अस्सलाम अलैकुम दोस्तों हमारे इस्लाम में सभी मुसलमानों को भाईचारे के साथ रहने का हुक्म दिया गया है। जितने भी मुसलमान भाई बहन है सबको एक दूसरे के साथ प्यार मोहब्बत से रहना है।
अल्लाह पाक ऐसे लोगों को बहुत पसंद करते हैं जो सभी के लिए अपने दिल में मोहब्बत रखते हैं ना कि नफरत क्योंकि नफरत इंसान से ऐसे काम करवाती है जो गुनाह होते हैं और सभी गुनाहों की माफी नहीं होती है।
जैसे कि Kisi Momin ko nahak katl Karne ki saza किसी मोमिन का नाहक कत्ल कर दिया जाए तो अल्लाह पाक उसे सजा देते हैं और उसे कभी माफ नहीं करते हैं क्योंकि हमारा इस्लाम बहुत प्यारा मजहब है और इसमें मिल जुल कर रहना है ना कि खून खराबा करना है।
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मोमिन को नाहक कत्ल करने की सजा
रसूल अल्लाह ने फरमाया कि इस्लाम में हर गुनाह की माफी है लेकिन जो शीर्क करते वक्त मर जाए और किसी बेगुनाह का जानबूझकर कत्ल कर दे उनकी माफी नही है।
इस्लाम इस बात की कभी इजाजत नहीं देता कि आप किसी को गलत बातें बोलो तो जरा सोचिए जो किसी का कत्ल करते हैं ऐसे लोगों पर कैसी सजा नाजिल होती होगी।
इस्लाम में कोई मोमिन किसी दूसरे मोमिन की बुराई करता है उसके पीठ पीछे बातें करता है उसके साथ बदतमीजी करता है तो अल्लाह पाक फरमाते हैं-
” जो जैसा है उसके साथ वैसा मत बनो क्योंकि इस्लाम में किसी भी मोमिन के साथ बुरा करना गलत है अगर कोई आपके साथ गलत करता है तो मुझ पर छोड़ दो मैं तुमसे बेहतर बदला लेने वाला हूं।”
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जो इंसान गुस्से में आकर किसी इंसान का कत्ल करता है तो ऐसे में अल्लाह पाक बहुत ज्यादा नाराज होते हैं और उसे इस्लाम से भी खारिज कर दिया जाता है जो किसी का कत्ल करता है उसे फिर मुसलमान होने का कोई हक नहीं होता है।
इस्लाम में किसी का कत्ल करना हराम माना जाता है और हराम काम करने वाले इस्लाम से खारिज कर दिए जाते हैं भले ही दुनिया की नजर में वह इस्लाम मजहब के हो लेकिन अल्लाह की नजर में वो इस्लाम से खारिज हो चुका होता है।
अल्लाह पर भरोसा रखना
हमारे इस्लाम में सच्चे मुसलमानों की पहचान है की लोग अल्लाह पर भरोसा रखते है और अल्लाह पर भरोसा रखना, सब्र करना बहुत ज्यादा मुश्किल है और लोग सब्र नहीं करते और फैसला कर देते हैं।
लोग सब्र करना मंजूर नहीं करते भले ही उन्हें किसी का कत्ल क्यों ना करना पड़ जाए। लेकिन वह भूल जाते हैं कि हमारा इस्लाम ऐसा मजहब जहां पर सब्र करने पर अल्लाह इतनी सारी नेमतें बखस्ता है की संभालना मुश्किल पड़ जाता है।
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अगर कोई आपके साथ गलत करता है तो ऐसे में सब्र करें और अल्लाह से कहें कि तु मुझसे बेहतर बदला लेने वाला है इसलिए मैं सब्र कर रहा हूं और मैं इसका बदला तुझ पर छोड़ता हूं।
बस इतना सब्र अगर किसी में आ जाए तो कोई भी मोमिन किसी का नाहक कत्ल नहीं करेगा। हमारे हुजूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से ज्यादा मीठी जुबान किसी की नहीं थी उन्हें जब भी कोई बुरा बोलता था तो वह उसे पलट कर कभी जवाब नहीं देते थे और ना ही उसके साथ कभी गलत करते थे।
हम हुजूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के उम्मती है हमें उनके दिखाए हुए राह पर ही चलना है। उन्होंने अपनी अच्छाई और मीठी बातों से सबका दिल जीता ना कि किसी से बदला लेकर या फिर किसी को बुरा कह कर।
तोहमत लगाने की सजा
हमारे इस्लाम में किसी पर बेबुनियाद तोहमत लगाने पर भी अल्लाह पाक ने सजा नाजिल की है। जब किसी औरत पर या मर्द पर बेबुनियाद तोहमत लगाए जाते है तो अल्लाह पाक ऐसे लोगों से कभी राजी नहीं होते।
और जो इंसान अपने मोमिन भाइयों को मुनाफिक के सर से बचाएगा तो कयामत के दिन अल्लाह पाक उसके साथ एक फरिश्ते को मुकर्रर कर देंगे जो उसके बदन को जहन्नम की आग से बचाएगा।
किसी के ऐब छुपाने के फजीलत
हमारे इस्लाम में सब में छोटी-छोटी चीजों पर अल्लाह पाक ने बड़ी फजीलत रखी है किसी की बुराई करना बहुत ही आसान है लेकिन जो इंसान अपने मोमिन भाई बहनों या किसी की भी बुराइयां छुपाता है तो ऐसे में अल्लाह पाक ने उस पर जन्नत नाजिल किया है।
जरा सोचिए कि जब इस्लाम मजहब में इतनी छोटी-छोटी चीजों पर फजीलत है तो हराम काम करने से अल्लाह पाक को कितनी तकलीफ होती होगी और अल्लाह पाक ऐसे लोगों से कभी राजी नहीं होते जो सभी चीजों को जानने पर भी गलत राह चुनते हैं।
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कैसे लोगों का कत्ल करना जायज है
इस्लाम मजहब में बेकसूर और मासूम लोगों का कत्ल करने या फिर उन्हें तकलीफ देकर मार देने वाले लोगों को अल्लाह पाक कभी माफ नहीं करते और उन्हें अल्लाह पाक सीधे जहन्नुम भेजते हैं।
लेकिन अल्लाह पाक ने कुरान ए पाक में यह भी फरमाया है कि जो लोग अल्लाह पाक और उनके रसूल से लड़ते हैं दुनिया में फसाद करने की कोशिश करते हैं तो ऐसे लोगों का कत्ल करने का हुक्म दिया गया है।
क्योंकि अल्लाह पाक और उनके रसूल से लड़ना इस्लाम में जायज नहीं है और ऐसा करने वालों को इस्लाम से खारिज कर दिया जाता है और इस्लाम से खारिज करने के बाद फिर वह इंसान अल्लाह पाक को बिल्कुल नापसंद होता है।
लेकिन अल्लाह पाक बहुत ही रहम दिल वाला है और बेशक माफ करने वाला भी है जो इंसान गलतियां करने के बाद गलती का एहसास करता है और अल्लाह पाक से रो कर गिड़गिड़ा कर माफी मांगता है तो ऐसे में अल्लाह पाक उसे माफ कर देते हैं।
मौत किस वक्त जायज है
हमारे इस्लाम में मौत तब तक जायज नहीं होती जब तक कि उसे खुद मौत ना आ जाए जब तक फरिश्ते आकर उसकी रूह न ले जाए।
जो लोग अपने आप को जानबूझकर मार देते हैं ऐसे लोगों की मौत जायज नहीं होती। अल्लाह पाक उन्हें कयामत तक अपने रूबरू नहीं करते।
क्योंकि अल्लाह पाक की मर्जी के बिना एक पत्ता नहीं हिलता तो जरा सोचिए कि अल्लाह पाक ने कितने प्यार से हम इंसानों को बनाया है और जब कोई किसी का बेरहमी से कत्ल कर देता है या खुद की जान ले लेता है तो ऐसे में अल्लाह पाक को कितनी तकलीफ होती होगी।
अल्लाह सब्र करने वालों के साथ होता है
जो लोग सब्र करते हैं अल्लाह बेशक उन लोगों के साथ होता है जैसे कि अगर कोई किसी को तकलीफ दे रहा है या परेशान कर रहा है तो वह बिना सोचे समझे उसे बड़ी तकलीफ या परेशानी दे देता है और बदला ले लेता है।
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सिर्फ इतना ही नही अगर कोई इंसान किसी को ज्यादा तकलीफ देता है तो वो गुस्से में आकर उसका कत्ल तक कर देता है।
ऐसा करना बहुत ही गलत होता है क्योंकि इस्लाम में जो चीजें मना की गई है उसमें कोई सुनवाई नहीं होती है जिस चीज में गुनाह मुकर्रर कर दिया गया है उस चीज में सजा मिलती ही मिलती है जैसे कि कत्ल करने वालों को अल्लाह पाक सजा देता ही है।
कैसे लोगों पर मुसीबत आती है
अल्लाह हमेशा अपने बंदो को मुसीबत में डालकर आजमाता है कि वह कितना सब्र करने वाला है और अल्लाह पर उसे कितना भरोसा है।
अल्लाह पाक कभी भी अपने बंदों को यह सोचकर परेशानी में नहीं डालता कि इसने गलत किया है बल्कि अल्लाह पाक लोगों को परेशानियों में इसलिए डालता है ताकि उसे पता चले कि दुनिया बस दिखावे के लिए है असलियत सिर्फ अल्लाह है।
और अल्लाह यह भी देखता है कि जब वह अपने किसी मोमिन को मुसीबत में डालता है तो वह सब्र करता है या फिर गलत कदम उठा लेता है जैसे कि अगर किसी मुस्लिम भाइयों की लड़ाई हो जाती है तो ऐसे में एक भाई दूसरे भाई का कत्ल कर देता है।
तो अल्लाह का फरमान है कि जब कोई आप से लड़ता है तो उस वक्त चुप हो जाइए और जब आपको बहुत गुस्सा आता है तो उस वक्त आप दरूद शरीफ पढ़ना शुरू कर दीजिए क्योंकि गुस्से को काबू में रखने के लिए दरूद शरीफ दवा की तरह काम करता है।
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अल्लाह पाक आजमाइश में क्यों डालता है
अल्लाह पाक अपने बंदों को हर तरह से आजमाता है दौलत देखकर भी और दौलत लेकर भी दुनिया की सारी खुशियां देकर भी और छीन कर भी।
वह देखता है कि उनके बंदे अल्लाह पाक को अपनी खुशी में याद करते हैं या फिर अपने दुख में।
इस्लाम में गैरों के साथ भी अपने जैसा सुलुक करने का हुक्म दिया गया है लेकिन यहां भाई भाई जान के दुश्मन है दौलत शोहरत के लिए भाई भाई कहीं कत्ल कर देता है।
तो ऐसे में अल्लाह पाक या तो दुनिया में ही उनसे सारे ऐशो आराम छीन लेता है या फिर कयामत के दिन उनसे सारे हिसाब ले लेता है।
दुनिया में तो गुनाह की सजा मिल ही जाती है लेकिन कई बार लोग गुनाह करके भी बच जाते हैं और वह सोचते हैं कि उन्होंने बहुत बड़ी कामयाबी हासिल कर लि लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।
अगर कोई इंसान गुनाह करता है तो दुनिया में तो उसे सजा मिलती है और अगर नहीं भी मिलती है तो अल्लाह पाक कयामत के दिन उन्हें जरूर सजा देते हैं या फिर मरने के बाद अल्लाह पाक सीधे उन्हें जहन्नम की आग में धकेल देता है।
गुनाह करने वालों की कहीं बक्शीश नहीं है ना ही दुनिया में और ना ही आखिरत में इसलिए कहते हैं ना कि गुनाह करने से बचें क्योंकि आज भले ही हम सुकून से अपनी जिंदगी जी रहे हैं लेकिन ऊपर जाने के बाद हमारा रोम रोम हमारी सारी गलतियां बताएगा।
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सभी के साथ भाईचारे से रहे मोहब्बत से रहे क्योंकि हमारा इस्लाम मजहब बहुत खूबसूरत है और यह हमें पूरी दुनिया को बताना है कि हमारे इस्लाम मजहब में जितनी मोहब्बत इज्जत है उतनी और किसी मजहब में नहीं है।
और हमें अल्लाह पाक का कितना डर है जिस वजह से हम गुनाह नहीं करते।
हमने इस्लाम मजहब में जन्म लिया है यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है इसलिए सबके साथ मोहब्बत से रहे सब की इज्जत करें और हमारे हुजूर अकरम मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की बताई हुई राह पर चले ताकि हम अल्लाह को राजी कर पाए।