Shaheen Bagh Protest : शाहीन बाग प्रदर्शन क्या है
आजकल पूरे देश और दुनिया में शाहीन बाग प्रदर्शन का बार-बार जिक्र हो रहा है तो क्या है ऐसा इस प्रदर्शन में आइए जानते हैं शाहीन बाग प्रदर्शन शांतिपूर्ण प्रदर्शन की एक मिसाल है जो कि अब पूरे देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए प्रेरणादाई है और इस की तर्ज पर पूरे देश में शाहीन बाग प्रदर्शन शुरू हो गया है
शाहीन बाग दक्षिणी दिल्ली में स्थित जामिया यूनिवर्सिटी से 2.5 Km और दिल्ली – नोएडा को जोड़ने वाली कालिंदी कुंज रोड पर स्थित है
यहां पर CAA, NRC और NPR के विरोध में महिलाएं प्रदर्शन कर रही है जो कि 15 दिसंबर से अब तक लगातार जारी है और यह दिन और रात (24×7) का प्रदर्शन है
यह प्रदर्शन पिछले 51 दिनों से शांतिपूर्ण तरीकों से हो रहा है जिसमें देश के सारे धर्मों के मानने वाले लोग शामिल हैं इस प्रदर्शन की खास बात यह है कि इसका नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं
कैसे शुरू हुआ शाहीन बाग प्रदर्शन
जब नागरिकता संशोधन कानून संसद से पास हुआ तो उसके बाद सबसे पहले जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इस कानून का विरोध करने का फैसला कियाइसके लिए उन्होंने 13 दिसंबर 2019 को जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया
2 दिनों तक यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा उसके बाद 15 दिसंबर को कुछ अराजक तत्वो ने प्रदर्शन में शामिल होकर हिंसा फैलाई और पुलिस पर पथराव किया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वहां से भाग गए जिसकी जांच अभी चल रही है इसी दौरान पुलिस ने जामिया के छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया,आंसू गैस के गोले फेके, और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों की पिटाई की जिसमें एक छात्र की आंख खराब हो गई। पुलिस की बर्बरता पूर्वक कार्यवाही के विरोध में शाहीन बाग में महिलाएं रोड पर आकर बैठ गई जिससे शाहीन बाग के प्रदर्शन की शुरुआत हुई
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियो की डिमांड क्या है?
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियो की प्रमुख डिमांड CAA, NRC और NPR कानून को वापस कराने की है उनकी मांग यह है कि यह सारे कानून भेदभाव पूर्ण और देश में आपसी भाईचारे का माहौल खराब करने के लिए है इसलिए इस कानून को वापस होना चाहिए
क्या शाहीन बाग में देश विरोधी गतिविधियां होती है
शाहीन बाग में जो प्रदर्शन हो रहा है उसके बारे मे इसके विरोधियों द्वारा इस बात का प्रचार किया जा रहा है कि यहां पर देश विरोधी गतिविधियां हो रही है और यहां पर भारत सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही है और कुछ एडिटेड वीडियो भी फैलाए जा रहे हैं
जबकि सच्चाई इसके उलट है यहां पर प्रदर्शनकारी महिलाएं और पुरुष तिरंगा लेकर और भारत का संविधान लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और यहां पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाती है और यहां पर 26 जनवरी को 80 फुट ऊंचा तिरंगा झंडा फहराया गया और अधिक जानकारी के लिए आपको देश के प्रमुख न्यूज़ चैनल के वीडियोस देखने चाहिए जिससे सारा सच सामने आ जाएगा
क्या प्रदर्शनकारी पैसा लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं
नहीं प्रदर्शनकारी पैसा लेकर नहीं बल्कि अपना पैसा और समय सब कुछ लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं अपने हक के लिए वो दिल्ली की 119 साल की रिकॉर्ड तोड़ सर्दी में भी बैठे हुए थे इतनी सर्दी में कोई पैसे के लिए प्रदर्शन नहीं कर सकता दूसरी बात यह कि वहां पर कई लाख लोग प्रदर्शन करने के लिए जुटते हैं तो किसी के लिए भी उनको पैसा देना संभव नहीं है और अब तो पूरे देश में शाहीन बाग जैसा प्रदर्शन शुरू हो गया है तो कोई इतना पैसा देकर प्रदर्शन नहीं करवा ही नहीं सकता ।यह प्रदर्शन अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए हो रहा है
क्या शाहिनबाग प्रदर्शनकारी दूसरे लोगों को परेशान करने के लिए बैठे हैं
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी किसी भी नागरिक को परेशान करने के लिए नहीं बल्कि अपने अधिकार और उनके अधिकार के लिए बैठे हैं उनका मकसद किसी को परेशान करना नहीं है बल्कि सरकार से अपनी बात को बनवाना है मगर सरकार उनसे बात नहीं करना चाहती जिससे वह इतने दिनों तक बैठने के लिए मजबूर हुए हैं। वह तो चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द उनकी बातों को मान ले जिससे वह प्रदर्शन खत्म कर दें
क्या प्रदर्शनकारियों ने सड़क बंद कर दी है?
प्रदर्शनकारियो के विरोधियों का कहना है कि शाहीन बाग के लोगों ने सारे रास्ते बंद कर दिए हैं जिससे की आम नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है और लोगों को नोएडा जाने के लिए बहुत मुश्किल पेश आ रही है।जबकि सच्चाई यह है कि प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ एक सड़क को रोककर उस पर प्रदर्शन कर रहे हैं उस इलाके के बाकी रास्ते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए बंद किए हैं और वह पूरी तरह से पुलिस और प्रशासन का फैसला है शाहीबाग प्रदर्शनकारी का यह बिल्कुल भी इरादा नहीं है कि वह दूसरे लोगों को परेशान करें
क्या शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी पत्रकारों के विरोधी हैं
शाहीन बाग के प्रदर्शन के विरोधियों का यह कहना है कि यह प्रदर्शनकारी पत्रकारों के विरोधी है और उनको वहां पर नहीं आने देते और उनको मारते पीटते हैं जबकि सच्चाई यह है कि देश के प्रमुख न्यूज़ चैनल के पत्रकार वहां पर आकर वहां की रिपोर्टिंग कर चुके हैं और वहां की सच्चाई दिखा चुके हैं कुछ खास चैनल जो कि उनके खिलाफ गलत बातें दिखाते हैं और प्रदर्शनकारियों को बदनाम करते हैं तो जाहिर सी बात है कि प्रदर्शनकारी उनसे नाराज होंगे ही इसी बात को वह एक बार फिर अपने अंदाज में बढ़ा चढ़ा कर दिखा रहे हैं जबकि सच्चाई इसके उलट है
शाहीन बाग प्रदर्शन की प्रमुख विशेषताएं
- शाहीन बाग प्रदर्शन की कई सारी विशेषताएं हैं जिनमें से कुछ यहां पर बताई जा रही हैं
- प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं और यहां पर सभी धर्मों की महिलाएं और पुरुष है
- प्रदर्शन दिन और रात 24 घंटे जारी रहता है
- प्रदर्शन के मंच पर कुछ भी भारत के खिलाफ या सरकारी अधिकारी के खिलाफ बोलना सख्त मना है
- प्रदर्शन में महिलाएं और छोटे बच्चे और पुरुष सभी शामिल है
- इस प्रदर्शन में इंडिया गेट की तर्ज पर इंडिया गेट का मॉडल बनाया गया है जिस पर पूरे देश भर में प्रदर्शन में शहीद हुए लोगों का नाम लिखा गया है
- इस प्रदर्शन में एक बहुत बड़ा भारत का मानचित्र बनाया गया है जिस पर CAA और NRC के खिलाफ भारत की जनता को बताया गया है
- इस प्रदर्शन में सभी धर्मों की प्रार्थना सभाएं होती है मुसलमान नमाज पढ़ते हैं सीख भाई अपना करते हैं हिंदू भाई अपना हवन करते हैं और क्रिश्चियन अपना करते है
- इस प्रदर्शन में महंगाई के प्रतीक के रूप में प्याज रखी गई है
- इस प्रदर्शन में डिटेंशन कैंप का मॉडल भी बनाया गया है जो भी लोग भारत की नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे उनको डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा
Bahut hi acha article hai mujhe article padhne main bahut acha lgta hi
Auraton ne bahut mehnat ki hai ,unki mehnat rang laye