सच्चा मोमिन कौन है ?

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सच्चा मोमिन वही होता है जो अल्लाह पाक को दिल से याद करें और हमेशा उनका जिक्र करें । जिसे अल्लाह की याद से ही सुकून मिलने लग जाए वही है सच्चा मोमिन। सच्चे मोमिन तकब्बुर नही करते अल्लाह फरमाते है सच्चा मोमिन वही है जो अपनी दुआओं में दूसरो को याद रखे। हम आपको सच्चे मोमिनों की कुछ निशानियां बताने जा रहे है

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शिर्क करने के गुनाह

सच्चे मोमिन हमेशा शिर्क से परहेज रखते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि अल्लाह उन लोगों को माफ नहीं करेंगे जो शिर्क को अपने जिंदगी में शामिल करें । सुरह निशा में फरमाया है कि ” बेशक अल्लाह पाक शिर्क को माफ नहीं करेंगे उसके हर गुनाह अल्लाह पाक माफ़ कर देंगे “।

फर्ज नेमतें

सच्चा मोमिन होना इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ कुरान की तिलावत नमाज अदा कर ले । सच्चा मोमिन वही है जो इखलाक से रहे उसकी बातों में मिठास हो किसी को रुलाना तकलीफ देना यह सभी सच्ची मोमिन होने की निशानी नहीं होती अल्लाह पाक को वह शख्स कभी पसंद नहीं आता।

जो दूसरे शख्स को तकलीफ में देखें या उसे तकलीफ दें अल्लाह पाक ने नमाज और कुरान ए पाक के अलावा और भी कई चीजें हमें नेमत में दी है जिसकी हमें दिल से इज्जत करनी चाहिए जैसे की अपने मां बाप की इज्जत करना , छोटों से प्यार करना , औरत का पर्दे में रहना , हमारे हुज़ूर “सल्लल्लाहों अलैहि वसल्लम ” की दी हुई तालीम को अपनाना।

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हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करना

सच्चा मोमिन हमेशा सादगी के साथ जिंदगी गुजारता है वह कभी भी अल्लाह पाक से शिकायत नहीं करता कि अल्लाह पाक आपने मुझे इतनी कम नेमतें क्यों दि है या फिर मेरे इतने बड़े बड़े शौक है मैं पूरा करना चाहता हूं ,अल्लाह पाक जो अपनी खुशी से एक शख्स को बख्श दे उसे उसमें ही अल्लाह पाक का शुक्र अदा करना चाहिए ना कि अल्लाह से शिकायत करनी चाहिए कि हम इतने गरीब क्यों हैं और दूसरे लोगों के पास आपने इतनी सारी नेमतें क्यों अता की। अल्लाह जिसे जो देता है सोच समझ कर देता है इसलिए हर हाल में उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए।

अगर किसी शख्स को अल्लाह ताला ने ढेर सारी दौलत अता फरमाई है तो उसका फर्ज यह है कि वह गरीबों की मदद करें ना कि अपने पैसों पर घमंड करें । सच्चा मोमिन हमेशा अल्लाह की राह पर चलता है और अल्लाह की राह पर चलने वाले शख्स कभी पैसों का लालच या फिर दिखावे की दुनियादारी का लालच नहीं करते अल्लाह के दिए हुए नेमतों से ही खुश रहते हैं और रोज अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं ।

माफ करने की फजीलत

सच्चा मोमिन वही है जो दूसरों की गलतियों को माफ कर दे । दूसरों की गलतिया देखकर उनसे बदला लेना उनसे नफरत करना यह सब गलत बातें हैं अल्लाह पाक को यह बिल्कुल नहीं पसंद कि उनके बंदों से कोई नफरत करें उन्हे कोई रुलाए । हमेशा लोगों की गलतियां माफ करें और उन्हें सही तालीम दे नाकि उनसे कभी बदला ले । अल्लाह पाक को माफ करने वाले बंदे बहुत पसंद आते हैं और अल्लाह ऐसे लोगों पर अपनी रहमत बरसाते हैं।

सच्चा मोमिन हमेशा गलत कामों को करने से पहले डर जाएगा हमेशा अल्लाह पाक की दी हुई सजा याद आएगी कि गुनहगारों को अल्लाह पाक किस तरह की सजा देते हैं और ये डर कभी कोई इंसान से गुनाह होने नही देता । अल्लाह के बंदों को यह ख्याल आएगा कि आखिरत में वह अल्लाह पाक को क्या मुंह दिखाएगा।

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नमाज की पाबंदी

सच्चा मोमिन अपनी नमाज कभी कजा नहीं करेगा और फर्ज नमाज़ की सख्ती से पाबंदी करेगा । कुराने पाक में अल्लाह पाक फरमाते हैं बेशक नमाज अपने मुकर्रर वक्त में मुसलमानों पर फर्ज है। नमाज के साथ-साथ कुराने पाक रोज पढ़ना बहुत जरूरी है कुराने पाक पढ़ने से दिल को बहुत सुकून महसूस होता है और सारी तकलीफ दूर हो गई ऐसा महसूस होता है।

अल्लाह से मांगने के फायदे

सच्चा मोमिन कभी भी दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाता बल्कि वह हमेशा अपने अल्लाह से गिड़गिड़ा कर मांगता है जो भी उसे चाहिए होता है । सच्चा मोमिन हमेशा अपनी परेशानियां अल्लाह पाक को बताता है ना कि लोगों को । जो लोग अपनी तकलीफ दूसरों को बताते हैं उनकी तकलीफ का बस मजाक उड़ाया जाता है।

लेकिन जो अपनी तकलीफ अल्लाह पाक को बताते हैं अल्लाह उन परेशानियों को दूर करता है और शिफा देता है। क्योंकि जब अल्लाह का कोई बंदा अल्लाह के सामने रोककर गिड़गिड़ा कर उनसे कुछ मांगता है तो अल्लाह पाक उसे कभी भी खाली हाथ लोटने नहीं देते बस सही वक्त आने पर दुआए कुबूल करते है।

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हलाल और हराम में फर्क समझना

आजकल कई सारे मुसलमान हलाल और हराम में फर्क भूलते जा रहे हैं । नमाज के साथ-साथ और भी कई सारे फर्ज और नफील आयामों का पाबंद होना बहुत ज्यादा जरूरी । अल्लाह के रसूल” सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ” पर सच्चे दिल से ईमान और यकीन रखना सच्चे मोमिन की पहचान है । जो सोचते हैं कि पांच वक्त की नमाज पढ़ना और कुरान ए पाक की तिलावत अदा करने से वह सच्चा मोमिन बन गया तो ऐसा बिल्कुल नहीं है अल्लाह का डर और दिल से अल्लाह का एहतराम करने वाला इंसान ही एक सच्चा मोमिन है।

दिल में रहम जुबान मीठी रखना ही एक सच्चे मोमिन की पहचान है । भले ही सामने वाला आपको कितना भी गलत बोले समझे आप अपने दिल दिमाग को शांत रखे और बस अल्लाह को याद करें और अल्लाह से कहें कि – मैंने इसका जवाब तुझ पर छोड़ा है और उसे भूल जाए। यह चीज अल्लाह पाक बहुत पसंद करता है कि मेरे बंदे को मुझ पर भरोसा है और उसने अपनी सारी परेशानी मुझ पर छोड़ी है।

सच्चे मोमिनों को हमेशा आखिरत का डर होता है और वह आखिरत मे होने वाले हिसाब से डरते हैं इसलिए वह हमेशा अल्लाह के दिखाए हुए राह पर चलते हैं और दिल से अल्लाह की इबादत करने की कोशिश करते हैं । सच्चे मोमिनो को हमेशा खुद भी अल्लाह की राह पर चलना चाहिए और अपने बच्चों और परिवार वालों को भी नेक हिदायत देनी चाहिए उन्हें अल्लाह का डर कितना जरूरी है यह बताना चाहिए । अल्लाह पाक ने जिन चीजों को सुन्नत और फर्ज में बांटा है उन चीजों में फर्क बताना चाहिए।

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दुआ मांगने की फजीलत

जो इंसान छोटे से छोटे तकलीफों में भी अल्लाह पाक को याद करता है उनका जिक्र करता है ऐसे में अल्लाह पाक बहुत खुश हो जाते हैं क्योंकि अल्लाह पाक को बहुत पसंद है कि कोई उन्हें याद करें उनके सामने रोये अल्लाह पाक यही कहते हैं कि -“मेरे बंदों मेरे पास आओ मेरे सामने रो कर मुझसे मांगो में तुम्हारी सारी तकलीफ को दूर करूंगा” आप हर नमाज में अपनी दुआ को जारी रखें और कभी भी यह खयालात दिल और दिमाग में आने ना दें कि आपकी दुआ रद्द हो रही है आपकी दुआ किसी ना किसी तरह से जरूर अल्लाह पाक सुनेंगे और भले ही वक्त लगे लेकिन आपकी दुआ अल्लाह पाक जरूर कुबूल करेंगे । अपनी दुआ पर भरोसा रखें और अल्लाह पाक से रो कर गिड़गिड़ा कर दिल से दुआ मांगे।

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