रमजान का रोजा फर्ज है और जो रमजान के रोजे छोड़ता है वो गुनहगार होता है लेकिन क्या आपको पता है 9 ऐसे लोग हैं जिन्हें रमजान का रोजा छोड़ने पर गुनाह नहीं मिलता। लेकिन कौन है ऐसे लोग? दोस्तों आर्टिकल को पूरा देखें क्योंकि हम आपको 9 लोगों की पुरी जानकारी देने वाले हैं और आर्टिकल को शेयर भी कर दे क्योंकि अच्छी बातें दूसरों तक पहुंचाने से अल्लाह खुश होता है।
तो चलिए शुरू करते हैं-
लोगों में से सबसे पहले नाम आता है बीमार लोगों का।
ऐसे इंसान जो सख्त बीमार हो मतलब ऐसी बीमारी जिससे इंसान के की जान जाने का खतरा हो छोटी-मोटी बीमारियों में रोजा छोड़ने का हुक्म नहीं है जैसे की सर्दी खासी बुखार इन सभी कंडीशन में आपको रोजा रखने का हुक्म है और इसमें आपको माफी भी नहीं दी जाएगी।
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प्रेग्नेंट औरतें
इसमें भी अगर सीरियस कंडीशन हो यानी कि बच्चे या मां के जान जाने का खतरा हो तभी रोजा छोड़ने का हुक्म है लेकिन जब सेहत तंदुरुस्त हो जाए तब छोड़े हुए रोजे रखना जरुरी होगा।
दूध पिलाने वाली औरतें
यानी कि जो औरतें बच्चे को दूध पिलाती है उन्हें भी रोजा छोड़ने का गुनाह नहीं होता। उनको भी बाद में छोड़े हुए रोजे रखना जरुरी होगा।
आर्टिकल के आगे बढ़ने से पहले जल्दी से आप आर्टिकल को लाइक कर दीजिए।
बूढ़े शख्स
यानी कि ऐसे बूढ़े शख्स जो अपने बिस्तर से अपने आप उठ तक नहीं सकते अपने कामों में जिसे दूसरों के सहारे की जरूरत पड़ती हो ऐसे लोगों को रोजा छोड़ने का हुक्म दिया गया है लेकिन ऐसे लोगों को उसका कफ़्फ़ारा देना होगा। यानि की गरीब लोगों को दो वक्त का खाना खिलाने का हुकुम दिया गया है।
हैज और निफ़ास में होने वाली औरतें
यानी कि पीरियड्स में और प्रेगनेंसी में बच्चा हो जाने के बाद जो ब्लड आता हो उसमें रोजा छोड़ने का हुक्म है। उनको भी बाद में छोड़े हुए रोजे रखना जरुरी होगा।
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दोस्तों आर्टिकल में हमारे साथ बने रहिए क्योंकि आगे हम आपको और ऐसे लोगों के बारे में बताने वाले हैं जो रोजा छोड़ दे तो उन्हें माफ किया जाता है।
छटे नंबर पर है पागल इंसान- यानी कि जो शख्स पागल हो उसे दीन दुनिया किसी चीज की खबर ना हो ऐसे लोगों को रोजा छोड़ने पर गुनाह नहीं होता।
सातवें नंबर पर है मुसाफिर – मुसाफिरों को भी रोजाना छोड़ने की छूट दी गई है क्योंकि सफर पर होने की वजह से लोग एहतराम के साथ रोजा नहीं रख सकते। उनको भी बाद में छोड़े हुए रोजे रखना जरुरी होगा।
इस सफर में हम आपको बता दें की ये सफर 42 किलोमीटर से दूर का हो और 15 दिनों की नियत करके घर से निकला हो ऐसे मुसाफिरों को रोजा छोड़ने का हुक्म दिया गया है। लेकिन ऐसे लोग बाद में कज़ा रोजा रखे।
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ऐसे लोग हैं जिन पर जान का खतरा बना हो
यानी कि जब किसी शख्स को जान से मारने की धमकी दी हो यानि कि उसकी गर्दन पर तलवार रखा जाए या किसी भी हथियार का इस्तेमाल करें और रोजा छोड़ने को कहा जाए तो रोजा छोड़ने का हुक्म है। उनको भी बाद में छोड़े हुए रोजे रखना जरुरी होगा।
आखरी नंबर पर है नाबालिक बच्चे
यानी कि जो बच्चे नाबालिक होते हैं अपने होशो हवास में नहीं रहते ऐसे बच्चों को रोजा रखने की छूट है लेकिन अगर कोई नाबालिक बच्चा रोजा रख सकता है उसमें हिम्मत है तो उसे रोजा रखने दे।
दोस्तों उम्मीद है कि आप इन बातों पर गौर करेंगे अल्लाह सबको रोजा रखने की तौफीक दे। और इस बात को जयादा से ज़्यादा लोगो के साथ शेयर करे और सवाब हासिल करें।
दोस्तों कोई भी मुसलमान यह कभी नहीं चाहेगा कि उसे उसके हिस्से का सवाब ना मिले लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें रोजा रखने के बाद भी रोजे का सवाब नहीं मिलता जानने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें और शेयर करें।