मस्नून दुआएँ
हम सुबह से शाम तक अपने रोजाना के काम करते हैं,कितना अच्छा हो के हम अपने रोजाना के कोई भी काम को अल्लाह के ज़िक्र के साथ करें तो इससे हर काम में बरकत होगी और साथ ही हमारे नामे अमाल में नेकी बढ़ जाएगी |
मैं हमेशा उन दुआओं की तलाश में रहा हूं, जिनसे मुझे ज़्यादा सवाब मिले । मैंने बहुत खोज की और इन दुआओं को पाया, जो कि ज़्यादा वक़्त नहीं लेती हैं और ज़ुबान पर बहुत हलकी हैं लेकिन सवाब के हिसाब से बहुत भारी हैं । इन दुआओं के बारे में अच्छी बात यह है कि आप केवल एक मिनट में ही इनको पढ़ सकते हैं।
हर मुसलमान को यह मसनून दुआएं याद करना चाहिए
हमने Masnoon Duain को YouTube पर अपलोड किया है और आप की खिदमत में हाजिर है।
सफर की दुआ
क्या आप जानते हैं इस्लाम में सफर भी एक इबादत है इस्लाम में जिंदगी के हर एक मसले में रहनुमाई की गई है, जिसमें सफर भी एक है सफर में पढ़ी जाने वाली दुआ क़ुरआन-ए-पाक की दो आयात है| सूरह ‘अदद 43, सूरह अज़-ज़ुख़रुफ की आयत ‘अदद 13 और 14 है|सफर में जाने से पहले 2 रक्अत नफ़्ल की नमाज़ पढ़ना चाहिए.
दरूद शरीफ
दरूद शरीफ की फ़ज़ीलत के बारे में जाने दरूद शरीफ की फ़ज़ीलत क्या क्या हैं दरूद शरीफ पर अमल कैसे करे दरूद शरीफ भी एक दुआ है,जो हम लोग अल्लाह के रसूल के हक में पढ़ते है,क्योकि अल्लाह के बाद सब से ज़्यादा एहसान हमारे उपर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलैहि वल्लम का ही है। अगर अल्लाह के रसूल दीन के लिए इतनी परेशानियां ना उठाते तो आज हम सब शिर्क और कुफ्र के अंधेरे में ही होते ये अल्लाह के रसूल का एहसान है कि इतनी परेशानियों के बाद भी दीन हम तक पहुंचा हैं |
आयतुल कुर्सी
आयतुल कुर्सी के बारे में क़ुरआन-ए-पाक की सबसे अज़ीमुश्शान आयत-ए- मुबारिका है, तर्जुमा के साथ आयतल कुर्सी हिंदी में आसान भाषा में बतया गया है आयतल कुर्सी के 4 फ़ज़ाइल और आयतल कुर्सी की पांच बरकते अच्छे से समझया गया हैं | आयतुल कुरसी हिंदी में तरजुमा के साथ सुने।
अत्तहिय्यात
क्या आप जानते है की अत्तहिय्यात जो हर नमाज मे पढ़ी जाती है उसका वजूद कैसे हुआ अत्तहिय्यात यह एक बहुत अहम दुआ है।आसमान मेँ अल्लाह और उसके रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम के दरमियान की मेअराज के वक्त की गुफ्तगु (बात-चीत ) को ही अत्तहिय्यात कहते है !
दुआ ए क़ुनूत
दुआए क़ुनूत जोकि बहुत ही अफजल दुआ है और इसका अहमियत इससे पता चलती है की दुआ ए क़ुनूत को वित्र की नमाज़ में पढना वाजिब है, दुआ ए कुनूत पढ़ने के फायदे क्या-क्या हैं ? ईशा के वक़्त जब वित्र वाज़िब नमाज़ पढ़ते है तब दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़ी जाती है।
अजान के बाद की दुआ
इस्लाम में अज़ान (Azan ) को क्यू इतना importent देते हैं मुस्लिम,अजान के बाद कौन सी दुआ पढ़ना चाहिए। अज़ान का मतलब ऐलान होता है यानी की अल्लाह की इबादत [नमाज] के लिए लोगो को मस्जिद में बुलाने की दावत दी जाती है और लोग मस्जिद में पहुँचते हैं अज़ान की आवाज सुन कर इसे अजान कहा जाता है | दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते है की अल्लाह के घर में यानी मस्जिद में नमाज की दावत के लिए पुकारना ही अज़ान है और जो नमाज़ के बुलावे के तौर पर कहा जाता है।
खाना खाने के बाद की दुआ
खाना खाने का सुन्नत तरीका और खाना खाने के बाद कौन कौन सी दुआ पढ़ना चाहिए जैसा कि आप सब जानते है कि इस्लाम में हर चीज़ का एक तरीका होता है खाना खाने के बाद कौन सी दुआ पढ़ें और साथ ही आप जानेंगे कि इस दुआ का हिंदी में क्या मतलब है।
पुरी प्लेलिस्ट
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