Adami Aur Janwar Ka Jhoota

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आदमी और जानवर का जूठा

जैसा हम जानते है इस्लाम एक बहुत ही खूबसूरत मज़हब है जो हमे किस तरह से ज़िन्दगी गुजारनी चाहिए उसके आदाब सिखाता है लेकिन साथ इस्लाम में कुछ मसले मसाइल भी होते है जिन्हे जान लेना बेहतर होता है जैसे की एक मसला ये भी होता है की किस Adami Aur Janwar Ka Jhoota पाक है है किस का नापाक ? यहाँ हमने कोशिश की है की आपको बेसिक islamic jaankari दे सके।

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हर एक शख़्स मर्द हो या औरत उसका जूठा पाक होता है। लेकिन एक मर्द के लिए नामहरम (ग़ैर) औरत का और एक औरत के लिए नामहरम मर्द का जूठा खाना पीना मकरूह होता है।

आदमी और जानवर के जूठे के बारे मै कुछ ज़रूरी मसाईल होते है जो कुछ इस तरह है

काफ़िर का जूठा पाक होता है मगर उससे बचना चाहिये और थूक, रेंठ और खंखार वग़ैरा जो की पाक है फिर भी आदमी उनसे घिनाता है इन सब से भी बदतर काफ़िर के जूठे को समझना चाहिये। इसी तरह से ही शराबी या हराम जानवर का गोश्त खाने वाले इंसान के जूठे से भी बचना बहुत ज़रूरी होता है। यहाँ पर हम आपको बताएँगे तफ्सील से की किस तरह Adami Aur Janwar Ka Jhoota पाक और नापाक होता है।

अगर किसी इंसान के मुँह से इतना ख़ून निकल जाये कि थूक में लाली सी आ गई तो उसका जूठा नापाक होता है, और इसके बाद उसने फ़ौरन पानी पिया तो यह भी नापाक माना जाता है। ख़ून का असर ख़त्म होने के बाद यह बहुत लाज़िम है कि कुल्ली करके मुँह को पाक किया जाये। क्योंकि ऐसी सूरत-ए -हाल में थूक को निगलना सख़्त नापाक बात और गुनाह माना जाता है।

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इसी तरह से ही अगर किसी ने शराब पीकर फ़ौरन पानी पिया है तो वह पानी भी नापाक हो जाता है।

अगर शराबी की मूँछे इतनी बड़ी हों कि शराब मूँछों में लग जाये या फिर मूछे शराब में चली जाये तो जब तक वो उनको पाक न करेगा और जो पानी पियेगा वह पानी और बर्तन दोनों नापाक हो जायेगा

जिन जानवरों का गोश्त हम खाते है चाहे वो चौपाये हों या परिन्दे उनका जूठा पाक होता है चाहे वो नर हों या मादा जैसे गाय, बैल, भैंस, बकरी, कबूतर और तीतर वगैरह। अगर मुर्ग़ी आज़ाद घूमती है और गन्दगी पर मुँह मारती हो तो उसका जूठा मकरूह होता है और बन्द रहती हो तो पाक होता है।

ऐसे ही कुछ गायें जो की गन्दगी में घूमती है और गन्दगी खाती भी हैं तो उनका जूठा मकरूह होता है। अगर कोई गाय निजासत खाकर पानी या किसी और चीज़ मे मुँह डाल देती है तो वह नापाक हो जाता है बशर्ते कि कोई ऐसी बात न पाई गई जिससे उसके मुँह की पाकी हो जाती हो।

इसी तरह घोड़े का झूठा पाक होता है।

सुअर, कुत्ता, शेर, चीता, भेड़िया, हाथी, गीदड़ और दूसरे दरिन्दों का जूठा नापाक होता है।

कुत्ते ने बर्तन में मुँह डाला तो अगर वह चीनी या धात का होगा या अगर मिट्टी का रौग़नी या इस्तेमाल में लाये हुये चिकने बर्तन तो तीन बार धोने से पाक हो जाताहै नहीं तो हर बार सूखाने से पाक होगा। लेकिन चीनी के बर्तन में दरार (Crack) हो या और बर्तन टूटा हुआ हो तो तीन बार सुखाकर पाक होता है , सिर्फ़ धोने से पाक नहीं होता है।

अगर किसी मटके को कुत्ते ने ऊपर से चाट लिया तो उसके अन्दर का पानी नापाक नहीं होगा।

उड़ने वाले शिकारी परिन्दे जैसे शिकरा, बाज़, बहरी और चील वग़ैरा का जूठा मकरूह होता है और यही नियम कौए के लिए भी होता है अगर इन परिंदो को पल कर शिकार करना सिखाया गया हो तो इनका जूठा पाक होता है।

घर में रहने वाले जानवर जैसे की बिल्ली, चूहा, साँप और छिपकली वगैरह का जूठा मकरूह होता है।

अगर किसी इंसान का हाथ बिल्ली ने चाटना शुरू किया तो उसे फ़ौरन ही हाथ खींचे लेना चाहिए यूँही छोड़ देना कि चाटती रहे मकरूह हो जाता है और तुरंत ही हाथ धो लेना चाहिये अगर बिना धोये नमाज़ पढ़ ली तो नमाज़ तो हो जायेगी मगर धोना ज़्यादा बेहतर होता है।

अगर बिल्ली ने चूहा खाया हो और फ़ौरन ही बर्तन में मुँह डाल दिया हो तो पानी नापाक हो जाता है और अगर ज़ुबान से मुँह चाट लिया कि ख़ून का असर ख़तम हो गया तो नापाक नही होगा।

पानी के रहने वाले जानवर का जूठा पाक होता है चाहे उनकी पैदाइश पानी में ही हुई हो या न हुई हो।

गधे ख़च्चर का जूठा पानी मशकूक यानि शक वाला होता है। यानि उस पानी के वुज़ू के क़ाबिल होने में शक होता है और इसीलिये उससे वुज़ू नहीं हो सकता है क्योंकि जब हदस का यक़ीन हो तो उसे न करना ही बेहतर होता है।

अगर जूठा पानी पाक है तो उससे वुज़ू और ग़ुस्ल दोनों जाइज़ होता हैं मगर जिस पर ग़ुस्ल फ़र्ज़ हो और उसने अगर बग़ैर कुल्ली के पानी पी लिया हो तो तो उसके जूठे पानी से वुज़ू जाइज़ नहीं होगा क्युकी वह पानी इस्तेमाली हो गया।

अगर अच्छा पानी है और मकरूह पानी से वुज़ू और ग़ुस्ल किया जाये तो यह मकरूह है और अगर अच्छा पानी मौजूद नहीं हो तो इसमें कोई हर्ज नहींहोता है।

मशकूक झूठे यानी जिस पर शक हो को खाना पीना नहीं चाहिये अगर मशकूक पानी अच्छे पानी में मिल गया तो अगर अच्छा पानी ज़्यादा हो तो उससे वुज़ू हो सकता है लेकिन अगर मशकूक पानी ज्यादा हो और साफ़ पानी कम तो वज़ू जाएज़ नहीं है।

जिसका जूठा नापाक होता है उसका पसीना और लार भी नापाक होता है और जिसका जूठा पाक होता है उसका पसीना और लार भी पाक होता है और जिसका जूठा मकरूह होता है उसका लार और पसीना भी मकरूह होता है।

गधे, ख़च्चर का पसीना अगर कपड़े में लग गया हो तो कपड़ा पाक होता है चाहे कितना ही ज़्यादा क्यों न लगा हो।

अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “जिस ने मवेशियों, या शिकार, या खेती के कुत्ते के अलावा कोई कुत्ता रखा, उसके अज्र( सवाब ) से हर दिन एक क़ीरात कम कर दिया जाता है।”

(इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है हदीस संख्या : 1575).

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जज़्ज़ाकल्लाहुखेर

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