वैसे तो अल्लाह पाक के 3000 नाम है जिनमें से एक हजार अल्लाह के सिवा और कोई भी नहीं जानता और 1000 वह है जो फरिश्तों के अलावा कोई और नहीं जानता और 1000 वह है जो पैगंबरों से हम तक पहुंचे हैं जिनमें से 300 तोरेत में 300 जबूर में और 300 इंजील में और एक सौ कुरान में दिए गए हैं।
अब हम आपको अल्लाह के 99 नाम और उनके बारे में बताते हैं –
1. Ar Rahmaan ( बहुत मेहरबान )
ये नाम अल्लाह के अपनी मखलूक के लिए रहमत वाला है जिसकी रहमत तमाम मखलूको में शामिल है और यह नाम अल्लाह के लिए बहुत खास है।
2. Ar Raheem ( निहायत रेहम वाला)
यह नाम कयामत तक रहम करने वाला है और उसे बक्शने वाला है वो जिसे अल्लाह ने अपनी इबादत की तौफीक बक्शी है और आखिरत में अपनी इबादत के सिले जन्नत में दाखिल करके उन्हें इज्जत अता करेगा।
3. Al Malik ( बादशाह)
अल्लाह पूरे जहां का बादशाह है और उन्हें यह पूरा हक है कि वह जिस काम को चाहे अपने बंदे को हुकुम दे और उस काम को करवाएं और जिस काम को चाहे उस काम को अपने बंदे को मना करें।
4. Al Quddus ( पाक जात )
अल्लाह की जात हर ऐब और नुकसान से बिल्कुल पाक है।
5. As Salam (सलामती वाला)
अल्लाह पाक अपने बेमिसाल जात बुलंद साफ और अपने खूबसूरत नाम और अपने तमाम उमदाह कामों में सलामती वाला है ।
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6. Al Mumin ( अमन देने वाला )
सभी रसूलों और पैगंबरों को अमन अल्लाह की जानिब से ही अता होती है अल्लाह ने अपने ईमान वाले बंदों को इस बात की जमानत दी है कि वह किसी पर भी जरा बराबर भी जुल्म ना करें।
7. Al Muhayam ( निगरानी करने वाला)
अल्लाह की जात इकलौती ऐसी जात है जो अपने तमाम मखलूक की अकेली ही निगरानी करती है।
8. Al Aziz ( गालिब)
अल्लाह जिसे चाहे इज्जत दे जिसे चाहे कैफियत बक्शे अल्लाह किसी का मोहताज नहीं है कोई भी चीज अल्लाह की इजाजत के बगैर ना कुछ कर सकती है और ना ही कुछ कह सकती है।
9. Al Jabbar ( जबरदस्त)
तमाम मखलुकात अल्लाह के ही मोहताज हैं अल्लाह के हुक्म के आगे बिल्कुल बेबस और लाचार है। अल्लाह ताला हर शिकस्त ए दिल को जोड़ने वाला है फकीर को अमीर करने वाला मरीजों को शिफा देने वाला मुसीबत जदा को राहत देने वाला है।
10. Al Mutakabbir (बडाई वाला)
अल्लाह अजीम है अपनी तमाम बातों और कामों में बुराई से,नक्स खामी में से, भूल चूक से, नींद से कमजोरी बेबसी से कोसों दूर है। अपने किसी भी मखलूक पर जुल्म करने से बहुत दूर बुलंद है। अपनी मखलूक पर पूरा काबू रखने वाला है।
11. Al Khaliq ( पैदा करने वाला )
अल्लाह ताला वह है जिन्होंने अपनी सारी मखलूक को अकेले ही सिर्फ 6 दिनों में पैदा किया।
12. Al Baari ( जान डालने वाला )
अल्लाह वह है जो बगैर किसी मिसाल के जिस मखलूक को जैसा चाहे वैसा बना सकते हैं।
13. Al Musawwir ( सुरतें बनाने वाला)
अल्लाह वह है जो जिन्होंने तमाम मखलूक को अलग-अलग खूबसूरत शक्ल देकर नवाजा है।
14. Al Ghaffar ( बक्शने वाला)
दिल से अपनी गलतियों की माफी मांगने वाले को अल्लाह बख्शने वाला है।
15. Al Qahhar ( सब को अपने काबू में रखने वाला)
अल्लाह ताला ही एक ऐसी जात है जिसके आगे तमाम मखलूको की गर्दन झुकी हुई है और सभी अल्लाह पाक की बंदगी में लगे हुए हैं।
16. Al Wahhab ( बहुत अता करने वाला)
अल्लाह अपने बंदों को उनकी सोच से ज्यादा अता करने वाला है।
17. Ar Razzaq ( रिज्क देने वाला)
अल्लाह की जात एक ऐसी जात है जिससे बिना मांगे रिज्क मिल जाती है। मखलूक की नाफरमानी और गुनाह के बावजूद भी वो उन्हे अता करने वाला है।
18. Al Fattah ( खोलने वाला)
अल्लाह रास्ते बनाने वाला है राहत देने वाला है और दरवाजों को खोलने वाला है।
19. Al Alim ( खूब जानने वाला)
अल्लाह की जात एक ऐसी अकेले जात है जिससे किसी के ऐब नहीं छुपते।
20. Al Qaabid ( नाप तौल कर रोजी देने वाला)
अल्लाह जिसको चाहे रिज्क अता करता है और जिसको चाहे इससे मुनाफिक रखता है।
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21. Al Basit ( रोजी को फराख देने वाला )
अल्लाह वह है जो अपनी रहमत से अपने बंदों में जिसकी चाहे रोजी में फराख करता है।
22. Al Khaafid ( पस्त करने वाला )
अल्लाह वह है जो अपने हिसाब से जिसे चाहता है नीचे करता है जिसे चाहे ऊंचा उठा देता है।
23. Ar Rafi ( बुलंद करने वाला )
अल्लाह वह है जो कमजोर आज़ीज़ समझने वाले लोगों को इमानदार बंदों को बुलंद कर देता है।
24. Al Muizz ( इज्जत देने वाला)
वह जिसे चाहता है उसे इज्जत बक्शता है जिसे चाहता है उसे नीचा दिखा सकता है।
25. Al Muzil ( जिल्लत देने वाला)
वो जिसे चाहता है उसे जिल्लत की जिंदगी देता है और जिसे चाहता है इज्जत भरी जिंदगी बक्शता है।
26. As Sami ( सब कुछ सुनने वाला)
अल्लाह एक वाहिद है जो बिना कानों के वो सुन सकता है जो कान रहने पर मखलूक सुनते हैं।
27. Al Baseer ( सब कुछ देखने वाला)
अल्लाह वह है जिसकी निगाहों से कुछ नहीं छुप सकता चाहे आप दुनिया से कुछ भी छुपा ले उससे कुछ नहीं छुपा सकते हैं।
28. Al Hakam ( फैसला करने वाला)
अल्लाह तमाम मखलूक के लिए इंसाफ वाला फैसला करता है किसी पर भी जुल्म नहीं करता।
29. Al Adl ( अदल करने वाला)
अल्लाह बादशाह है जो अपने तमाम बातों और कामों में अदल और इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
30. Al lateef ( बारीकियों को जानने वाले)
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अल्लाह वह है जो अपनी बनाई कायनात की तमाम बारीकियों को जानता है लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा नहीं होता।
31. Al Khabeer ( सब से बाखबर )
अल्लाह ही यकीनन बादशाह है जो अपने तमाम बातों और कामों में अटल रहता है और इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
32. Al Haleem ( निहायत बुरदबार)
अल्लाह वह है जो अपनी बनाई हुई कायनात के तमाम मखलुकत की सभी बारीकियों को बखूबी जानता है लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से कभी नहीं छुपता।
33. Al Azeem ( शानदार)
अल्लाह पाक वाहिद एक ऐसी जात है जो सच बोलने और इंसाफ करने वाला बादशाह है।
34. Al Ghafoor ( गुनाहों को बक्शने वाला)
अल्लाह पाक वाहिद एक ऐसी जात है जिससे जब माफी मांगो तो वह उसकी वजह नहीं पूछता और गुनाहों को बख्श देता है।
35. Ash Shakur ( सबसे पसंदीदा)
अल्लाह अपने बंदों को उनकी पसंदीदा चीज से नवाजता है।
36. Al aliyyu ( बहुत बुलंद)
अल्लाह एक वाहिद ऐसा नाम है जिसके नाम से बुलंद और कुछ भी नहीं है।
37. Al Kabeeru ( बहुत बडा)
अल्लाह का नाम एक ऐसा नाम है जो सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा है।
38. ya Hafeezu ( सब की हिफाजत करने वाला)
सारे जहां में एक अल्लाह ही ऐसे हैं जो दुनिया के सारे मखलूक को देख सकते हैं और उनकी हिफाजत कर सकते हैं।
39. Al Muqeetu ( सब को खुराक अता करने वाला)
अल्लाह राजो रहीम है वह सबको सबके नसीब की खुराक अता करता है।
40. Al Haseebu ( खुद हिसाब लेने वाला)
अल्लाह पाक सबके गुनाहों का खुद हिसाब लेता है और सबके अच्छे कर्मों का भी हिसाब अल्लाह पाक ही लेता है।
41. Al Jaleel ( आलीशान)
अल्लाह वह है जिसकि शान बड़ी ऊंची और निराली है।
42. Al Karim ( बेइंतेहां करम करने वाला)
अल्लाह वह है जो बहुत ज्यादा ख्याल और असीम एहसान अता करने वाला है।
43. Ar Raquib ( निगेहबान)
अल्लाह वह है जो पूरे मखलुकत और पूरी दुनिया का पहरेदार है।
44. Al Mujeeb ( दुआएं सुनने और कबूल करने वाला)
अल्लाह पाक तमाम मखलूकातों की दुआओं को कुबूल करने वाला है वक्त आने पर अल्लाह उसे वही देता है जिसकी उसे चाहत हो।
45. Al Waasi ( फराखी देने वाला)
अल्लाह मग फिरत और रहमत देने वाला है और किसी मखलूक कि यह मजाल नहीं कि उसकी तारीफ कर सकें।
46. al Hakeem ( हिकमत वाला)
अल्लाह वह है जो तमाम मखलुकात को उनके लायक जगह पर रखने वाला है और अल्लाह की राह में कोई कमजोरी नहीं होती।
47. Al Wadud ( मोहब्बत करने वाला)
अल्लाह वो है जो अपने पसंदीदा फरमा बरदारों से मोहब्बत का इज़हार करने वाला है।
48. Al Majeed ( बड़ी शान वाला)
अल्लाह वो है जिसके लिए जमीन वा आसमान का हर फरक वा इज्जत और रफात है।
49. Al Baith ( उठाने वाला)
अल्लाह वो है के जो बा रोज कयामत तमाम बंदों को ऊसकी कब्रों से उठा कर मैदान हैश में सजा के लिए जमा करने वाला है।
50. Ash Shaheed ( हाज़िर)
अल्लाह वो गवाही है जो उसके पास से कुछ भी गैर हाजिर नही है।
51. Al Haqq ( सच्चा मालिक)
अल्लाह तो वो है के जिनकी जात पे कोई शक नही की वो पूरे दुनिया का मालिक है।
52. Al wakeel ( काम बनाने वाला)
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अल्लाह वो है जो सभी के बिगड़े कामों को बनाने वाला है उसके सिवा कोई माबूद नही।
53. Al Qawiyy ( मजबूत)
अल्लाह वो जात है जिससे ज्यादा मजबूत और कोई नही है।
54. Al matin ( कुव्वल वाला)
अल्लाह वो जात है जो अपनी कुदरत वा कुव्वत में बे मिसाल और जबरदस्त है।
55. Al waliyy ( हिमायत करने वाला )
अल्लाह वो है जो अपने मखलूक के तमाम कामों के खुद अकेला ही निगरान है।
56. Al Hameed ( खूबियों वाला)
अल्लाह की जात ही एक ऐसी जात है जो बेतहसा तारीफों वाली है।
57. Al muhsi ( गिनने वाला)
अल्लाह वो है जो हर चीज को अपने इल्म से घेर लेने वाला है कयामत में कोई एक चीज भी अल्लाह से पोशीदा नही है।
58. Al muid ( दोबारा पैदा करने वाला)
अल्लाह वो है जो तमाम मुर्दे को कयामत के दिन उनकी कब्रों से उठा खड़ा करेगा।
59. Al mubdi ( पहली बार पैदा करने वाला)
अल्लाह बिना किसी मिसाल के कायनात की हर चीज को आदम से वजूद में ले आने वाला है।
60. Ak muhyi ( जिंदा करने वाला)
अल्लाह वो है जो मखलूकात को मौत देने के बाद इन्हें जिंदा करने वाला है।
61. Al Mumeet ( मारने वाला)
अल्लाह वह है कि जो जिंदा को मौत देने वाला है।
62. Al Hayy ( हमेशा जिंदा रहने वाला)
अल्लाह वो है के जो खुद एक जिंदा जात है और हर एक को जिंदगी अता करने वाला है।
63. Al qayyum ( सब को कायम रखने और निभाने वाला)
अल्लाह वो है की खुद कयूम है और अपनी तमाम मखलूक को थामने वाला है।
64. Al wajid ( हर चीज़ को पाने वाला )
अल्लाह वो है के जिन्हे किसी भी चीज़ की हाजत नही है।
65. Al Majid ( बुजुर्गी और बड़ाई वाला)
अल्लाह वो है जो हर तरह की बुजुरगी ओर बड़ाई वाला है।
66 . Al Wahid ( एक अकेला)
अल्लाह वो है जिसके कामों में कोई शरीक नहीं है वो अकेला है।
67. Al Ahad ( एक अकेला)
अल अहद वो है जो अकेला था है और रहेगा।
68. As Samad ( बे नियाज़)
अल्लाह वो है जो अपनी सरदारी और बुजुर्गी में कमाल दर्जे पर है और मखलूक अपनी शदीद जरूरत की वजह से अल्लाह की तरफ जाती है।
69. Al Qadir ( कुदरत रखने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपनी तमाम मखलूक पर पूरी कुदरत रखने वाला है जमीन वह आसमान की कोई चीज अल्लाह को आजीज और बेबस नहीं कर सकती।
70. Al Muqtadir ( पूरी कुदरत रखने वाला)
अल्लाह का यह एक ऐसा नाम है जो अल्लाह ताला की कुदरत के कमाल और इंतेहा पर दलालत करता है।
71. Al Mukaddim ( आगे करने वाला)
अल्लाह वह है जो अपनी हिकमत अपनी चाहत के मुताबिक अपने बंदों में से जिसे चाहता है आगे करता।
72. Al Muakkhir ( देरी करने वाला वो जो पीछे की ओर लाता है)
अल्लाह वह है जो तमाम मखलुकत को अपनी हैसियत में रखता है और अपनी हिकमत के मुताबिक जिसको चाहता है पीछे कर देता है।
73. Al Awwal ( सब से पहले)
अल्लाह वह है जिससे पहले कोई चीज नहीं थी तमाम मखलुकात तो अल्लाह के पैदा करने के बाद वजूद में आई है।
74. Al Aakhir ( सब के बाद)
अल्लाह वह है कि जिसके बाद कुछ नहीं वह अकेला अल्लाह ही बाकी रहने वाला है और वह जमीन पर मौजूद हर चीज को खत्म करने वाला है।
75. Az Zaahir ( जाहिर व अशकार)
अल्लाह वह है जो बजाते खुदा हर चीज के ऊपर बुलंदी पर है और अल्लाह की कोई एक मखलूक भी अल्लाह से बुलंद नहीं।
76. Al Baatin ( छुपा हुआ सभी को शामिल करने वाला)
अल्लाह वह है जो जिससे पोशीदा तर कोई नहीं यानी अल्लाह ने अपने नूरानी हिजाब में खुद को मखलूक से पोशीदा रखा।
77. Al Waali ( मुतवल्ली)
अल्लाह मालिक ए दो जहान और हर चीज को इसके अंजाम तक पहुंचने का जिम्मा लेने वाला है।
78. Al Mutaali ( सब से बुलंद व बरतर)
अल्लाह वह है कि जिसके बुलंदी के सामने हर मखलूक जलील है और अल्लाह से ऊपर कोई चीज नहीं।
79. Al Barr ( बड़ा अच्छा सलूक करने वाला)
अल्लाह वह है जो अपनी मखलूक पर बेहद बेहिसाब एहसान करने वाला है वह इस कदर नवाजता है कि कोई अल्लाह की तमाम नेमतों को गिनने की ताकत नहीं रखता।
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80. Ar Tawwab ( सब से ज्यादा कुबूल करने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपने बंदों को चाहे तौबा की तौफीक दे कर उनसे उनकी तौबा को कुबूल फरमाता है।
81. Al Afuw ( बहुत ज्यादा माफ करने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपने बंदों के गुनाहों को मिटाता है और इनसे दरगुजार फरमाता है और इन्हें गुना पर एकदम सजा नहीं देता।
82. Al Muntaqim ( बदला लेने वाला)
अल्लाह वह है जो अपने मुजरिम बंदों से अकेला ही इंतकाम लेने वाला है।
83. Ar Rauf ( बहुत बडा मुस्फिक)
अल्लाह की सिफत का दर्जा अल्लाह की रहमत से भी बड़ा है।
84. malikul mulk ( मुल्कों का मालिक)
अल्लाह पूरे मुल्क का मालिक है और जीशान इंसाफ परवाह बादशाह है।
85. Zul jalaali wal Ikram ( अजमतों जलाली वल इकराम वाला)
अल्लाह अपने बंदों में से जिसे चाहता है बेहिसाब आजमाइश करता है और ऊसके खदानों में बावजूद और अता कि कुछ भी कमी नहीं है।
86. Al Muqsit ( अदलो इंसाफ कायम करने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपनी हर बात और हर काम में कमाल ए दर्जे का इंसाफ करने वाला है।
87. Al Jaami ( सब को जमा करने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपनी सारी मखलूक को फना करने के बाद इन्हें बारोज कयामत जमा करने वाला है।
88.Al Ghaniyy ( किसी के भरोसे न होना)
अल्लाह वह है जो आज तक किसी का मोहताज नहीं है और तमाम मखलुकत अल्लाह की मोहताज है।
89. Al Mughni ( बेनियाज़ वा गनी बना देने वाला)
अल्लाह वह है कि जिसे चाहा अपनी मखलूक में से बेपरवाह कर दे और अपने जिक्र से इसे इत्मीनान व सुकून अता करने वाला है।
90. Al Maani ( रोक देने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपनी मखलूक में से जिसे चाहता है अपने हजारों में से अपनी नवाजिसो को रोक लेता है।
91. Ad Darr ( जरर पहुंचाने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपनी मखलूक में से जिसे चाहे जरर पहुंचा कर आजमाता है।
92. An Nafi ( नफा पहुंचाने वाला)
अल्लाह वह है जो अपने बंदों में से जिसे चाहे नफा देकर आजमाता है।
93. An Noor ( सर से पैर तक नूर बक्शनें वाला)
अल्लाह वो है जो खुद नूरानी चेहरे वाला है और अपने नूर से हर गुमराह को राह दिखाने वाला है और जमीन और आसमान का नूर पैदा करने वाला है।
94. Al Haadi ( सीधा रास्ता दिखाने और चलाने वाला)
अल्लाह वह है जो अपने बंदों में से जिसे चाहे नेक और सीधी राह की तरफ रहनुमाई करें और उससे उसकी मंजिल तक पहुंचाएं।
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95. Al Baadi ( बेमिसाल चीज़ को इजाद करने वाला)
अल्लाह वह है जो खुद बेमिसाल है और अपनी तमाम मखलूक को अपने इल्म व कुदरत के मुताबिक बगैर किसी नमूने और मिसाल के पैदा करने वाला।
96. Al Baaqi ( हमेशा रहने वाला)
अल्लाह वो है जो हमेशा बाकी रहेगा कभी खत्म नहीं होगा।
97. Al waarith ( सब के बाद मौजूद रहने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपनी मखलूक को फना करने के बाद भी बाकी रहने वाला है।
98. Ar Rasheed ( बहुत रहनुमाई करने वाला)
अल्लाह वह है कि जो अपने बंदों में से जीसे चाहता है सीधी राह दिखाता है।
99. As Sabur ( बड़े तहम्मूल वाला)
अल्लाह वह है जो अपने नाफरमान बंदों की नाफरमानी ऊपर कमाल दर्जे का सफर करने वाला है।