अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
- अर्रहमानिर्रहीम
- मालिकि यौमिद्दीन
- इय्या-क न बुदु व इय्या-क नस्तीइन,
- इहदिनस्सिरातल्-मुस्तकीम
- सिरातल्लज़ी-न अन्अम्-त अलैहिम
- गैरिल्-मग़जूबि अलैहिम् व लज्जॉल्लीन (अमीन)
- Surah Fatiha Hindi Mein Tarjuma
अल्लाह के नाम से शुरु जो बहुत मेहरबान रहमतवाला है
- सब खू़बियाँ अल्लाह को जो मालिक है सारे जहान वालों का !
- बहुत मेहरबान रहमत वाला !
- रोज़े जज़ा (इन्साफ के दिन) का मालिक !
- हम तुझी को पूजें और तुझी से मदद चाहें !
- हमको सीधा रास्ता चला !
- रास्ता उनका जिन पर तूने एहसान किया !
- न उन का जिन पर ग़ज़ब (प्रकोप) हुआ और न बहके हुओं का !
Surah Fatiha in English
BismillaHir RahmaNir Raheem
- Alhamdulillahi Rabbil Aalameen
- Arrahmanir Raheem
- Maliki Yaumiddeen
- Iyyaka Nabudu Waiyyakanastain
- Ihdinassiratal Mustaqeem
- Siratallazina Anamta Alaihim
- Ghairil Maghdubi Alaihim Waladdalleen (Ameen)
Surah Fatiha in English translation
- In the name of Allāh, the Entirely Merciful, the Especially Merciful.
- [All] praise is [due] to Allāh, Lord of the worlds –
- The Entirely Merciful, the Especially Merciful,
- Sovereign of the Day of Recompense.
- It is You we worship and You we ask for help.
- Guide us to the straight path –
- The path of those upon whom You have bestowed favor, not of those who have earned Your anger or of those who are astray.
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surah fatiha ki khususiyat
नबीये करीम हुजू़र सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया तौरात व इंजील व जु़बूर में इस जैसी सूरत नहीं उतरी.
( तिरमिज़ी )
एक फ़रिश्ते ने आसमान से उतरकर नबीये करीम हुजू़र सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर सलाम अर्ज़ किया और दो ऐसे नूरों की ख़ूशख़बरी सुनाई जो नबीये करीम हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से पहले किसी नबी को नहीं दि गयी . एक थी सूरह फ़ातिहा दूसरी थी सूरह बकरह की आख़िरी आयतें.
Surah Fatiha Benefits
Surah fatiha in hindi तर्जुमा को समझ कर अमल करने से अल्लाह ताला के पास आप की दुआ क़बूल होने की उम्मीद ज्यादा हो जाती हैं|
अल्लाह तआला हम सबको कुरान करीम समझ कर पढ़ने वाला और उसपर अमल करने वाला बनाए। अल्लाह तआला हम सबको शिर्क की तमाम शकलों से महफूज़ फरमाए
अमीन
इस सूरह को पूरा ध्यान से पढ़ने के लिए और सूरह फातेहा के बारे में जानने के लिए आप लोगो का शुक्रिया करता हूँ | सूरह फातिहा की तिलावत करे और अपनी ज़िन्दगी में अमल करे |
इस आर्टिकल को लिखने में हमने कोशीश है की कही कोई गलती न हो फिर भी आप को पढ़ कर कही भी कुछ गलती मिले तो हमें कमेंट कर के जरूर बताये जिससे हम उस गलती को जल्दी से जल्दी ठीक कर सके |
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व अखिरू दावाना अलाह्म्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन
Masha allah