बहुत सारे लोगों को ऐसा लगता है कि 30 दिन रोजे रखने के बाद जश्न के तौर पर ईद मनाई जाती है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। मुझे यह कहने में बिल्कुल भी हिचकिचाहट नहीं होगी कि कई सारे मुसलमानों को तो रमजान और ईद दोनों के राज नहीं पता कि यह दोनों किस लिए मनाए जाते हैं।
यहां तक कि कई सारे लोगों को यह भी नहीं पता कि हम मुसलमान 30 दिनों तक रोजा क्यों रखते हैं। जिस तरह रमजान में रोजे रखने के तरीके होते हैं जैसे कि सबसे पहले सेहरी करनी होती है उसके बाद हमें कुछ भी खाना पीना नहीं है जब तक कि मगरिब की अजान नहीं हो जाती। उसी तरह ईद मनाने का भी तरीका है जो बहुत सारे लोगों को नहीं पता है।
तो दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको ईद मनाने का तरीका बताने वाले हैं और ईद मनाने का सुन्नत तरीका है। सुन्नत तरीका जो हमारे हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को बहुत पसंद आता है।
इसलिए हम आपको ईद कैसे मनाई जाती है ये बताने वाले हैं। जिस तरह हम आपको ईद मनाने का तरीका बताने वाले हैं आप भी उसी तरीके से ईद मनाए ताकि आप भी हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के सुन्नत तरीकों पर चल पाए।
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दोस्तों ईद मनाने का तरीका औरतों और मर्दों दोनों के लिए अलग-अलग है तो आज हम आपको इस पोस्ट में औरत और मर्द दोनों को किस तरह से ईद मनाना है यह बताने वाले हैं इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़िएगा कहीं ऐसा ना हो कि आप सिर्फ मर्द या सिर्फ औरत के तरीके को पढ़े और उसी तरीके से ईद मना ले।
ईद क्यों मनाई जाती है–
1400 साल पहले 624ई में बद्र की लड़ाई में जीत हासिल हुई थी जिस वजह से ईद मनाई जाती है।
ईद की शुरुआत –
इस्लामिक कैलेंडर यानी हिजरी के मुताबिक 624 ई में ईद मनाई गई थी। इस्लाम में पैगंबर ने बताया था कि अल्लाह ने कुरान में पहले से ही 2 सबसे पाक दिनों का जिक्र किया है जिसमें से ईद उल फितर और ईद उल जुहा का नाम है।
ईद कैसे मनाई जाती है –
दसवें महीने में सववाल के पहले ईद मनाई जाती है। ईद के दिन लोग सुबह सवेरे उठ जाते हैं और ईदगाह पर नमाज पढ़ने की तैयारी करते हैं नमाज का एक मुकर्रर वक्त होता है जिस वक्त सभी को ईदगाह में पहुंच जाना होता है।
नमाज पढ़ने जाने से पहले सभी मुस्लिम मर्द नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं आंखों में सुरमा लगाते हैं इत्र लगाते हैं उसके बाद नमाज के लिए निकल जाते हैं। सब एक जगह होकर नमाज़ पढ़ते हैं नमाज पढ़ने के बाद सभी एक दूसरे को ईद मुबारक बोलकर गले लगाते हैं।
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यानी कि सभी एक दूसरे की गलतियों बुराइयों को भूलकर गले लगाते है। और यह हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का फरमान है कि ईद के दिन किसी से भी कोई शिकवा शिकायत नहीं रखनी चाहिए उस दिन सभी से मुस्कुराकर और दिल से मिलना चाहिए और जो सभी शिकायतें भूलाकर अपने दुश्मनों को भी गले लगाते हैं तो यह अदा अल्लाह पाक को बहुत पसंद आती है।
औरतों के लिए ईद की नमाज–
औरतों को ईद की नमाज पढ़ने का हुकुम नहीं है इसलिए उन्हें सुबह-सुबह नहा धोकर नफिल नमाज अदा करनी चाहिए उन्हें भी फरमान है कि वह नए कपड़े पहन सकती है।
ईद के दिन क्या खाना सुन्नत है –
जब ईद के दिन सभी नहा धोकर तैयार हो जाते हैं नमाज पढ़ने जाने की तैयारी करते हैं उस वक्त उन्हें कुछ मीठा खाना चाहिए। हो सके तो उन्हें खजूर खाकर नमाज पढ़ने जाना चाहिए क्योंकि खजूर खाना सुन्नत है और हमारे नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का सबसे पसंदीदा फल है।
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या फिर आप शीर खुरमा खाकर भी जा सकते हैं बहुत सारे लोग शीर खुरमे में ढेर सारे खजूर डालकर उसे पकाते हैं ताकि सभी खजूर खाकर नमाज पढ़ने जा सके।
ईद में सेवइयां क्यों बनाई जाती है –
हम सभी मुसलमान ईद के दिन शीर खुरमा जरूर बनाते हैं लेकिन क्या यह फर्ज है। तो हम आपको बता दे ऐसा बिल्कुल भी नहीं है ईद के दिन बस मीठा खाना सुन्नत माना जाता है इसलिए शीर खुरमा मीठे के तौर पर बनाया जाता है और उसे खाया जाता है।
बहुत सारे लोगों को शीर खुरमा खाना पसंद नहीं है तो वह खीर भी बना लेते हैं और मुंह मीठा कर लेते हैं।
ईद के दिन नए कपड़े पहनना फर्ज है –
जैसे ही रमजान आता है सभी लोगों के ध्यान में बस एक ही बात आती है कि उन्हें ईद के लिए नए कपड़े लेने हैं और कई सारे लोगों को तो यह पता भी नहीं है कि ईद के कपड़े लेना फर्ज है या नहीं तो हम आपको बता दें ईद के कपड़े लेना फर्ज नहीं है आप अपनी हैसियत के हिसाब से कपड़े ले सकते हैं।
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आप आम दिनों में अगर कपड़े खरीदते हैं तो आपको इसका हिसाब देना पड़ता है लेकिन अगर आप रमजान में कपड़े खरीदते हैं तो इसका कोई हिसाब आप से नहीं लिया जाएगा क्योंकि रमजान में अल्लाह पाक खुशी मनाने का हुकुम देते हैं और आप अपनी मनमर्जी खरीदारी कर सकते हैं।
जिनके पास पैसे नहीं है वह खरीदारी नहीं कर सकते नए कपड़े नहीं ले सकते तो इसमें भी कोई बुराई नहीं है वह पुराने कपड़े पहनकर ही नमाज पढ़ सकते हैं और ईद मना सकते हैं।
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ईद के दिन की सुन्नते –
ईद में हम कई सारी चीजें करते हैं जैसे कि नए कपड़े पहनते हैं खुशबू लगाते हैं अच्छी-अच्छी चीजें खाते हैं ईद में करने वाली कई सारी चीजों में कुछ चीजें सुन्नत है जैसे कि–
•सुबह जल्दी उठ कर सफाई करना कपड़े वगैरह तैयार करना सुन्नत है।
- मिसवाक करना
- नहाना
- साफ कपड़े पहनना अगर नए कपड़े नही भी है तो कपड़े साफ सुथरे होने चाहिए।
- इत्र लगाना ( मर्दों के लिए )
- ईदगाह जाने से पहले कुछ मीठा खाना
- नमाज़ से पहले फितरा जकात अदा करना