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Surah Waqiah in Hindi | सूरह वाकिया: गरीबी दूर करने का वजीफा (हिंदी तर्जुमा)

Surah Waqiah in Hindi: क्या आप रिज़्क़ की तंगी से परेशान हैं? पढ़िए सूरह वाकिया (Surah Waqiah) का हिंदी तर्जुमा और जानिए वो अमल जिससे घर में कभी गरीबी नहीं आती।

Surah Waqiah in Hindi | सूरह वाकिया: गरीबी दूर करने का वजीफा (हिंदी तर्जुमा)

सूरह वाकिया (Surah Waqiah) कुरान मजीद की 56वीं सूरह है। इसे “दौलत की सूरह” भी कहा जाता है क्योंकि हदीस में आता है कि जो इसे हर रात पढ़ता है, उसे कभी फाका (गरीबी) नहीं होता।

इस आर्टिकल में हम Surah Waqiah in Hindi, इसका हिंदी तर्जुमा, और इसकी फजीलत के बारे में तफ़सील से जानेंगे।

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इस आर्टिकल में क्या है (Table of Contents)


सूरह वाकिया की फजीलत (Surah Waqiah Benefits)

सूरह वाकिया की सबसे बड़ी फजीलत रिज़्क़ में बरकत है।

  1. गरीबी से हिफाज़त: हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद (रज़ि.) से रिवायत है कि नबी करीम (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया: “जो शख्स हर रात सूरह वाकिया पढ़ता है, उसे कभी फाका (गरीबी) नहीं होगा।”
  2. अल्लाह का कुर्ब: यह सूरह इंसान को गफलत से जगाती है और आख़िरत की याद दिलाती है, जिससे बंदा अल्लाह के करीब होता है।
  3. चेहरे का नूर: बुजुर्गों का कहना है कि इसकी तिलावत करने वाले का चेहरा कयामत के दिन चौदहवीं के चाँद की तरह चमकेगा।

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Surah Waqiah Recitation (Video)

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Surah Waqiah Hindi Tarjuma (Translation)

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम (शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है)

1. इज़ा वक अतिल वाकिअह

उस वक़्त को याद करो जब क़यामत वाक़े हो जाएगी

2. लैसा लिवक अतिहा काज़िबह

जिस के वाक़े होने में कोई झूट नहीं

3. खाफिज़तुर राफि अह

किसी को नीचा करेगी और किसी को ऊंचा

4. इज़ा रुज्जतिल अरजु रज्जा

जब ज़मीन हिला कर रख दी जाएगी

5. व बुस्सतिल जिबालु बस्सा

और पहाड़ पीस कर रख दिए जायेंगे

6. फकानत हबा अम मुम्बस्सा

तो वो उड़ता हुआ गुबार बन जायेंगे

7. व कुन्तुम अजवाजन सलासह

और तुम तीन किस्मों में बंट जाओगे

8. फ अस्हाबुल मय्मनति मा अस्हाबुल मय्मनह

( एक ) तो दाहिनी तरफ़ वाले, क्या कहने दाहिनी तरफ़ वालों के

9. व अस्हाबुल मश अमति मा अस्हाबुल मश अमह

( दुसरे ) बायीं तरफ़ वाले, बायीं तरफ़ वाले कैसे बुरे हाल में होंगे

10. वस साबिकूनस साबिकून

( तीसरे ) आगे बढ़ जाने वाले, ( उन का क्या कहना ) वो तो आगे बढ़ जाने वाले हैं

11. उला इकल मुक़र्रबून

यही हैं जिनको अल्लाह से ख़ुसूसी नज़दीकी हासिल होगी

12. फ़ी जन्नातिन नईम

वो नेअमतों वाले बाग़ों में होंगे

13. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन

उन का एक बड़ा गिरोह तो अगले लोगों में होगा

14. व क़लीलुम मिनल आखिरीन

और थोड़े से पिछले लोगों में होंगे

15. अला सुरुरिम मौजूनह

ऐसी मसेहरियों पर जो सोने से बुनी और जवाहरात से जड़ी होंगी

16. मुत्तकि ईना अलैहा मुतकाबिलीन

उन पर आमने सामने टेक लगाये हुए बैठे होंगे

17. यतूफु अलैहिम विल्दानुम मुखल्लदून

उन की ख़िदमत में ऐसे लड़के जो हमेशा लड़के ही रहेंगे वो उनके पास आते जाते रहेंगे

18. बिअक्वाबिव व अबारीका व कअ’सिम मिम मईन

ग्लासों और जगों में साफ़ सुथरी शराब के जाम लिए हुए

19. ला युसद्द ऊना अन्हा वला युन्ज़िफून

ऐसी शराब जिससे न उनके सर चकरायेंगे और न उनके होश उड़ेंगे

20. व फाकिहतिम मिम्मा यता खैयरून

और ऐसे मेवे लिए हुए जिनको वो खुद पसंद करेंगे

21. वलहमि तैरिम मिम्मा यश तहून

और ऐसे परिंदों का गोश्त लिए जिनकी उन्हें ख्वाहिश होगी

22. व हूरून ईन

और खूबसूरत आँखों वाली हूरें

23. कअम्सा लिल लुअ’लुइल मक्नून

जैसे छिपा छिपा कर रखे गए मोती

24. जज़ा अम बिमा कानू यअ’मलून

ये सब उनके कामों के बदले के तौर पर होगा जो वो किया करते थे

25. ला यस्मऊना फ़ीहा लग्वव वला तअसीमा

वो न उस में बेकार बातें सुनेंगे और न ही कोई गुनाह की बात

26. इल्ला कीलन सलामन सलामा

सिवाए सलामती ही सलामती की बात के

27. व अस्हाबुल यामीनि मा अस्हाबुल यमीन

और जो दायें तरफ वाले हैं, क्या खूब हैं दायें तरफ वाले

28. फ़ी सिदरिम मख्जूद

काँटों से पाक सिदरा के दरख्तों में

29. व तल्हिम मन्जूद

लदे हुए केले के पेड़ों में

30. व ज़िल्लिम मम्दूद

और फैले हुए साये में

31. वमा इम मस्कूब

और बहते हुए पानी में

32. व फाकिहतिन कसीरह

और बहुत से फलों में

33. ला मक़्तू अतिव वला ममनूअह

जो न ख़त्म होने को आयेंगे और न उन में कोई रोक टोक होगी

34. व फुरुशिम मरफूअह

और बलंद बिस्तरों में

35. इन्ना अनशअ नाहुन्ना इंशाआ

हम ने (उन के लिए) हूरें बनाई हैं

36. फज अल्नाहुन्ना अब्कारा

तो हम ने उनको कुंवारी बनाया है

37. उरुबन अतराबा

मुहब्बत भरी हमजोलियाँ

38. लि अस्हाबिल यमीन

ये है दायें तरफ वालों के लिए

39. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन

उनकी एक बड़ी जमात अगले लोगों में है

40. वसुल्लतुम मिनल आखिरीन

उनकी एक बड़ी जमात पिछले लोगों में है

41. व अस्हाबुश शिमालि मा अस्हाबुश शिमाल

और बाएं तरफ वाले, क्या हाल होगा बाएं तरफ वालों का

42. फ़ी समूमिव व हमीम

वो होंगे झुलसा देने वाली हवा में और खौलते पानी में

43. व ज़िल्लिम मिय यहमूम

सियाह धुएं के साए में

44. ला बारिदिव वला करीम

जो न ठंडा होगा और न फायदा पहुँचाने वाला होगा

45. इन्नहुम कानू क़ब्ला ज़ालिका मुतरफीन

इस से पहले वो बड़े ऐशो इशरत में पड़े हुए थे

46. व कानू युसिर्रूना अलल हिन्सिल अज़ीम

और बड़े भारी गुनाह ( शिर्क ) पर अड़े रहते थे

47. व कानू यकूलूना अ इज़ा मितना व कुन्ना तुराबव व इज़ामन अ इन्ना लमब ऊसून

और कहा करते थे : जब हम मर जायेंगे और मिटटी हड्डी हो जायेंगे तो क्या हम फिर दोबारा जिंदा किये जायेंगे

48. अवा आबाउनल अव्वलून

और क्या हमारे पहले बाप दादा भी

49. कुल इन्नल अव्वलीना वल आखिरीन

कह दीजिये कि सब अगले और पिछले लोग

50. लमज मूऊना इला मीकाति यौमिम मालूम

एक मुक़र्ररह दिन पर ज़रूर इकठ्ठा किये जायेंगे

51. सुम्मा इन्नकुम अय्युहज़ ज़ाल्लूनल मुकज्ज़िबून

फिर ए गुमराहों और ए झुटलाने वालों ! यक़ीनन तुम

52. ल आकिलूना मिन शजरिम मिन ज़क्कूम

यक़ीनन ज़क्कूम के दरख़्त खाओगे

53. फ मालिऊना मिन्हल बुतून

और इसी से पेट भरोगे

54. फ शारिबूना अलैहि मिनल हमीम

फिर उस पर खौलता हुआ पानी पियोगे

55. फ शारिबूना शुरबल हीम

और पियोगे भी प्यासे ऊंटों की तरह

56. हाज़ा नुज़ुलुहुम यौमद दीन

क़यामत के दिन यही उन की मेहमान नवाज़ी होगी

57. नहनु खलक्नाकुम फलौला तुसद्दिकून

हम ने ही तुम को पैदा किया तो फिर तुम (दोबारा जिंदा किये जाने को) सच क्यूँ नहीं मानते हो ?

58. अफा रअय्तुम मा तुम्नून

भला देखो तो सही, जो मनी तुम (औरतों के रहम में) डालते हो

59. अ अन्तुम तख्लुकूनहु अम नहनुल खालिकून

उस को तुम इंसान बनाते हो या हम बनाने वाले हैं

60. नहनु क़द्दरना बय्नकुमुल मौता वमा नहनु बिमस्बूकीन

हम ने ही तुम्हारे लिए मरना तय किया है (कि हर शख्स पर मौत आती है) और हम उस बात से आजिज़ नहीं हैं

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61. अला अन नुबददिला अम्सालकुम व नुन्शिअकुम फ़ी माला तअ’लमून

कि तुम्हारी जगह तुम्हारे जैसे किसी और को ले आयेंगे और तुम को वहां उठा खड़ा करेंगे, जिस का तुम को कोई भी इल्म नहीं

62. व लक़द अलिम्तुमुन नश अतल ऊला फलौला तज़क करून

और तुम तो पहली पैदाइश को जानते ही हो तो क्यूँ सबक़ नहीं लेते

63. अफा रअय्तुम मा तहरुसून

देखो तो सही कि तुम जो कुछ बोते हो

64. अ अन्तुम तजर उनहू अम नहनुज़ जारिऊन

उसको तुम उगाते हो या हम उगाते हो

65. लौ नशाऊ लजा अल्नाहु हुतामन फज़ल तुम तफक्कहून

अगर हम चाहें तो उसको रेज़ा रेज़ा कर डालें फिर तुम बातें बनाते रह जाओ

66. इन्ना ल मुगरमून

( तुम कहने लगो : ) कि हम पर तो तावान पड़ गया

67. बल नहनु महरूमून

बल्कि हम बड़े बदनसीब हैं

68. अफा रअय्तुमुल माअल्लज़ी तशरबून

फिर बताओ तो सही कि जिस पानी को तुम पीते हो

69. अ अन्तुम अन्ज़ल्तुमूहु मिनल मुज्नि अम नहनुल मुन्ज़िलून

उसको बादल से तुंम बरसाते हो या हम बरसाते हैं

70. वलौ नशाऊ ज अल्नाहू उजाजन फलौला तश्कुरून

अगर हम चाहें तो उसको खारा कर दें फिर तुम शुक्र क्यूँ नहीं करते

71. अफा रअय्तुमुन नारल लती तूरून

फिर देखो तो सही जो आग तुम सुलगाते हो

72. अ अन्तुम अनश’अतुम शजरतहा अम नहनुल मुन्शिऊन

उसके दरख़्त को तुम ने पैदा किया है या हम ने ?

73. नहनु जअल्नाहा तज्किरतव व मताअल लिल मुक्वीन

हम ने उसको याद दिहानी करने वाला और मुसाफिरों के लिए नफाबख्श बनाया है

74. फ़सब्बिह बिस्मि रब्बिकल अज़ीम

तो आप अपने अज़मत वाले परवरदिगार के नाम की पाकी बयान कीजिये

75. फला उक्सिमु बि मवाक़िइन नुजूम

तो अब मैं उन जगहों की क़सम खाकर कहता हूँ जहाँ सितारे गिरते हैं

76. व इन्नहू ल क़समुल लौ तअ’लमूना अज़ीम

और यक़ीनन अगर तुम जानो तो ये बहुत बड़ी क़सम है

77. इन्नहू लकुर आनून करीम

बेशक ये बड़ा ही काबिले एहतराम क़ुरान है

78. फ़ी किताबिम मक्नून

जो एक महफ़ूज़ किताब में पहले से मौजूद है

79. ला यमस्सुहू इल्लल मुतह हरून

इस को सिर्फ़ वही हाथ लगा सकता है जो खूब पाक साफ़ हो

80. तन्जीलुम मिर रब्बिल आलमीन

ये तमाम आलम के परवरदिगार की तरफ़ से उतारा हुआ है

81. अफा बिहाज़ल हदीसि अन्तुम मुद हिनून

क्या तुम इस कलाम के परवरदिगार का इनकार करते हो ?

82. व तज अलूना रिज्क़कुम अन्नकुम तुकज्ज़िबून

और इस के झुटलाने को ही अपना मशगला बना रखा है

83. फलौला इज़ा बला गतिल हुल्कूम

तो जब जान गले तक आ पहुँचती है

84. व अन्तुम ही नइजिन तन्ज़ुरून

और तुम उस वक़्त ( मरने वाले को ) देख रहे होते हो

85. व नहनु अकरबु इलैहि मिन्कुम वला किलला तुब्सिरून

और हम तुम से ज़्यादा उस से क़रीब हैं हालाँकि तुम नहीं देखते

86 फ़लौला इन कुन्तुम गैरा मदीनीन

अगर तुम किसी और के क़ाबू में नहीं हो तो

87. तर जिऊनहा इन कुन्तुम सदिकीन

तो उस जान को वापस नहीं क्यूँ नहीं ले आते अगर तुम सच्चे हो ?

88. फअम्मा इन कान मिनल मुक़र्रबीन

तो अगर मरने वाला खुदा के मुक़र्रिब बन्दों में से है

89. फ़ रौहुव व रैहानुव व जन्नतु नईम

तो (उस के लिए) आराम ही आराम, ख़ुशबू ही ख़ुशबू और नेअमत भरी जन्नत है

90. व अम्मा इन कान मिन अस्हाबिल यमीन

और अगर वो दाहिनी तरफ़ वालों में से है

91. फ़ सलामुल लका मिन अस्हाबिल यमीन

तो ( उस से कहा जायेगा तेरे लिए सलामती है कि तू दायें तरफ़ वालों में से है

92. व अम्मा इन कान मिनल मुकज्ज़िबीनज़ जाल लीन

और अगर वो झुटलाने वाले गुमराह लोगों में से था

93. फ नुज़ुलुम मिन हमीम

तो खौलते हुए पानी से मेज़बानी होगी

94. व तस्लियतु जहीम

और (उसे) दोज़ख़ में दाख़िल होना होगा

95. इन्ना हाज़ा लहुवा हक्कुल यक़ीन

बेशक ये यक़ीनी बात है

96. फ़ सब्बिह बिस्मि रब्बिकल अज़ीम

तो आप अपने अज़मत वाले परवरदिगार के नाम की पाकी बयान कीजिये

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Surah Waqiah PDF Download

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1: सूरह वाकिया पढ़ने का सबसे अच्छा वक़्त कौन सा है? Ans: हदीस के मुताबिक इसे रात में (मगफिरब या ईशा के बाद) पढ़ना सबसे अफज़ल है।

Q2: क्या सूरह वाकिया पढ़ने से दौलत मिलती है? Ans: जी हाँ, यह सूरह गरीबी दूर करती है और रिज़्क़ में बरकत लाती है। इसे पाबंदी से पढ़ने वाले के घर में कभी फाका नहीं होता।

Q3: सूरह वाकिया में कितनी आयतें हैं? Ans: सूरह वाकिया में कुल 96 आयतें (Verses) हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

सूरह वाकिया (Surah Waqiah) अल्लाह की एक बहुत बड़ी नेमत है। जो लोग रिज़्क़ की तंगी से परेशान हैं, उन्हें चाहिए कि वो हर रात इस सूरह की तिलावत का मामूल बना लें। अल्लाह हम सबको अमल करने की तौफीक दे। आमीन।

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