शबे कद्र की फजीलत

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शबे कद्र का मतलब बहुत सारे लोगों को नहीं पता है तो हम आपको बता दें शबे का मतलब होता है रात और कद्र का मतलब होता है। शबे- कद्र की रात इतनी अफजल रात है कि अल्लाह पाक ने इसके बारे में कुरान में एक सूरत नाजिल कर दी ( सुरह अल कद्र ) जिसमें इस रात की फजीलत इसकी अजमत और इसके मर्तबा का जिक्र किया गया है।

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रोज़ा किन किन वजाहो से टूटता है ?

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रोजे का सबसे अहम सवाल की रोज़ा किस वजह से टूट जाता है? यह एक ऐसा सवाल है जो कि हर किसी को जानना जरूरी है क्योंकि जब हमें यह पता होगा कि रोज़ा कैसे टूट जाता है तो हम उन चीज़ो से बचेंगे। आज के इस आर्टिकल में हम इसी चीज़ के बारे मैं जानेंगे की रोज़ा किन किन वजाहो से टूटता है ?

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Eid Ki Namaz Ka Tarika

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Eid ul Fitr और ईद उल अज़्हा (Eid Ul Adha) की नमाज़ साल में एक बार पढ़ी जाती है तो इस वजह से हम ये भूल जाते है की कब क्या करना है। कई बार तो हम बगल वाले को देखने लगते है कि अब क्या करे। इस लिए हमने आप के लिए Eid Ki Namaz Ka Tarika तफ्सील से पेश किया है।

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Roze ka Maksad

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जब तक किसी इबादत के बारे में सही से नहीं जानेगे तो तब तक इबादत का जौक और शौक पैदा नहीं हो पायेगा। इसलिए हमें Roze ka Maksad क्या है। इसे अच्छी तरह से समझ लेना बेहतर होगा।

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Ramzan ki Rukhsat

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रमज़ानुल मुबारक अल्लाह का अता किया हुआ एक बहुत बा बरकत महीना अब हम से रुखसत हो रहा है। अभी भी हमारे पास पास Ramzan ki Rukhsat होने से पहले अज़ीम नेमते बचीं है।

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Roza Kholne Ki Niyat

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रोज़े को अरबी जबान में सौम कहते हैं। इसका मतलब होता है रुकने और चुप रहना। क़ुरआन में इसको सब्र भी कहा गया है, जिसका मतलब है अपने आप पर अख्तियार रखना। (Stability)। आगे हम बता रहे है की Roza Kholne Ki Niyat कैसे करे।

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Roza Rakhne ki Niyat

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नियत करना दिल के इरादे को कहा जाता हैं , अगर किसी इंसान ने दिल से पक्का इरादा कर लिया कि मैं रोजा रख रहा हूं तो इतना ही काफी होता है roza rakhne ki niyat के लिए , लेकिन इन अलफाज़ को जबान से दोहरा लेना भी बेहतर है की मैंने यह इरादा किया कि रोजा रखू अल्लाह तआला के लिए इस रमजानुल मुबारक का ।

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