राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC क्या है ? What is National Register of Citizenship

You are currently viewing राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC क्या है ? What is National Register of Citizenship
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC क्या है
  • Post author:
  • Reading time:2 mins read

आइए जानते हैं क्या है राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC:What is National Register of Citizenship

आज हमारे देश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) का नाम हर व्यक्ति के दिमाग में घूम रहा है. हर व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि आखिर उन्हें अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए कौन से डाक्यूमेंट्स दिखाने होगे?

NRC में शामिल होने के लिए कौन कौन से डाक्यूमेंट्स जरूरी होंगे?

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर NRC क्या है What is National Register of Citizenship (NRC)
सबसे पहले 1951 में असम में नागरिकों को उनके घरों और उनकी संपत्तियों को जानने के लिए तैयार किया गया था. राज्य में NRC को अपडेट करने की मांग 1975 से ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन All Assam Students Union द्वारा उठाई गयी थी.

असम समझौता 1985

बांग्लादेशी स्वतंत्रता से एक दिन पहले 24 मार्च 1971 की आधी रात को राज्य में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी शरणार्थियों के नाम मतदाता सूची से हटाने और वापस बांग्लादेश भेजने के लिए बनाया गया था. एक अनुमान के अनुसार असम की आबादी लगभग 33 मिलियन है. यह एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने NRC को अपडेट किया है. एनआरसी की प्रक्रिया सबसे पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई थी

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के उद्देश्य क्या है What is the Objectives of NRC

NRC क्या है : असम में एनआरसी अपडेट का मूल उद्देश्य; प्रदेश में विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों की पहचान करना है. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन जैसे संगठनों और असम के अन्य नागरिकों का दावा है कि बांग्लादेशी प्रवासियों ने उनके अधिकारों को लूट लिया है और वे राज्य में हो रही आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. इसलिए इन शरणार्थियों को अपने देश भेज दिया जाना चाहिए.

NRC के बारे में डेटा

सरकार ने NRC प्रक्रिया पर लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, इसमें 55000 सरकारी अधिकारी शामिल थे और पूरी प्रक्रिया में 64.4 मिलियन दस्तावेजों की जांच की गई थी.

कैसे पता चलेगा की असम का नागरिक कौन है (Who is citizen of Assam)

25 मार्च, 1971 से पहले असम में रहने वाले लोग असम के नागरिक माने जाते हैं. इस प्रदेश में रहने वाले लोगों को सूची A में दिए गए कागजातों में से कोई एक जमा करना था. इसके अलावा दूसरी सूची B में दिए गए दस्तावेजों को अपने असम के पूर्वजों से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए एक दस्ताबेज पेश करना, जिससे यह माना जा सके कि आपके पूर्वज असम के ही थे.

NRC को कैसे अपडेट किया गया है?

NRC क्या है: यदि कोई भी असम के नागरिकों की चयनित सूची में अपना नाम देखना चाहता है, तो उसे 25 मार्च, 1971 से पहले राज्य में अपना निवास साबित करने के लिए ‘लिस्ट A’ में दिए गए किसी एक दस्ताबेज को NRC फॉर्म के साथ जमा करना होगा. यदि कोई दावा करता है कि उसके पूर्वज असम के मूल निवासी हैं,इसलिए वह भी असम का निबासी है तो उसे ‘लिस्ट B’ में उल्लिखित किसी भी एक दस्तावेज के साथ एक NRC फॉर्म जमा करना होगा.

NRC की लिस्ट A में मांगे गए मुख्य दस्ताबेज इस प्रकार हैं

  • 25 मार्च 1971 तक इलेक्टोरल रोल
  • 1951 का एन.आर.सी.
  • किराया और किरायेदारी के रिकॉर्ड
  • नागरिकता प्रमाणपत्र
  • स्थायी निवासी प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट
  • बैंक या एलआईसी दस्तावेज
  • स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र
  • शैक्षिक प्रमाण पत्र और अदालत के आदेश रिकॉर्ड
  • शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र

NRC की लिस्ट B में शामिल मुख्य दस्तावेजों में शामिल हैं

  • भूमि दस्तावेज
  • बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र
  • बर्थ सर्टिफिकेट
  • बैंक / एलआईसी / पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड
  • राशन कार्ड
  • मतदाता सूची में नाम
  • कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य दस्तावेज
  • विवाहित महिलाओं के लिए एक सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र

फाइनल एनआरसी सूची जारी (Final NRC list released)

NRC क्या है: सबसे पहले असम में अंतिम NRC सूची 31 अगस्त 2019 को जारी की गई थी. इस सूची में 19,06,657 लोगों को शामिल नहीं किया गया जबकि 3.11 करोड़ इस नागरिकता सूची में शामिल किये गये हैं. इस सूची में कुल 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था.

क्या सूची से बहिष्करण का मतलब विदेशी घोषित होना है

नहीं, जो लोग सूची से बाहर किए गए हैं, वे उन विदेशी ट्रिब्यूनलों पर आवेदन कर सकते हैं जो 1964 के कानून के तहत अर्ध न्यायिक निकाय हैं. ये लोग सूची जारी होने के 120 दिन के भीतर इन न्यायाधिकरणों से अपील कर सकते हैं.

यदि किसी को विदेशी ट्रिब्यूनल में विदेशी घोषित किया जाता है तो वह उच्च न्यायालयों का रुख कर सकता है. यदि किसी को अदालतों द्वारा विदेशी घोषित किया जाता है तो उसे गिरफ्तार करके नजरबंदी केंद्र में रखा जा सकता है. जुलाई 2019 तक 1,17,164 व्यक्ति विदेशी घोषित किए गए हैं, जिनमें से 1,145 हिरासत में हैं.

This Post Has 3 Comments

  1. Tamanna khan

    Bahut acha article hai

  2. Musharraf zia

    हमारे देश में एनआरसी लाने की कोई भी जरूरत नहीं है

Leave a Reply