Astaghfirullah Dua in Hindi

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अस्तगफ़िरुल्लाह की दुआ
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रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिसने  ये कलिमत यानी astaghfar dua कहे तो उसके गुनाह माफ़ कर दिए जायेंगे भले ही वो मैदान ए जंग से क्यों न भाग गया हो.आज हम आपको Astaghfirullah dua in hindi में बताएँगे।

अस्तगफिरुल्लाहल्लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल-कय्यूम वा अतुबू इलैही
तर्जुमा : मैं अल्लाह से अपने गुनाहों की माफ़ी मांगता हूँ जिसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं जो जिंदा और हमेशा रहने वाला है और मैं उसी की तरफ तौबा करता हूँ
सुनन अबू दाऊद , जिल्द 1, 1504 -सही

अस्तग़फ़ार किसे कहते है ?

इंसानी फितरत में है की उससे गलती या गुनाह हो जाते है और इसके बाद इंसान अपने किये पर शर्मिंदा हो कर सच्चे दिल से अल्लाह से माफ़ी तालाब करता है तो उसे अस्तग़फ़ार कहते है

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रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो इंसान अस्तग़फ़ार astaghfar dua (तौबा) को अपने ऊपर लाजिम कर ले

तो अल्लाह सुभानुताला उसको हर तंगी से निकलने का एक रास्ता अता फरमाएगा और हर गम से निजात देगा और उसे ऐसी जगह से रोज़ी अता करेंगे जहाँ से उसको गुमान भी नहीं होगा
मुअज्जम अल कबीर तबरानी , सही

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अस्तग़फ़ार दुआयें कुरान और सुन्नत से

अस्तग़फ़ार का मतलब

अस्तग़फ़ार का मतलब अपनी गलतियों की माफ़ी माँगना और गुनाहों की बख्शीश कराना है।

हमारी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी हक़ीक़त यही है कि हम कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन फिर भी हम अक्सर गलती कर देते है और हम से गुनाह हो जाते है।

लेकिन अल्लाह तआला का वादा है कि जब हम अपने गुनाहों की माफ़ी मागेंगे और मगफिरत तलब करेंगे तो अल्लाह हमें माफ कर देगा चाहे हमारे गुनाह कितने ही बड़े क्यों न हों।

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आपको माफी क्यों मांगनी चाहिए?

जो भी गुनाह हम करते हैं वो क़यामत के दिन हमारे सामने होगा है, हाँ जिसको अगर अल्लाह तआला चाहे माफ कर दे तो अलग बात है।

और हम जानते हैं कि इंसान होने के नाते हम में बहुत ही ऐब हैं और हमसे बेशुमार गुनाह होते रहते हैं । इसलिए हमें हमेशा गुनाहों के लिए माफ़ी मांगते रहना चाहिए

ताकि अल्लाह ताला हमारे गुनाहों को मिटा दे और जन्नत के रास्ते को आसान कर दे ।

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अस्तग़फ़ार क्या हैं?

सभी दुआओं की तरह, मगफिरत के लिए भी हमे कुछ अस्तग़फ़ार दुआ (Astaghfirullah dua in hindi) कुरान और हदीस से सिखाई गई हैं, ताकि हम उन्हें पढ़कर अल्लाह से माफी मांग सके और अल्लाह की रज़ा पा सके।

यहाँ कुछ इस्तगफार दुआएं हैं जिन्हें आप अपनी रोज़ाना की इबादत में शामिल कर सकते हैं |

Astaghfirullah dua in hindi
इस्तिग़फ़ार दुआ

हिंदी : “अस्तगफ़िरुल्लाह”

तर्जुमा  : ए अल्लाह मैं तुझ से माफ़ी का तलबगार हूँ

यह अस्तग़फ़ार की सबसे मुख़्तसर और छोटी दुआ है। यह अरबी में भी छोटी है और आसानी से याद होने वाली दुआ है।

ये दुआ गुनाहों की माफ़ी की उन दुआओं में से एक है जो अक्सर नबी .. पढ़ते थे, खासकर हर नमाज़ के बाद पढ़ा करते थे।

Astaghfirullah dua in hindi
इस्तिग़फ़ार दुआ

हिंदी  : रब्बिग फिर लि वतुब अलैय्या इन्नका अंतत तव्वाबुर रहीम

तर्जुमा  : ए अल्लाह मेरी मगफिरत फरमा मेरी तौबा क़ुबूल फरमा बेशक तू ही तौबा कबूल करने वाला और रहम करने वाला है
पहली दुआ के मुकाबले इस दुआ में एक ख़ासियत है कि इस में अल्लाह से माफ़ी के साथ साथ उसकी तारीफ़ भी की गयी है |

Astaghfirullah dua in hindi
इस्तिग़फ़ार दुआ

हिंदी  : असताग्फिरुल लाहल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूमु व अतूबू इलैहही

तर्जुमा  : मैं अल्लाह से बखशिश चाहता हूँ जिसके सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं, वो हमेशा जिंदा रहने वाला है और कायम रहने वाला है और मैं उसी की तरफ़ रुजू करता हूँ

Astaghfirullah dua in hindi
इस्तिग़फ़ार दुआ

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हिंदी  : अल्लाहुम्मा अंता रब्बी, ला इलाहा इल्ला अंता, खलकतनी व अना अब्दुक, व अना अला अह्दिका व वअदिका मस त तअतु, अऊजु बिका मिन शररि मा सनअतु अबूउ लका बिनिअ मतिका अलैया व अबूऊ बिज़म्बी, फग्फिर ली फ़ इन्नहू ला यग्फिरुज़ ज़ुनूबा इल्ला अंता

तर्जुमा  : ए अल्लाह तू मेरा रब है, तेरे सिवा कोई माबूद नहीं, तूने ही मुझे पैदा किया और मैं तेरा ही बंदा हूँ, मैं अपनी ताक़त के मुताबिक़ तुझ से किये हुए अहद और वादे पर क़ायम हूँ,

उन बुरी हरकतों की वजह से जो मैंने की हैं पनाह चाहता हूँ, मुझ पर नेअमतें तेरी हैं इस का इक़रार करता हूँ, मेरी मगफिरत कर दे, मेरी मगफिरत कर दे कि तेरे सिवा कोई गुनाहों को माफ़ करने वाला नहीं |

फ़ज़ीलत : ये वही दुआ है जिसे नबी स.अ. ने “सय्यिदुल इस्तिग्फार” ( Syyidul Istigfaar ) कहा है.इसके साथ ही इसे माफी मांगने के लिए सबसे अच्छी दुआ बताया था।

और अगर कोई शख्स ये यक़ीन के साथ दिन में इस दुआ को पढ़े और शाम से पहले मर जाये तो जन्नत में जायेगा और अगर रात को यक़ीन के साथ पढ़े और सुबह होने से पहले मर जाये तो जन्नत में जायेगा |

अस्तग़फ़ार की अहमियत

हदीस : रसूल अल्लाह सल्ललाहोअलैहिवस्सलम ने फ़रमाया ;
“ मैं अल्लाह की बारगाह में अस्तग़फ़ार (माफ़ी मांगता ) करता हु और उसकी तरफ रुजू करता हु दिन में 70 बार से भी ज्यादा .” [Bukhari, Vol:8, Book:75, Hadith no. 319]

जैसा की हम सब जानते है की अम्बिया (अलैहि सलातो सलाम )गुनाहो से पाक होते है ,और अल्लाह के नबी सल्ललाहोअलैहिवस्सलम तो बक्शे बकशाये है,लेकिन फिर भी आप अपनी उम्मत को तरबियत देने के लिए खुद अस्तग़फ़ार की कसरत किया करते थे ,

लिहाजा हम पर तो लाज़िम है की हम ज्यादा से ज्यादा अस्तग़फ़ार दुआ पढ़ा करे।

मग़फ़िरत की दुआ

दुआ: रसूल’अल्लाह (सललाल्लाहू अलैहे वासल्लं) ने फरमाया : अल्लाह से अस्तग़फ़ार (अपने गुनाहो की मुआफी) की सबसे बेहतर दुआ ये है,

“अल्लहुम्मा अंता रब्बी ला इलहा इल्ला अंता , अंता खलाकतनी वा आना अबदुका, वा आना ‘आला अहदिका वा वा’डीका मसतता’तू, आ’उधु बिका मीं शर्री मा साना’तू, अबू’उ लका बिनी’मातिका ‘अलैया, वा अबू लका बिधनबी फ़घहफिरली इन्नाहू ला यघफीरू आधढूनूबा इल्ला अंता “


दुआ: “अस्तघफीरुल्लाहू रब्बी मीं कुल्ली ज़ंबबिव वतूबू इलैह” (या अल्लाह ! मगफिरत चाहता हू हर किस्म के गुनाह से और मैं तेरी बारगाह मे तौबह करता हू).

इस Article को लिखने में हमने को कोशीश है की कोई गलती न हो फिर आप को इसे पढ़ कर कही भी कुछ गलती मिले तो हमें कमेंट कर के जरूर बताये जिससे हम उस गलती को जल्दी से जल्दी ठीक कर सके

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Astaghfar Ki Fazilat

This Post Has 9 Comments

  1. Kadir qureshi

    Helpful post

  2. Naeem

    As salaam wale kum,
    Behad zaroori aur har insaan ki zaroorat hai ye duaye.

  3. Kajal khan

    As salaamu alaikum very nice and thanx ye sb info Dene ke liye

  4. MOHD AJMAL

    ASSALAM O ALAIKUM W R W B,

    Very Informative; I am interested to have more & more Deeni mallomaat etc.

  5. Shahnawaz Ternikar

    Assalamu alaikum

  6. Adv.Mateen Parwez

    MashaAllah,SubhanAllah,JazahkAllah..

    1. Iffat Zia

      Aaap hamare article ko pdhte hai, bahot sukriya
      Jazakallah Khair

  7. Zabedalam

    MashaALLLAH

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