Musibat Ki Dua In Hindi
परेशानियां किसकी ज़िन्दगी में नहीं होती है हर इंसान किसी न किसी तरह से परेशान होता है। लेकिन किसी भी तरह की परेशानी क्यों न आये हमेशा याद रखना चाहिए की अल्लाह सबसे बड़ा और रहीम है। हम आपको बता रहे है musibat ki dua in hindi.
परेशानियां किसकी ज़िन्दगी में नहीं होती है हर इंसान किसी न किसी तरह से परेशान होता है। लेकिन किसी भी तरह की परेशानी क्यों न आये हमेशा याद रखना चाहिए की अल्लाह सबसे बड़ा और रहीम है। हम आपको बता रहे है musibat ki dua in hindi.
दुनिया में इस्लाम मज़हब को लेकर लोगो का एक अलग ही नजरिया है। इस्लाम को बहुत ही बेरहम मज़हब दिखाया जाता है यहाँ पर हम आपको Islam ki achi baatein in hindi बता रहे है।
मुहर्रम इस्लामिक धर्म में मनाया जाने वाला त्योहार है। जिसे मुस्लिम धर्म के लोग हर साल बड़ी शिद्दत से मनाते हैं। यह त्योहार विश्वास और शहादत की सीख देता है।…
Allah ki Rehmat अल्लाह सुभानहू वा ताअला की रहमत हर उस शख्श के लिए है जो उसके सामने हाथ फैलाये बैठा है। बेशक वो रहम करने वाला और माफ़ करने वाला है। अल्लाह सुभानहू वा ताअला अपने बन्दों से फरमाते है की तुम इतने गुनाह करो की पूरी ज़मीन और पूरा आस्मां तुम्हारे गुनाहो से भर जाये और उसके बाद भी मैं तुम्हारे एक तौबा करने पर उन सारे गुनाहो को माफ़ कर दूंगा।
bakra eid ka mahatva ईद-उल-अज़हा यानी बकरा ईद मुस्लिम धर्म के समाज का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। बकरीईद आपसी भाईचारे और बलिदान का त्योहार माना जाता है। इस दिन सुबह सवेरे नमाज पढ़ कर त्योहार की शुरुआत की जाती है।
मिस्वाक से सफ़ाई के अलावा बहुत सी बीमारियाँ भी दूर होती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको दीनी और दुनयावी एतबार से Miswak Ke Fayde के बारे में कुछ अहम बाते बतायेगे।
Qayamat ki Nishanian क़ुरानों सुन्नत की रोशनी में नबी करीम (स०अ०) ने हमें क़यामत की निशानियाँ बता दी हैं। बेशक कयामत की निशानीयो मे से ये भी निशानी है, इल्म का उठ जाना, जहालत का फैल जाना।
आज हम लोग अपने को नबी सल्लाहु अलैहि वसल्लम से मुहब्बत करने का दावा तो करते है लेकिन सही मायने में Nabi Ki Sunnat क्या है? या तो हमें मालूम नहीं या फिर मालूम है भी तो अमल नहीं करते।
क़ुरान व हदीस की रौशनी Ilm Ki Ahmiyat रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया कि उस मुसलमान के लिए जन्नत का रास्ता आसान होगा जो इल्म ताल्लुक से यू तो अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने क़ुरआन में कई आयतें नाज़िल की है. कुछ का तज़किरा हम इस पोस्ट में करते हैं
क़ुरआन क़ुरआन-ए-करीम अल्लाह सुब्हानहु व ताअला का वो अज़ीमुश्शान कलाम है जो इन्सानों की हिदायत के लिए ख़ालिक़ कायनात ने अपने आख़िरी रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाज़िल फ़रमाया और Quran Kareem Ki Hifazat का ज़िम्मा खुद लिया।