Zina Kya Hai ?
जैसा की हम सब देखते है आजकल हमारे माशरे में बेहेयी कितनी ज्यादा बढ़ती जा रही है आजकल के लड़के लड़किया मॉडर्न बनने के चक्कर में गलत कामो की ओर जा रहे है। पहले तो ये छोटे छोटे गलत काम करते है फिर ये बड़े बड़े गलत काम करने लगते है। आजकल जो सबसे बड़ा गुनाह हो रहा है वो है जीना। आज हम इसी बारे में बात करेंगे की Zina Kya Hai ? सबसे पहले जानते है की जीना होता क्या है।
अगर कोई मर्द एक ऐसी औरत से सोहबत यानी इंटरकोर्स या हमबिस्तरी करता है जो की उसकी बीवी नहीं है,तो ये जिना कहलाता है जीना सिर्फ साथ सोने को ही नहीं कहते बल्कि किसी नामेहरम को छूना भी जीना कहलाता है। जीना की कई किस्मे होती है। जैसे आँखों का जीना ,किसी नामेहरम औरत को देखना ,या कुछ बेहयायी देखना ,आँखों का जीना कहलाता है। इसी तरह किसी नामेहरम औरत से बात करना मुँह का जीना कहलाता है। ज़िना को इस्लाम में एक बहुत बड़ा गुनाह माना गया है,
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और इस्लाम में जीना करने वालों की दुनिया में भी सज़ा बताई गयी है और मरने के बाद भी अल्लाह ताला इसकी सख़्त सज़ा देंगे। ज़िना के बारे में कुछ हदीस और क़ुरान की आयत बताई गयी है:
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया, शिर्क यानी अल्लाह के साथ-साथ किसी दसरे कीइबादत यानी पूजा करना के बाद अगर अल्लाह के नाजदिक इस गुनाह से बड़ा कोई गुनाह है की एक शख्स किसी औरत से सोहबत यानी हमबिस्तरी करे जो की उसकी बीवी नहीं हो और जब कोई मर्द और औरत जीना कर्ता है तो ईमान उनके सीने से निकल कर सर पर साये की तरह ठहर जाता है
(मुकाशेफ्तुल कुलूब सफाः 168)
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)अलैहय वसल्लम) ने फरमाया – मोमिन (मुस्लिम) होते हुए कोई ज़िना कर ही नहीं सकता”
(बुखारी शरीफ, जिल्द:3, सफा:614 हदीस:1714)
अल्लाह कुरआन में फरमाता है” और (देखो) जीना के पास भी ना जाना,बेशक वो बेहयाई है और बुरी राह है”। (अल-कुरान: अल-इसरा: ए-32)
ज़िना की सजा और अज़ाब :
(1) हजरत मूसा (अलैहि सलाम) नेअल्लाह से जब ‘ज़िना’ की सज़ा पूछी तो अल्लाह ताला ने फरमाया, “आग की जर्राह पहनाउंगा (लोहे का लिबास जो आग से बना होगा) वो ऐसा भारी है की अगर बहुत बड़े पहाड़ पर रख दी जाए तो वो भी टुकड़े-टुकड़े हो जाए”।
(मुकाशेफ्तुल कुलूब सफाः 168)
अगर जीना करने वाला शादी शुदा हो तो खुले मैदान में पत्थर मार-मार कर मार डाला जाए और अगर कुवारा हो तो 100 कोड़े
मारे जाए।
(बुखारी शरीफ जिल्द सफा: 615/615 हदीस:1715)
आजकल देखने में आया है कि जीना के गुनाह में बहुत से लोग शामिल हैं, चाहे लड़का हो या फिर लड़की।और बड़े गुनाह को गुनाह भी नहीं मानते है। इस गुनाह को बढ़ावा देने में सबसे बड़ा हाथ आजकल मोबाइल और टी-वी का है इन सब में इंसान बेहूदा चीज़ो को देखता है और फिर उस पर अमल भी करता है।
अगर कोई कुंवारा लड़का या लड़की जीना जैसा गुनाह करता है तो इसका गुनाह उसके माँ बाप को भी मिलता है क्युकी उनके ऊपर फ़र्ज़ है की वो अपने बच्चो की शादी जल्दी कर दे जिससे वो इस गुनाह से बचे रहे।
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अल्लाह ने कुरान में फरमाया की पाक दामन लड़की के लिए पाकदामन लड़के बनाये गए है इसी तरह पाकदामन लड़के किए लिए पाकदामन लड़की बनायीं गयी है। इसका यही मतलब है की अगर आपको नेक बीवी या शौहर मिला है तो आप नेक है अगर ऐसा नहीं है तो आगे आप समझ लीजिये। ……
मेरे प्यारे दोस्तो, जीना की और भी सजाएं है, इसलिए जहाँ तक हो सके खुद को भी इस गुनाह से बचाये और अपने दोस्तों को भी बचाये , जहाँ तक हो सके ऐसी चीज़ो से बचे जो आपको इस गुनाह जी ओर ले जाए। अगर आपका कोई दोस्त इस गुनाह में है तो उसे भी समझाए और हो सके तो नमाज़ कायम करे क्युकी गुनाह से बचने का सबसे अच्छा तरीक़ा नमाज़ है और दीन की रहा पर चले।
अल्लाह हर मुसलमान को इस गुनाह से महफूज़ रखे।
“आमीन”
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