Dua e Masura

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दुआ ए मासुरा क्या है ?

Dua e Masura नमाज पुरी होने से ठीक पहले पढ़ी जाती है यानी कि जब हम अत्तहियात के बाद दरूद शरीफ पढ़ लेते हैं उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ते हैं। फिर उसके बाद सलाम फेरते है।

इस दुआ को हर मुसलमान को याद होनी चाहिए। लेकिन अगर किसी वजह से याद नहीं है तो इसकी जगह पर कोई दूसरी दुआ भी पढ़ सकते हैं।

नमाज पढ़ने में अगर वक्त की कमी हो या कोई और जल्दी हो या नमाज का टाइम खत्म हो रहा हो तो दुआ ए मसुरा को ना पढ़े तो भी नमाज हो जाएगी

दुआ ए मासुरा का हिंदी तर्जुमा वीडियो

ये भी पढ़े: Namaz Ka Tarika

हमने Dua e Masura हिंदी, अरबी और इंग्लिश में अपलोड कर दिया है, आपको जिसमें भी आसानी ही पढ़ सकते है। और याद भी कर सकते है।

अगर आप को पहले से याद है तो एक बार मिला कर देख ले की कही आप कोई गलती तो नहीं कर रहे है। इसके साथ हमने इस दुआ का तर्जुमा भी दे दिया है।

जब आप दुआ या कुरान की आयात का माने और मतलब समझ कर पढ़ते है तो सवाब भी ज्यादा मिलता है और साथ ही हमारा दिल भी पढ़ने में लगता है।

Dua e Masura एक बहोत ही अच्छी दुआ है। आप इस दुआ को नमाज़ के बाहर यानि की जब आप की नमाज़ पूरी हो जाती है और दुआ मांगते है उस वक्त भी पढ़ सकते है।

दुआ ए मासुरा हिंदी में

बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम

अल्लाहुम्मा इन्नी ज़लमतू नफ़्सी ज़ुलमन कसीरा, वला यग़फिरुज़-ज़ुनूबा इल्ला अनता, फग़फिरली मग़ फि-र-तम्मिन ‘इनदिका, वर ‘हमनी इन्नका अनतल ग़फ़ूरूर्र रहीम

Dua e masura in hindi tarjuma

तर्जुमा: ए अल्लाह हमने अपनी जान पर बहुत जुल्म किया है और गुनाहों को तेरे सिवा कोई माफ नहीं कर सकता हमारी मग फिरत फरमा ऐसे मग फिरत जो तेरे पास से हो और हम पर रहम कर बेशक तू बड़ा मग फिरत करने वाला और रहम करने वाला है।

दुआ ए मासुरा अरबी में

Dua e masura in Arbic

दुआ ए मासुरा अरबी हिंदी तर्जुमा में

Dua e masura in hindi

दुआ ए मासुरा अरबी उर्दू तर्जुमा

Dua e masura in Urdu

Dua e Masura in English

Bismilla hirrama nirrahim

Allahumma Inni Zalamtu Nafsi, Zulman Kaseeraan, Wala Yaghfiruz-Zunooba Illa Anta Faghfirlee Maghfiratan-mMin ‘Indika War Hamnee Innakaa Antal Ghafoorur Raheemu

Dua e masura in English

दुआ ए मासुरा की हदीस

अब्दुल्लाह बिन अमर से रिवायत है की एक बार हजरत अबू बकर रजिअल्लाहो अन्हु ने आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम की खिदमत में हाजिर हुए और पूछा या रसूल अल्लाह मुझे ऐसी दुआ सिखा दीजिये जो मै नमाज़ में पढ़ा करूँ तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम ने उन्हें दुआ ए मासुरा सिखाई।

(Source Sahih Al Bhukhari)

This Post Has 11 Comments

  1. Mohammed Tadeeb

    Jazak Allah ! Very well explained, May Allah grants you more success.

  2. Irfaan

    Bahut badhiya👌👌

  3. Mohsin khan

    Mashaallah aapne bht achcha explain kiya hai

  4. Md

    Allah Aapko aur ucha mukam ata Karen…

  5. Md

    Mashaallah allah aur bulandi ata farmaye.

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