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  • जान ले सुरेह इखलास की ये खास फजीलत
    · Iffat Zia · Religion

    जान ले सुरेह इखलास की ये खास फजीलत

    अपनी परेशानी के वक्त सूरह इखलास की तिलावत करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती है और सुरह इखलास नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम रोजाना पढ़ा करते थे।

    • सूरह रहमान पढ़ने के हैरत अंगेज़ फायदे और बरकतें
      · Nazir Hussain · Religion

      सूरह रहमान पढ़ने के हैरत अंगेज़ फायदे और बरकतें

      अगर किसी शख्स पर जादू टोने का असर हुआ है तो वह सूरह रहमान की तिलावत करें इससे बुरी नजर और जादू टोने से अल्लाह पाक उसकी हिफाजत फरमाते हैं। और जो शख्स इसे रोजाना पढ़ता है वह हर तरह के जादू और दुश्मनों की नजर से बचा रहता है।

      • हर मुसलमान जान ले सूरह वाकिया के हैरत अंगेज फायदे और बरकतें
        · Iffat Zia · Religion

        हर मुसलमान जान ले सूरह वाकिया के हैरत अंगेज फायदे और बरकतें

        जिन घरों में रिज्क की कमी होती है बरकत और दौलत नहीं होती उस घर में अगर रोज सूरह वाकिया की तिलावत की जाए तो वह घर रिज्क और बरकतों से भर जाता है। इस आर्टिकल में मैं सूरह वाकिया के हैरतअंगेज फायदे बताऊंगी जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

        • 99 Names of Allah in Hindi | अल्लाह के 99 नाम
          · Shikh Saba · Religion

          99 Names of Allah in Hindi | अल्लाह के 99 नाम

          वैसे तो अल्लाह पाक के 3000 नाम है जिनमें से एक हजार अल्लाह के सिवा और कोई भी नहीं जानता और 1000 वह है जो फरिश्तों के अलावा कोई और नहीं जानता और 1000 वह है जो पैगंबरों से हम तक पहुंचे हैं जिनमें से 300 तोरेत में 300 जबूर में और 300 इंजील में और एक सौ कुरान में दिए गए हैं।

          • ईद कैसे मनाई जाती है
            · Shikh Saba · Religion

            ईद कैसे मनाई जाती है

            सारे मुसलमानों को तो रमजान और ईद दोनों के राज नहीं पता कि यह दोनों किस लिए मनाए जाते हैं हम आपको ईद मनाने का तरीका बताने वाले हैं और ईद मनाने का सुन्नत तरीका है। सुन्नत तरीका जो हमारे हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को बहुत पसंद आता है।

            • इस्लामिक कैलेंडर नेम इन हिंदी
              · Iffat Zia · Religion

              इस्लामिक कैलेंडर नेम इन हिंदी

              हम लोग दिन, तारीख, साल, महीना सभी चीजें उसी हिसाब से मानते हैं जिस हिसाब से पूरी दुनिया मानती है लेकिन हमारे इस्लाम में इस्लामिक कैलेंडर है जो हमें हिजरी से मिला है और इनमें जो दिन तारीख है उसी हिसाब से हमें चलना चाहिए।हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने जब मक्का से निकलकर मदीना में दाखिला हुए तो इसे हिजरत नाम दिया गया जिस दिन वह मदीना गए उस दिन को हिजरी कैलेंडर के रूप में शुरू किया गया। इस्लामिक कैलेंडर में हर साल हर महीने करीब 10 दिन पीछे खिसकते रहते हैं।