दोस्तों कुरान शरीफ पढ़ना हम सभी मुसलमानों पर फर्ज है लेकिन कुरान शरीफ पढ़ने का भी एक तरीका होता है जो हम मुसलमानों में बहुत कम देखा जाता है लोग जैसे चाहे वैसे कुरान शरीफ लेकर बैठ जाते हैं और पढ़ना शुरू कर देते हैं लेकिन यह गलत है क्योंकि कुरान शरीफ अदब से पढ़ने वाली चीज है और इसके लिए हमें पूरे मुकम्मल तरीके से तैयार होना होता है।
हमारे इस्लाम में हर चीजें अदब से करने का हुक्म दिया गया है और हमारा इस्लाम बहुत साफ सुथरा मजहब है इसलिए हर चीजों को साफ सफाई के साथ करने का हुकुम भी दिया गया है जैसे की नमाज और कुरान शरीफ पढ़ते वक्त हमें कई सारी बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है।
आज हम इस पोस्ट में आपको कुरान शरीफ पढ़ने का सही तरीका बताने वाले हैं।
दोस्तों रोजाना कुरान शरीफ की तिलावत करना घरों में बरकत लाने का सीधा जरिया होता है। और जिस घर में रोजाना कुरान शरीफ की तिलावत की जाती है उस घर में अल्लाह ताला की रहमत बरसती है और जिस घर में अल्लाह की रहमत बरसती हो उस घर में मुसीबत परेशानियां कोसों दूर रहती है।
नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि अपने घरों में रोजाना कुरान शरीफ की तिलावत करो और अपने घर वालों से भी करवाओ क्योंकि कुरान शरीफ ही कयामत के दिन पढ़ने वालों को शफाअत करने के लिए आएगी।
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कुरान शरीफ पढ़ने का तरीका
कुरान शरीफ पढ़ने से पहले मुकम्मल तरीके से वजू बनाना जरूरी है उसके बाद जानिमाज बिछाकर उसमें कुरान शरीफ रखकर पढ़ना चाहिए। क्योंकि हमारे हुजूर भी जमीन पर बैठकर ही कुराने पाक की तिलावत किया करते थे।
ध्यान रहे कि आपके कपड़े पाक साफ हो और आपका रुख किबला की तरफ हो। कुरान शरीफ पढ़ने से पहले आपको अऊजो बिल्लाही पढ़ना वाजिब है।
कुरान शरीफ को कभी भी हड़बड़ा कर ना पड़े क्योंकि एक हर्फ भी अगर गलत होता है तो उसके पूरे मायने बदल जाते हैं इसलिए सभी हर्फ को आराम आराम से पढ़े और समझ कर पढ़ें। कुरान शरीफ देखकर पढ़ना बिना देख कर पढ़ने से बेहतर है।
जब आप कुरान शरीफ पढ़ते हैं तो अपना पूरा ध्यान कुरान शरीफ को पढ़ने में ही लगा दे आपके सामने क्या बातें हो रही है या फिर कौन क्या कर रहा है इन चीजों पर बिल्कुल ध्यान ना दें।
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कुरान शरीफ पढ़ते पढ़ते बीच में बातें करना भी गलत है इसलिए कोशिश करें कि जब तक कुरान शरीफ में रुकु ना आ जाए तब तक बातें ना करें और लगातार पढ़ते जाए।
कुरान शरीफ पढ़ने में दिक्कत
दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि आंख में कुछ तकलीफ हो जाने के वजह से लोगों को दिखाई नहीं देता है और वह कुरान शरीफ नहीं पढ़ पाते हैं लेकिन अगर वह किसी और से कुरान शरीफ पड़वा कर उसे गौर से सुने और महसूस करें कि वह खुद से पढ़ रहे हैं तो ऐसे में उन्हें कुरान शरीफ पढ़ने जितना ही सवाब दिया जाएगा।
कुरान शरीफ पढ़ने के अदब
जब आप कुरान शरीफ पढ़ते हो तो आपको 3 दिन के अंदर कुरान शरीफ मुकम्मल करना सही नही है। जब आप कुरान शरीफ मुकम्मल कर लेते हैं तब उसके बाद कुल हूअल्लाहहू अहद पढ़ना बेहतर होता है। इसके अलावा लेट कर कुरान मजीद पढ़ने में भी कोई हर्ज नहीं है।
गुसलखाना और बाथरूम की जगह में कुरान की तिलावत करना गलत है उसे नाजायज माना जाता है और जो शख्स कुरान की तिलावत गलत करता है और देखने वाला सही तरीका जानता है तो उसको सही तरीका बताना भी फर्ज है वरना वो भी गुनाह का हकदार हो जाता है।
जिसने कभी कुरान शरीफ पढ़ा नहीं है उसे सबसे पहले कुरान शरीफ किसी उस्ताद या फिर अम्मी अब्बू या किसी भी घरवाले से सीखना चाहिए ताकी कुरान मजीद पढ़ने का मुकम्मल तरीका आ समझ आ जाए।
जिस जगह पर शोर हो वहां पर जोर से कुरान शरीफ पढ़ना नाजायज है क्योंकि आमने सामने से गुजरने वाले लोग अगर आपकी कुरान शरीफ की तिलावत को नहीं सुनते हैं तो इससे गुनाह कुरान पढ़ने वाले पर होगा।
कुरान शरीफ को जोर से पढ़ना फर्ज नहीं है बल्कि अफजल है क्योंकि अगर किसी बीमार परेशान इंसान के सामने जोर से कुरान शरीफ पढ़ा जाए तो वह कुरान शरीफ सुनेगा नहीं और बल्कि अनसुना कर देगा इसलिए हालात देख कर आप कुरान शरीफ को धीरे-धीरे पढ़ सकते हैं।
कुरान शरीफ को ऐसी जगह पर रखें जहां पर जगह पाक साफ हो और जिस कपड़े से कुरान शरीफ को लपेटे वह कपड़ा बिल्कुल साफ सुथरा और पाक होना चाहिए और उस कपड़े का इस्तेमाल कुरान शरीफ रखने के अलावा और किसी चीज में नहीं करना चाहिए।
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जब कोई कुरान शरीफ पड़ता हो तो कुरान की तरफ पीठ दिखा कर बैठना गलत है और पांव फैला कर बैठना भी गलत है इसलिए कुरान शरीफ पढ़ते वक्त ध्यान रहे कि आप थोड़ी ऊंची जगह पर बैठे और जो कुरान शरीफ नहीं पढ़ते वह नीचे बैठे।
क़ुरान शरीफ का जिक्र करने की फजीलत
हुजूर अकरम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो लोग अल्लाह के घर या फिर किसी भी घर में जमा होकर कुरान शरीफ की तिलावत करते हैं उसका जिक्र करते हैं तो उन पर सवाब नाजिल होती है। जैसे कि कुरानखानी होना या किसी भी वजह से एक जगह बैठकर कुरान की तिलावत करना यह सभी चीजें हमारी हुजूर को बहुत ज्यादा पसंद आती है।
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क़ुरान शरीफ मुकम्मल करने की फजीलत
हमारे हुजूर नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो शख्स कुरान मजीद को मुकम्मल कर लेता है उसकी तालीम हासिल कर लेता है कयामत के दिन उसके मां-बाप को नूर का ताज पहनाया जाएगा।
उस ताज की रोशनी सूरज की रोशनी से भी ज्यादा होगी। उसके वालीदैन को ऐसा जोड़ा पहनाया जाएगा जिसके सामने पूरी दुनिया भी फीकी लगेगी।
हमारे हुजूर ने हमें जितनी भी इबादते बक्शी है उन सभी में कुछ ना कुछ फायदा रखा है जैसे कि कुरान शरीफ पढ़ने से कुरानें पाक कयामत के दिन अपने पढ़ने वाले की सिफारिश बन कर आएगा। तो दोस्तों आप भी कुरान शरीफ पढ़े और अपने लिए मगफिरत की दुआ करें।
Masha Allah, Aapne Quran Padhne Ka Tarika Bahut Acche Se Btaya Hai. Allah Aapke aur Humare Ilm me Barkat Farmaye. Ameen