Dua e Masura
Dua e Masura नमाज पुरी होने से ठीक पहले पढ़ी जाती है यानी कि जब हम अत्तहियात के बाद दरूद शरीफ पढ़ लेते हैं उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ते हैं। फिर उसके बाद सलाम फेरते है।
Dua e Masura नमाज पुरी होने से ठीक पहले पढ़ी जाती है यानी कि जब हम अत्तहियात के बाद दरूद शरीफ पढ़ लेते हैं उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ते हैं। फिर उसके बाद सलाम फेरते है।
Namaz Ki Wajibat यानि की नमाज़ के अनदर जो वाजिब होता है। मतलब की फर्ज से एक दर्जा कम लेकिन जरुरी ये भी है। वाजिब अगर छूट जाये तो सजदा साहू करने से नमाज़ हो जाएगी।
Kalma इस्लाम का वो दरवाजा है जो की हमारे दीन और ईमान की जड़ व बुनियाद है।इन्ही कलमों को पढ़कर लोग उम्र भर के काफिर से मुस्लिम मोमिन और मुसलमान बन जाते हैं।
अल्लाह सुब्हानहु व ताअला ने हर बलिग औरत और मर्द पर नमाज़ फर्ज की है। किसी भी हालत में नमाज़ माफ़ नहीं है। इंशाल्लाह इस आर्टिकल को पढ़ कर आप Namaz Ka Tarika अच्छी तरह सीख जायेगे।
हर मुसलमान को यह मसनून दुआएं याद करना चाहिए इन दुआओं के बारे में अच्छी बात यह है कि आप केवल एक मिनट में ही इनको पढ़ सकते हैं।
यहां पर Shadi Ki Pehli Raat In Islam के बारे में बात करने का और लिखने का हमारा मकसद कोई बेहयाई फैलाना नहीं है। हमारा मकसद सिर्फ़ उन लोगो को इस्लाम का तरीका बताना है जिनको इस बारे में मालूमात कम है या है ही नही।
Quran Surah अल्लाह तआला इरशाद फ़रमाता है- जब क़ुरान पढ़ा जाए तो उसे कान लगाकर सुनो और ख़ामोश रहो कि तुम पर रहम हो,सुलल्लाहो अलैहे व सल्लम ने फ़रमाया जो क़ुरान पाक पढ़ेगा और उसके मुताबिक़ अमल करेगा, क़यामत के दिन अल्लाह तआला उसके माँ-बाप को एक ताज पहनाएगा।
छोटे गुनाह अल्लाह ताला नमाज़ पढ़ने रोज़ा रखने और सदका देने से माफ़ हो जाता है। लेकिन जो बड़े गुनाह है वो बिना तोबा के माफ़ नहीं होता। इसके लिए आप Tauba Campaign को देख सकते है।
रमजान के महीने की रातों में से पांच राते शब् ए कद्र की होती है ओर इन्ही रातो में से कोई एक रात है जिसे शब् ए कद्र कहते है। इसके बारे में और सही से जानने के लिए आप पढ़ सकते है Surah Al Qadr In Hindi.
रोज़े को अरबी जबान में सौम कहते हैं। इसका मतलब होता है रुकने और चुप रहना। क़ुरआन में इसको सब्र भी कहा गया है, जिसका मतलब है अपने आप पर अख्तियार रखना। (Stability)। आगे हम बता रहे है की Roza Kholne Ki Niyat कैसे करे।