जब मदीने में यहूद ने रसूल अल्लाह सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम पर जादू किया था और इस के असर से आप बीमार हो गए थे उस वक़्त ये सूरतें नाज़िल हुई थीं। आज हम लोग पढ़ेंगे Surah Naas in Hindi
अगर चे क़ुरआन-ए-मजीद की आख़िरी दो सूरतें बजा-ए-ख़ुद अलग अलग हैं, और अलग नामों ही से लिखी हुई हैं, लेकिन उन के दरमयान बाहम इतना गहिरा ताल्लुक़ है।
Surah Naas in Hindi
Surah Naas और Surah Falaq के मज़ामीन एक दूसरे से इतनी क़रीबी मुनासबत रखते हैं कि इन का एक मुश्तर्क नाममुअज़्ज़ातेन (पनाह मांगने वाली दो सूरतें रखा गया है)
इबन-ए-साद ने वाक़दी के हवाला से बयान किया है कि Surah Naas सन 7 हिज्री का वाक़िया है।
Surah Naas Hindi Tarjuma
मैं पनाह मांगता हूँ सुबह के रब की, तमाम मख़लूक़ात के शर से, रात के अंधेरे और जादूगरों और जादूगरनियों के शर से, और हासिदों के शर से।
और उनसे कह दो कि मैं पनाह मांगता हूँ इन्सानों के रब, इन्सानों के बादशाह और इन्सानों के माबूद की हर उस वस्वसा अंदाज़ के शर से जो बार-बार पलट कर आता है और लोगों के दिलों में वस्वसे डालता है, ख़ाह वो शयातीन जिन्नातो में से हो या इंसानो में से।
ये इसी तरह की बात है जैसी हज़रत मूसा ने इस वक़्त फ़रमाई थी जब फ़िरऔन ने भरे दरबार में उन के क़तल का इरादा ज़ाहिर किया था
Surah Naas in English
Surah Naas in Arabic
Surah Naas in Urdu
इस में अअल्लाह सुब्हानहु व ताअला की तीन सिफ़तें बयान हुई हैं, पालने और परवरिश करने की, मालिक और शहनशाह होने की, माबूद और लायक़ इबादत होने की
तमाम चीज़ें उसी की पैदा की हुई हैं उसी की मिल्कियत में हैं और इसी की गु़लामी में मशग़ूल हैं,
सही हदीस में आप सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: कि तुम में से हर शख़्स के साथ एक शैतान है, लोगों ने कहा क्या आपके साथ भी, जिस पर आपने फ़रमाया हाँ लेकिन अल्लाह ताला ने इस पर मेरी मदद फ़रमाई है।
मौज़ू और मज़मून
मक-ए-मुअज़्ज़मा में ये दोनों सूरतें जिन हालात में नाज़िल हुई थीं वो ये थे कि इस्लाम की दावत शुरू होते ही ऐसा महसूस होने लगा था कि रसूल अल्लाह सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम ने गोया भिड़ों के छत्ते में हाथ डाल दिया है।
मक-ए-मुअज़्ज़मा जूँ-जूँ आपकी दावत फैलती गई, कुफ़्फ़ार-ए-क़ुरैश की मुख़ालिफ़त भी शदीद होती चली गई।
जब तक उन्हें ये उम्मीद रही कि शायद वो किसी तरह की लालच से, या बहला फुसलाकर आपको इस काम से बाज़ रख सकेंगे, उस वक़्त तक तो फिर भी दुश्मनी की शिद्दत में कुछ कमी रही।
लेकिन जब हुज़ूर सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इन को इस तरफ़ से बिलकुल मायूस कर दिया कि आप उन के साथ दीन के मुआमला में कोई मुसालहत नहीं करेंगे।
और Surah Kafirun में साफ़ साफ़ उन से कह दिया गया कि जिनकी बंदगी तुम करते हो उन की बंदगी करने वाला में नहीं हूँ, और जिसकी बंदगी में करता हूँ उस की बंदगी करने वाले तुम नहीं हो, इसलिए मेरा रास्ता अलग है और तुम्हारा रास्ता अलग, तो कुफ़्फ़ार की दुश्मनी अपने पूरे उरूज पर पहुंच गई।
इन हालात में अल्लाह सुब्हानहु व ताअला ने सूरह नास नाज़िल की रसूल अल्लाह सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम से फ़रमाया कि इन लोगों से कह दो कि
हुज़ूर पर जादू
दूसरा मसला जो इन सूरतों के मुआमला में पैदा होता है वो ये है कि हुज़ूर सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम पर जादू किया गया था।
और इस के असर से आप बीमार हो गए थे, और इस असर को दूर करने के लिए जिब्रील अलैहिस-सलाम ने आकर आपको Surah Naas और Surah Falaq पढ़ने की हिदायत की थी।
जादू की तारीख़ी हैसियत
सुलह हुदीबीह के बाद जब नबी सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम मदीना वापस तशरीफ़ लाए तो मुहर्रम 7 हिजरी में ख़ैबर से यहूदीयों का एक वफ़द मदीना आया
और वो वफद एक मशहूर जादूगर लबीद बिन अइसम से मिला जो अंसार के क़बीला बनी ज़ुरयक़ से ताल्लुक़ रखता था।
इन लोगों ने इस से कहा कि मुहम्मद सिसलाल्लाहो अलैहि वसल्लम ने हमारे साथ जो कुछ किया है वो तो तुम्हें मालूम है।
हमने उन पर बहुत जादू करने की कोशिश की, मगर हमें कोई कामयाबी नहीं मिली। अब हम तुम्हारे पास आए हैं, क्योंकि तुम हमसे बड़े जादूगर हो। लो ये तीन अशर्फ़ियां हाज़िर हैं, उन्हें क़बूल करो और हमारी मदद करो।
उसी ज़माने में हज़ूर सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम के यहाँ एक यहूदी लड़का ख़िदमत-गार था।
इस से साज़बाज़ कर के उन लोगों ने हज़ूर सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम की कंघी का एक टुकड़ा हासिल कर लिया जिसमें आपके बाल मुबारक थे।
इन्ही बालों और कंघी के दंदानों पर जादू किया गया। बाअज़ रवायात में ये है कि लबीद बिन आसिम ने ख़ुद जादू किया था, और बाअज़ में ये है कि इस की बहनें इस से ज़्यादा जादूगरनियां थीं, उन से इस ने जादू करवाया था।
बहर-ए-हाल इन दोनों सूरतों में से जो सूरत भी हो, इस जादू को एक नर खजूर के ख़ोशे में रखकर लबीद ने एक पत्थर के नीचे दबा दिया।
इस जादू का असर नबी सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम पर होते होते पूरा एक साल लगा, आप सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम घुलते चले जा रहे थे, किसी काम के मुताल्लिक़ ख़्याल फ़रमाते कि कर लिया है मगर नहीं किया होता था।
आख़िर-ए-कार एक रोज़ आप हज़रत सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम ने बार बार अल्लाह ताला से दुआ मांगी। और अल्लाह सुब्हानहु व ताअला के करम से आप Surah Naas और Surah Falaq पढ़ने से शिफायाब हो गए
व अखिरू दावाना अलाह्म्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन
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