जिन घरों में रिज्क की कमी होती है बरकत और दौलत नहीं होती उस घर में अगर रोज सूरह वाकिया की तिलावत की जाए तो वह घर रिज्क और बरकतों से भर जाता है। इस आर्टिकल में मैं सूरह वाकिया के हैरतअंगेज फायदे बताऊंगी जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। आर्टिकल को पूरा पढ़े क्योंकि इसके अलावा भी सुरेह वाकिया के कई सारे फायदे हैं जो हम आपको आखिर में बताएंगे।
तो चलिए शुरू करते है –
सूरह वाकिया कुरान मजीद की 56वी सुरह है और ये 27 वे पारे में है। इसके पढ़ने की फजीलत इतनी बड़ी है कि अगर कोई शख्स अपने कारोबार को लेकर परेशान हैं या नौकरी नहीं लग रही है और किसी भी तरह की माली परेशानी है तो ये अभी परेशानीया सुरेह वाकिया से दूर हो जाएगी
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लेकिन इसे पढ़ते वक्त आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि आपको अल्लाह पर यकीन और नमाज की पाबन्दी करना है तभी आप इस सूरह से फायदा हासिल कर सकते हैं।
वैसे तो सूरह वाकिया फज्र के नमाज़ के बाद भी पढ़ सकते हैं लेकिन कुछ लोगों ने मगरिब के बाद इसके पढ़ने को अफजल वक्त माना है यानी मगरिब की नमाज के बाद फॉरन इस सूरह को पढ़ना चाहिए अगर किसी वजह से आपको मगरीब में वक्त ना मिले तो आप ईशा में भी सुरह वाकिया को पढ़ सकते हैं।
आर्टिकल में आगे सूरह वाकिया की और भी कई सारी फजीलतें मैं आपको बताने वाली हूं इससे पहले आप आर्टिकल को शेयर कर दीजिए।
एक रिवायत में यह आया है कि जो शख्स सुरेह वाकिया पड़ता है वह जन्नतुल फिरदौस के रहने वालों में पुकारा जाता है। और एक रिवायत में यह भी आया है की सूरह वाकिया सूरतुल गनी है इसको पढ़ने से और अपनी औलाद को इसे पड़ना सिखाने से यह हमें अमीर कर देती हैं।
नबी पाक सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया के सूरह वाकिया दौलत की सूरत है इस की तिलावत किया करो और अपने बच्चों को भी पढ़ाया करो और अपनी बीवियों को भी सिखाओ।
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दोस्तों अब हम आपको सुरेह वाकिया को पढ़ने का तरीका बताने वाले हैं इसलिए आर्टिकल को बिना स्किप किए ध्यान से पढ़े
अल्लाह पर जितना भरोसा किया जाए और जितनी उम्मीद लगाई जाए अल्लाह पाक उससे बढ़कर हमें अता करता है यानी कि आप जैसी नियत रखेंगे आपको वैसी ही बरकत दी जाएगी।
इसलिए फज्र या मगरिब के नमाज़ के बाद सुरह वाकिया की तिलावत करें और अपने दिल की मुराद अल्लाह पाक के सामने रखें और उनसे गिड़गिड़ा कर दुआ करें बेशक अल्लाह पाक हमारी दुआओं को कुबूल करने वाला है हमारी परेशानियों को दूर करने वाला है।
सूरह वाकिया को पढ़ने से घर में बरकत तो आती ही है साथ में यह हमें जन्नत में जगह दिलवाती है और इसे पढ़कर हम अपनी मगफिरत की दुआ भी कर सकते हैं।
दोस्तों अगर आप अपनी दुआओं को कुबूल करवाना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि आपकी दुआ सीधे फरिश्ते अल्लाह पाक तक पहुंचा दें तो आप इस आर्टिकल को पढ़े और शेयर करें।
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