शादी की पहली रात
यहां पर Shadi Ki Pehli Raat In Islam के बारे में बात करने का और लिखने का हमारा मकसद कोई बेहयाई फैलाना नहीं है। हमारा मकसद सिर्फ़ उन लोगो को इस्लाम का तरीका बताना है जिनको इस बारे में मालूमात कम है या है ही नही।
यहां पर Shadi Ki Pehli Raat In Islam के बारे में बात करने का और लिखने का हमारा मकसद कोई बेहयाई फैलाना नहीं है। हमारा मकसद सिर्फ़ उन लोगो को इस्लाम का तरीका बताना है जिनको इस बारे में मालूमात कम है या है ही नही।
हर मुसलमान को यह मसनून दुआएं याद करना चाहिए इन दुआओं के बारे में अच्छी बात यह है कि आप केवल एक मिनट में ही इनको पढ़ सकते हैं।
Quran Surah अल्लाह तआला इरशाद फ़रमाता है- जब क़ुरान पढ़ा जाए तो उसे कान लगाकर सुनो और ख़ामोश रहो कि तुम पर रहम हो,सुलल्लाहो अलैहे व सल्लम ने फ़रमाया जो क़ुरान पाक पढ़ेगा और उसके मुताबिक़ अमल करेगा, क़यामत के दिन अल्लाह तआला उसके माँ-बाप को एक ताज पहनाएगा।
छोटे गुनाह अल्लाह ताला नमाज़ पढ़ने रोज़ा रखने और सदका देने से माफ़ हो जाता है। लेकिन जो बड़े गुनाह है वो बिना तोबा के माफ़ नहीं होता। इसके लिए आप Tauba Campaign को देख सकते है।
रमजान के महीने की रातों में से पांच राते शब् ए कद्र की होती है ओर इन्ही रातो में से कोई एक रात है जिसे शब् ए कद्र कहते है। इसके बारे में और सही से जानने के लिए आप पढ़ सकते है Surah Al Qadr In Hindi.
नियत करना दिल के इरादे को कहा जाता हैं , अगर किसी इंसान ने दिल से पक्का इरादा कर लिया कि मैं रोजा रख रहा हूं तो इतना ही काफी होता है roza rakhne ki niyat के लिए , लेकिन इन अलफाज़ को जबान से दोहरा लेना भी बेहतर है की मैंने यह इरादा किया कि रोजा रखू अल्लाह तआला के लिए इस रमजानुल मुबारक का ।
आज हम बताएँगे surah maun in hindi जोकि मक्के में नाजिल हुई मगर कुछ मुफ़स्सिर कहते हैं कि ये सूरह मदीने में नाजिल हुई क्योंकि इसमें मुनाफिकीन कि उन किस्मो को बताया गया है
Ramzan Mubarak Images Share these beautiful quotes, wishes, and images with your family and friends Here are some Ramadan Kareem messages
Surah Juma जैसा की नाम से जाहिर है, इस सूरा में नमाज़-ए-जुमा के अहकाम का बयान हैं, आज हम बताएँगे Surah Juma in Hindi. Surah Juma के दो रुकू दो अलग ज़मानों में नाज़िल हुए हैं। इसी लिए दोनों के मौज़ू अलग हैं और मुख़ातब भी अलग।
रमजानुल मुबारक की हर रात,हर दिन,हर लम्हा और सारा महीना खुसूसियात का है।मगर इसमे खास यह है कि इस महीने में कुरआन शरीफ नाजिल हुआ और ये बहुत बड़ी रमजान की फ़ज़ीलत है।