क्या आपको पता है कि रमजान के दिनों में एक वक्त ऐसा है जिसमें अल्लाह ताला रोजेदार की दुआ कुबूल फरमाता है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि हम उस वक्त को मिस कर देते हैं।
इस आर्टिकल में हम रमजान के वक्त दुआ कुबूल होने वाली टाइमिंग बताने वाले हैं।
हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उस वक़्त के बारे में अपने बंदों को बता दिया कि वह वक़्त ऐसा है कि अगर रोजेदार अल्लाह के सामने हाथ उठाएं उनके सामने आंसू बहा दे कोई बात अल्लाह के सामने रख दे अपनी ख्वाहिशात या अपनी परेशानी बता दे तो अल्लाह उनकी सारी बातें सुनेगा और उनकी परेशानियों को हल करेगा और उनकी दुआओं को कबूल फरमाएगा।
ये भी पढ़े – सफर की दुआ
दोस्तों आर्टिकल को पूरा पढ़ें क्योंकि आखिर में आपको वह टाइमिंग पता चल जाएगी जिस वक्त आप रमजान में अपनी सारी दुआओं को कुबूल करवा सकते हैं।
रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से इरशाद है कि 3 आदमियों की दुआ कभी रद्द नहीं होती-
1. रोजेदार कि जब वह इफ्तार के वक्त दुआ मांगता है।
2. आदिल (इन्साफ करने वाले )बादशाह की
3. मजलूम इंसान की
ये भी पढ़ें : रसूल अल्लाह की क़ीमती नसीहतें
दोस्तों आर्टिकल को शेयर कर दीजिए क्योंकि हर मुस्लमान चाहता है कि उनकी दुआ कुबूल हो और आपकी वजह से उन्हें दुआ की कुबूलियत का वक्त पता चल जाएगा।
लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको सिर्फ इफ़्तार के वक्त की दुआ ही बताने वाले है।
दोस्तों इफ्तार करने के लिए जब हम बैठते हैं उसके 15 से 20 मिनट तक अगर इस बीच में कोई दुआ मांगे तो अल्लाह कुबूल कर लेते हैं।
इसलिए इस वक्त सभी मुसलमान अगर कुछ मांगे तो अल्लाह दुआ तुरंत कुबूल करते हैं। पूरी फैमिली अगर साथ में बैठकर दस्तरखान में इफ्तारी रखकर दिल से दुआ मांगे तो उनकी दुआ सीधे अल्लाह तक पहुंचाती हैं।
ये भी पढ़े : इस्लाम में पाकी और सफ़ाई
आगे बढ़ने से पहले आप जल्दी जल्दी आर्टिकल को लाइक कर दीजिए।
दोस्तों आप भी नियत कर लीजिए कि इस कीमती वक्त को आप लोग मिस नहीं करेंगे इंशाल्लाह।
दोस्तों कोई भी मुसलमान यह कभी नहीं चाहेगा कि उसे उसके हिस्से का सवाब ना मिले लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें रोजा रखने के बाद भी रोजे का सवाब नहीं मिलता जानने के लिए ये आर्टिकल अभी पढ़ें और शेयर करे।