इस्लाम में पाकी और सफ़ाई
जैसा की इस्लाम में कहा गया है की Safai Adha Iman Hai इसका मतलब ये है की हमें हमेशा खुद भी साफ़ पाक रहना चाहिए और अपने आस पास भी सफाई रखनी चाहिए।
हमें और इस सारे जहान को अल्लाह ताला ने बनाया है और उसने हम इनसानों को अशरफ़ुल -मख़लूक़ात बनाया है। ख़ुदा ने अपने मंसूबे के हिसाब से इंसानो को एक मुकर्रर और महदूद वक़्त के लिए दुनिया में भेजा है। इनसान के अन्दर वो सभी ताक़तें और सलाहियतें रखी गई हैं जो उस मंसूबे और मक़सद को पूरा करने के लिए ज़रूरी हैं।
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क़ुरआन मजीद में दी गयी कुछ हिदायतें
इस्लाम में सफ़ाई-सुथराई और पाकी की जो अहमियत दी गयी है उसका अन्दाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि हमारे पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) को ख़ुदा की ओर से जब लोगों की रहनुमाई के अहम काम पर लगाया गया, उस समय ख़ुदा ने उन्हें जो हुक्म दिया उनमें एक हुक्म सफ़ाई और पाकि का भी था।
उन्होंने फ़रमाया-
‘‘ऐ ओढ़ने-लपेटने वाले-पैग़म्बर मुहम्मद उठो और लोगों को बताने के काम करने में लग जाओ। और अपने पालनेवाले ख़ुदा की बड़ाई बयान करो। अपने दामन को साफ़ रखो और गन्दगी से दूर रहो।’
‘क़ुरआन सूरा-74 मुद्दस्सिर, आयत 1-5
क़ुरआन मजीद में पाक-साफ़ रहनेवालों के बारे में कहा गया है –
‘‘बेशक ख़ुदा तौबा करनेवालों को और पाक-साफ़ रहनेवालों को पसंद करता है।”
(क़ुरआन सूरा-2 बक़रा, आयत-222)
सफाई के बारे में पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की हिदायतें
अल्लाह के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) ने पाकी और सफ़ाई के बारे में अपने मानने वालो को तफ्सील से हिदायत दि हैं और अपने अमल व रवैये से रहती दुनिया तक के लिए एक बेहतरीन नमूना पेश फ़रमाया है।
एक अहम बात :- सबसे पहले ये जान लेते है की पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) के बताई बातो और हिदायतों की हैसियत मुसलमानों के लिए उपदेश और सलाह मशवरे की नहीं, बल्कि हुक्म की है, जिन पर चलना हर मुसलमान के लिए बेहद ज़रूरी है।
क़ुरआन में अल्लाह ताला फरमाते है –
‘‘रसूल अल्लाह (सल्ल0) जो आदेश तुम्हें दे उस पर चलो और जिस बात से तुम्हें रोके उससे रूक जाओ।”
क़ुरआन, सूरा-59 हश्र, आयत-7
इस्लाम में साफ़ पाक रहने के लिए ख़ास हिदायते दी गयी है साफ़ पाक रहने का मतलब है खुद को साफ़ रखने के साथ साथ अपने आस पास भी सफाई रखने से है। इसलिए तो कहा गया है की Safai Adha Iman Hai और इस्लाम में पाकि और सफाई का ख़ास ख्याल रखने का हुक्म दिया गया है।
आगे हम आपको बताने जा रहे है की वो कौन कौन सी चीज़े है जिनको साफ़ पाक करने का हमे हुक्म दिया गया है ये चीज़े नापाक तो नहीं होती मगर सही तरह से पाकी हासिल करने में रुकावट पैदा करती हैं। कभी-कभी तो इन चीज़ों की वजह से वुज़ू और ग़ुस्ल भी सही नहीं हो पाते है जिससे इबादत करने में रुकावट पैदा हो सकती हैं।
लिहाज़ा इन चीज़ो का ख्याल रखना ज़रूरी है। इन्हे साफ़ करके हम पूरी तरह पाकि हासिल कर सकते है। क्युकी कहा गया है की Safai Adha Iman Hai .
(1) सिर के बाल कटवाना/कतरवाना।
(2) मूँछों के बाल कटवाना ।
(3) बग़लों के बाल साफ़ करना ।
(4) नाफ़ के नीचे के बाल साफ़ करना।
(5) नाख़ून काटना।
(6) ख़तना कराना।
(7) दाढ़ी के बाल एक मुट्ठी से ज़्यादा को कतरवाना।
नमाज़ के वक़्त सफाई की हिदायत
जैसा की नमाज़ इस्लाम की एक अहम इबादत है। हर मुसलमान मर्द-औरत पर दिन में पांच बार नमाज़ अदा करना फ़र्ज़ जरुरी है। इसलिए नमाज़ को अदा करने से पहले हर तरह से पाक-साफ़ रहना ज़रूरी है, जिसकी कुछ तफ़सील आगे बयान की गई है। इतना ही नहीं, बल्कि क़ुरआन में हुक्म दिया गया है कि नमाज़ अदा करते वक़्त अपने जिस्म और दिल की सफ़ाई के साथ-साथ ज़ाहिरी तौर पर एक शरीफ़ाना और साफ़ लिबास भी इख़्तियार किया करो।
क़ुरआन में हुक्म दिया गया है की ‘‘हर नमाज़ के वक़्त अपनी ज़ीनत इख़्तियार किया करो ।”
नमाज़ के वक़्त जीनत इख़्तियार करने का मतलब यह है कि तुम्हारा जिस्म साफ़ पाक और लिबास शरीफ़ाना होना चाहिए, जिससे मालूम हो कि तुम ख़ुदा के दरबार में हो।
सफ़ाई-सुथराई और पाकि का असर इनसान के दिल और दिमाग़ पर तो पड़ता ही है, साथ ही सफाई का इनसान की सेहत की बेहतरी के साथ भी बड़ा गहरा रिस्ता है। सफ़ाई-सुथराई को हर इनसान फ़ितरी तौर पर पसन्द होती है, हाँ ये अलग बात है कि इसका तरीक़ा, मेयार और पैमाना लोगों की नज़र में अलग-अलग होता है।
इस आर्टिकल में हमने सफाई और पाकि के बारे में तफ्सील से बताया है क्युकी हर इंसान को साफ़ पाक रहना चाहिए क्युकी अल्लाह ताल को साफ़ पाक इंसान पसंद है इसीलिए तो कहा गया है की Safai Adha Iman Hai और हर इंसान को साफ़ पाक रहना चाहिए।
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