Roza Rakhne ki Niyat

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नियत करना दिल के इरादे को कहा जाता हैं, अगर किसी इंसान ने दिल से पक्का इरादा कर लिया कि मैं रोजा रख रहा हूं तो इतना ही काफी होता है roza rakhne ki niyat के लिए।

लेकिन रोज़ा रखने की नियत के लिए इन अलफाज़ को जबान से दोहरा लेना भी बेहतर है की मैंने यह इरादा किया कि रोजा रखू अल्लाह तआला के लिए इस रमजानुल मुबारक का ।आपकी आसानी के लिए हमने बताई है roza rakhne ki dua in hindi.

roza rakhne ki dua in hindi

(“वा सोमि गदिन नवैतो मिन शहरे रमजान”)

roza rakhne ki dua in hindi
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Roza Rakhne Ki Dua in English / Sehri Ki Dua

(“Wa bisawmi ghadinn nawaiytu min shahri ramadan”)

Roza Rakhne Ki Dua in English
Roza Rakhne Ki Dua in English

(Roza Rakhne Ki Dua in Arabic)

وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتَ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ

(Meaning: मैं रमजान के महीने के लिए रोज़ा रखने का इरादा करता हूं)

Roza Rakhne Ki Dua in Arabic
Roza Rakhne Ki Dua in Arabic

रोज़े के मुतालिक एक हदीस

❝ऐ ईमान लाने वालो! तुम पर रोज़े फ़र्ज़ किए गए, जिस तरह तुम से पहले के लोगों पर किए गए थे, शायद कि तुम डर रखने वाले और परहेज़गार बन जाओ।’

’ (क़ुरआन, 2:183)

रमज़ान की फ़ज़ीलत

सेहरी में क्या खाना चाहिए ?

खजूर
खजूर में अच्छी तरह में ग्लूकोज, फ्रक्टोज और सुक्रोज पाया जाता है. इसलिए ताकत के लिए इसका खाना बहुत फायदेमंद होता है. दो से चार खजूर खाने से तुरंत ताकत मिलती है

पानी
सेहरी के वक़्त जहाँ तक हो सके कम से कम दो से तीन गिलास पानी जरूर पीएं। इसके अलावा बदन को कमजोरी या मोटापे से बचाने के लिए इफ्तार से सेहरी के बीच में भी खूब पानी पीना चाहिए।

ऐसा करने से आपके बदन में पानी की कमी नहीं होगी और आपको रोज़े की हालत में प्यास भी ज्यादा नहीं लगेगी।

दूध-दही
सेहरी के वक़्त ऐसी चीज़े खाये जिसमे कैल्शियम शामिल हो इसके लिए आप चाहे तो दूध या दही ले सकते है जिससे आपको पूरे दिन प्यास नहीं लगेगी।

फल-सब्जी
सेहरी के वक़्त फल और सब्जी खाने से आपको भूख नहीं लगती क्योंकि ये धीरे-धीरे हज़म होते हैं। साथ ही बदन को भी ताज़गी भी मिलती है।

रमजान मैं क्या-क्या करना चाहिए ?

रमज़ान बहुत ही मुबारक महीना होता है इस महीने में एक नेकी के बदले सत्तर नेकियों का अजरो सवाब मिलता है इसलिए जहाँ तक हो सके इस महीने में नेकिया कमाने की कोशिश करनी चाहिए। इसी में हमने आपको बताया है roza rakhne ki niyat.

  • जितना हो सके इस महीने में अल्लाह को याद करना चाहिए, नमाज और क़ुरान पढ़ना चाहिए क्योंकि इस महीने में की गयी इबादत, आम दिनों के मुकाबले ज्यादा बरकत और सवाब देती है.
  • रमज़ान के महीने में एक दूसरे की मदद करना चाहिए।
  • जकात और फितरा देना चाहिए मतलब गरीब की ज्यादा से ज्यादा मदद करना चाहिए।
  • रोजेदारों को इफ्तार करना चाहिए।
  • जहाँ तक हो बुरे कामो और लड़ाई झगड़ो से बचना चाहिए।
  • किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए।

किन किन हालतो में रोजे में छूट मिलती है ?

  • बीमार के लिए रोज़े में छूट  अगर कोई इंसान बीमार है, जिसको डॉक्टर ने भूखे रहने से मना किया है. या फिर वो कोई ऐसी दवा खा रहा है जिसे छोड़ने से उसकी बीमारी बढ़ सकती है तो वो रोजा छोड़ सकता है.
  • सफर के दौरान रोज़े में छूट मिलती है अगर  कोई लम्बा सफर कर रहा हो तो और अगर उसको रोजा रखने में परेशानी आ रही है तो वो रोजा छोड़ा जा सकता है. लेकिन छोड़े हुए रोजे का बदला उसको बाद में रोजा रख कर पूरा करना होगा।
  • हामला औररतो को छूट- प्रेग्नेंट औरतें या हामला औरतो या नई-नई मां बनने वाली औरते , जो बच्चे को दूध पिलाती हैं, वह भी रोजा छोड़ सकतीं हैंपर उन्हें भी बाद में भरना होता है।
  • बुजुर्ग और छोटे बच्चों जो की सात साल से काम हो उनको भी रोजा रखने में छूट दी गई है।
  • औरतो को उनके महीना आने या हैज़ होने की हालत में भी रोज़ा रखने में छूट मिलती है।

किन किन हालातों में नहीं टूटते हैं रोजे

  • कई बार रोज़े को लेकर कई तरह के अंदेशे सामने आते रहते हैं. जैसे की किन हालातों में रोजा टूट जाता है किन हालातों में नहीं टूटता है ? आइए जानते हैं
  •  अगर कोई इंसान ये भूल जाता है कि वो रोजा है और ऐसे में गलती से कुछ खा लेता है, तो इस हालत में रोजा नहीं टूटता . लेकिन इसके लिए भी एक शर्त है कि अगर खाने के बीच में ही उसको याद आ जाये की वो रोजा हैं तो खाना तुरंत बंद क्र देना चाहिए।
  • कई बार ऐसा होता है की नहाने के वक्त पानी मूंह या नाक में चला जाता है तो ऐसे मौके पर रोजा नहीं टूटता है, लेकिन अगर जानबूझ कर पानी पी लिया तो रोज़ा टूट जाता है।
  • अपना थूक निगलने से भी रोज़ा टूटता नहीं है।

रोजा किन किन वजहों से टूट सकता है?

  1. अगर रोजे की हालत में कोई इंसान जानबूझकर कुछ खा या पी लेता है, तो इससे उसका रोजा टूट जाता है.
  2. ऐसे ही अगर कोई रोजेदार दांत में फंसे हुए खाने को जानबूझकर निगल जाये या फिर खा जाये तो इससे उसका रोजा टूट जाता है.
  3. उल्टी हो जाने से भी रोजा टूट जाता है.
  4. गैरजरूरी या कह सकते है ताकत का इंजेक्शन लगवाने से भी रोजा टूट जाता है.
  5. चाहे जैसी भी कोई भी दवा खाने से रोज़ा टूट जाता है।
  6. गलत काम करने से , हम-बिस्तरी करने से , चुगलखोरी करने और झूठ बोलने से रोजा टूट सकता है या टूट जाता है।

रोजा किन किन वजहों से मकरूह हो सकता है?

  • रोज़े की हालत में गाने बजाने और नाचने से रोज़ा मकरूह हो जाता है।
  • रोज़े की हालत में दांत निकलवाने से भी होता है।
  • टूथपेस्ट या मंजन से दांतो को ब्रश करने पर रोज़ा मकरूह हो जाता है।
  • थूक या बलगम को निगलने से भी
  • गैर जरूरी चीजों को चबाने सेमकरूह हो सकता है।
  • पूरे बदन पर गीले कपड़े पहनने से या अपने पुरे कपडे भीगाने से
  • बदन के किसी भी हिस्से से खून निकलने से भी हो सकता है।

हर इंसान को चाहिए को वो साफ़ दिल से नियत करके अपना रोज़ा पूरा करे ,रमज़ान के महीने में नेक काम करे अल्लाह की इबादत करे ,सदका व खैरात करे ,किसी का दिल न दुखाये।

आपकी और आसानी के लिए हमने आगे वीडियो में भी roza rakhne ki niyat की दुआ को बताया है जिससे आप आसानी से पढ़ कर अमल कर अमल कर सके

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