नज़र का लगना हक़ है नज़र यानी हसद भरी निगाहे किसी के लिए भी बेहद ख़राब और नुकसानदेह है इसका शिकार कोई भी अच्छा और जहीन इंसान हो सकता है
ख़ास कर ख़ूबसूरत लड़की ,हस्ता खेलता बच्चा ,हसी ख़ुशी रह रहे शादीशुदा जुड़े। इसलिए आज हम आपको buri nazar se bachne ki dua बताएँगे।
1 ) अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद (सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम)- ने फ़रमाया के बुरी नज़र लगना हक़ है।
2 ) अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद (सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम)-फरमाते है की बुरी नज़र लगना बर हक़ है कोई चीज़ तकबीर पर ग़ालिब आती है तो वो नज़र होती है।
3 ) एक हदीस में रसूल अल्लाह सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया के मेरी उम्मत में क़ाज़ा और तक़दीर के बाद सब से ज़ियादा आमवात (मौत )बुरी नज़र की वजह से होंगी।
Ref . बुखारी शरीफ & मुस्लिम शरीफ
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Buri nazar se bachne ki dua in hindi
हदीस : इब्ने अब्बास (रज़ी अल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की, रसूलअल्लाह सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह से हुसैन व हसन (रज़ी अल्लाहु अन्हु) के लिए तालाब किया करते थे और फरमाते थे की
“तुम्हारे बुज़ुर्ग दादा इब्राहिम (अलैहि सलाम) भी इस्माइल और इस्हाक़ (अलैहि सलाम) के लिए इन्ही कलीमात के जरिये अल्लाह की पनाह माँगा करते थे।
सलाल्लाहो अलैहि वसल्लम
‘अवज़ू बि-कलिमातील्लाही तमात्ति मीन कुल्ली शैतानींन व हम्मातींन वा-मिन कुल्ली अयेनिन लामातिन।’”
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तर्जुमा : मैं पनाह मांगता हु अल्लाह की पुरे पुरे कलिमात के जरिए, हर शैतान से और हर ज़हरीले जानवर से और हर नुकसान पहुँचाने वाली नज़र-ए-बद्द से.
Nazar ki dua in Quran
हर मुसलमान के लिए जरुरी है कि वह अल्लाह पर यकीन , उस पर भरोसा और तवक्कुल की ताकत , उसका सहारा लेकर, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से साबित दुआओं, तथा
ज्यादा से ज्यादा मुऔवज़तैन (सूरतुल फलक़ और सूरतुन्नास), सूरतुल इख्लास, सूरतुल फातिहा और आयतुल कुर्सी पढ़कर अपने आप को इंसान और जिन्नात में से शैतानों से मेहफ़ूज़ कर ले।
इसलिए हम आपको buri nazar ki dua in quran बताने जा रहे है जो की इस तरह है नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से साबित पनाह मांगने वाली दुआओं में से कुछ दुआए हैं,
“अऊज़ो बि-कलिमातिल्लाहित्ताम्मात मिन शर्रे मा खलक़”
(मैं अल्लाह की बनायीं हुई हर उस चीज़ की बुराई से अल्लाह की पनाह मांगता हूँ जो अल्लाह ने पैदा किया है।)
“अऊज़ो बि-कलिमातिल्लाहित्ताम्मा मिन ग़ज़-बिहि व इ़क़ाबिहि, व मिन शर्रे इबादिहि, व मिन हम-ज़ातिश्शयातीनि व अंयह़ज़ोरूनि”
(मैं अल्लाह की पनाह में आता हूँ उसकेगुस्से और सज़ा से, और उसके बन्दों की बुराई से, और शैतानों के वस्वसे से और इस बात से कि वे मेरे पास आयें।)
अल्लाह तआला का यह फरमान :
“ह़स्बियल्लाहु ला-इलाहा इल्ला हुवा अ़लैहि तवक्कल्तु व हुवा रब्बुल् अर्शिल् अ़ज़ीम”
(मेरे लिए अल्लाह काफ़ी है, उसके सिवाय कोई सच्चा माबूद नहीं, उसी पर मैं ने भरोसा किया, और वह अर्श का रब है।)
बुरी नज़र से बचने की दुआ आप पढ़ कर बुरी नज़र का इलाज कर सकते है
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Nazar-e -bad ki dua in arbic
यहाँ हम आपको nazar e bad ki dua अरबी में बता रहे है बहुत से लोगो को हिंदी में और इंग्लिश में समझने में दिक्कत होती है इसलिए लोगो की परेशानी को ख़तम करने के लिए हम अरबी में भी दुआ को बता रहे है
Buri nazar lagne ki dua in english
यहाँ पर आप लोगो की आसानी के लिए हमने नज़र- ए- बद की दुआ को इंग्लिश में भी लिख दिया है
A’oodhu Bikalimatillahi-Tammatti Min Kulli Shaytaanin Wa Hammatin Wamin Kulli ‘Aynin Lammatin.”
Buri nazar lagne ka ek waqiya
Buri nazar se bachne ki dua in hindi को और सही से समझने के लिए हमने यहाँ पर एक वाक़िये का बयान किया है
इमाम अहमद (हदीस : 15550) और मालिक (हदीस : 1811)नसाई, इब्ने हिब्बान ने सहल बिन हुनैफ रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है
और अल्बानी ने मिश्कात (हदीस : 4562) में इसे सहीह कहा है,कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उनके साथ निकले और मक्का की ओर रवाना हुये,
यहाँ तक कि जह्फा में शिअबुल-खरार नामी जगह पर पहुँचे तो सह्ल बिन हुनैफ ने ग़ुस्ल किया और वह सफेद रंग वाले एक गोरे खूबसूरत आदमी थे,
तो बनू अदी बिन कअब के एक आदमी आमिर बिन रबीआ ने उनको ग़ुस्ल करते हुये देखा तो कहा : मैं ने आप की तरह (खूबसूरत) तो किसी कुँवारी की भी जिल्द को नहीं देखा। इस पर सह्ल बेहोश होकर गिर पड़े,
उन्हे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास लाया गया और कहा गया : ऐ अल्लाह के पैग़ंबर! क्या आप सह्ल के लिए कुछ करेंगे? अल्लाह कि क़सम वह अपना सिर नहीं उठा रहे हैं।
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा: क्या तुम उसके बारे में किसी पर तोहमत लगाते हो ? लोगों ने कहा : आमिर बिन रबीआ ने उनकी ओर देखा है।
तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने आमिर को बुलाया और उन पर गुस्सा हुये, और कहा :”तुम में से कोई अपने भाई को क्यों क़त्ल करता है ? जब तू ने कोई पसंदीदा चीज़ देखी तो उसके लिए बरकत की दुआ क्यों न की?
फिर आप ने आमिर से कहा :उनके लिए ग़ुस्ल करो (मतलब अपने बदन को धुलो), चुनाँचि उन्हों ने अपना चेहरा, अपने दोनों हाथों, दोनों कोहनियों, दोनों घुटनों, दोनों पाँवों के किनारों और अपनी तहबंद के भीतरी हिस्से को एक प्याले में धुला, फिर वह पानी उनके ऊपर उँडेल दी गया,
एक आदमी उनके पीछे से उनके सिर और पीठ पर डालता था, फिर उनके पीछे प्याला उंडेल दिया गया, जब उनके साथ ऐसा किया गया, तो सह्ल (चंगा होकर) लोगों के साथ चलने लगे जैसे कि उन्हें कुछ भी नहीं हुआ था।”
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Nazar ki dua by prophet
बुरी नज़र लगने पर शरई इलाज किया जायेगे , जोकि नीचे बताये गए है ,
पढ़ कर दम करना : जैसा कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान है : “बुरी नज़र या बुखार के अलावा किसी और चीज़ के वजह से झाड़-फूँक (दम) करना जाइज़ नहीं।”
(तिर्मिज़ी: 2057, अबू दाऊद: 3884) तथा
जिब्रील अलैहिस्सलाम नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर दम करते हुए कहते थे :”बिस्मिल्लाहि अर्क़ीक, मिन कुल्ले शैइन यू’ज़ीक, व मिन शर्रे कुल्ले नफ़्सिन् औ ऐ़निन्ह़ासिदिन्, अल्लाहु यश्फ़ीक, बिस्मिल्लाहि अर्क़ीक।”‘
(मैं अल्लाह के नाम से तुझ पर दम करता हूँ हर उस चीज़ से जो तुझे नुक्सान पहुँचाती है, और हर नफ्स की बुराई से या हसद करने वाली आँख से, अल्लाह तुझे शिफा दे, मैं अल्लाह के नाम से तुझ पर दम करता हूँ।)
ग़ुस्ल करवाना: जैसा कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने पीछे हदीस में आमिर बिन रबीआ को हुक्म दिया, फिर उस पानी को बुरी नज़र से बीमार व्यक्ति पर उंडेल दिया जाये
जैसा की बताया गया है की नज़र लगना बर हक़ है इसके बारे में हमने आपको क़ुरान व हदीस में क्या क्या बताया गया है उसके बारे में बताया है इसके साथ ही हमने buri nazar se bachne ki dua को हिंदी ,इंग्लिश और अरबी में भी बताया है
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व अखिरू दावाना अलाह्म्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन