मुहम्मद (स.अ.) की 10 सबसे ख़ास आदतें -जिन पर आज ही से अमल करना शुरू कर दें

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हदीस में नबी करीम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आदतों और रिवायतों को बहुत तफसील से बयान किया गया है। जो कि हर मुसलमान को ज़िन्दगी जीने के लिए बेहतरीन रहनुमाई का काम करती हैं, इस आर्टिकल में मै बताऊगा नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की 10 सबसे ख़ास आदतें -जिन पर आज ही से अमल करना शुरू कर दें। इस दौर में जब मुसलमान होने के लिए बहोत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ रही है। इसलिए हर मुस्लमान को तुरन्त सवाब की नियत से उस पर अमल करना चाहिए। इस आर्टिकल को आख़िर तक पूरा जरूर पढ़ें।

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नमाज़ और दुआ

यह दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बहुत ज़रूरी है। दुनिया भर के तमाम कामों के साथ साथ अल्लाह के सामने सर झुका कर अपनी जायज़ दुआ मगना एक बेहतरीन आदत और बहुत बड़ी नेमत है।

रोज़ा रखना

हमारे नबी (स.अ.) ने न सिर्फ़ रमजान में रोज़ा रखा, बल्कि अलग-अलग वक्त पर रमजान के अलावा भी रोज़ा रखते रहे, इसके दिनी और दुनयावी दोनों फायदे है।

पानी घूट घूट पीना

रिसर्च के आधार पर यह बात पता चली है की पानी घूट घूट कर के पीना चाहिए। एक ही बार में पूरा पानी पीना सिरदर्द और दूसरी बीमारियों की वज़ह हो सकती है।

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जल्दी जागना

हमारे नबी (स.अ.) फ़ज्र की नमाज़ से पहले उठते थे। यानि की तहज्जुद के वक़त ही उठ जाते थे, और आज विज्ञान भी कहता है कि सुबह जल्दी उठना बेहतर होता है।

पेट के बल नहीं सोना

हमारे नबी (स.अ.) की सबसे बेहतरीन तालीम में से एक है कि हमें पेट के बल लेटने से मना किया है।

ख़जूर

हाजमे को बेहतरीन बनाने के लिए खजूर का इस्तेमाल किया जाता है। अरब में इसका बहुत रिवाज है इसकी ख़ूबियों की वजह से ही रोज़ा इफ़्तार करने के लिए ख़जूर का इस्तेमाल होता है।

मुस्कुराना

हमारे नबी (स.अ.) ने फ़रमाया कि मुस्कुराना सदक़ा है। अगर कोई सदक़ा नहीं कर सकता तो कम कम लोगों से मुस्कुरा कर मिले इसी से सदके का सवाब हासिल हो जायेगा।

अपना मुहास्बा करना ( यानी खुद पर गौर फ़िक्र करना )

हमारे नबी (स.अ.) गुफा में खुद जाकर इबादत किया करते थे और कभी कभार लोगों से अलग होकर सिर्फ अल्लाह से लौ लगते थे।

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दांतों की सफाई

हमारे नबी (स.अ.) रोजाना हर नमाज़ के वक़्त अपने दांतों को मिसवाक से साफ करते थे।

सदक़ा (दान देना)

हमारे नबी (स.अ.) सदक़ा देने और गरीबों की मदद करने की ताक़ीद करते थे । आपने फ़रमाया कि वह मुसलमान नहीं है जिसका पेट भरा हुआ हो और उसके पड़ोसी भूखे सो रहे हैं।

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इस्लाम के आने के बाद औरत को वो मक़ाम व मर्तबा मिला कि वो घर की मलिका बन गयी। बीवी को खुश रखने के बेमिसाल इस्लामी तरीके जानने के लिए ये आर्टिकल अभी पढ़ें और शेयर करे।

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