एक वक़्त था जब औरत को पैदा होते ही जिंदा दफ़न कर दिया जाता था। कहीं औरत को शौहर के मर जाने के बाद सती होना पड़ता था। इसी तरह हर मुल्क में अलग अलग घटिया सोच के लोग मौजूद थे जो औरत को औरत न समझ कर उसे इस्तेमाल का सामान समझते थे | लेकिन इस्लाम के आने के बाद औरत को वो मक़ाम व मर्तबा मिला कि वो घर की मलिका बन गयी। इस आर्टिकल में मै बताऊगी बीवी को खुश रखने के बेमिसाल इस्लामी तरीके जो एक बीवी का हक़ है। और ये हक़ एक शौहर को ज़रूर पूरा करना चाहिए इस आर्टिकल को आख़िर तक पूरा जरूर पढ़ें।
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रहमदिली और नरमी से पेश आयें
रहमदिली और नरमी से पेश आयें हमारे प्यारे नबी मुहम्मदूर रसूलुल लाह (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) अपनी बीवियों के साथ बहुत ही अच्छा सुलूक करते थे, और हमेशा फरमाते थे कि अपने घरवालों के साथ अच्छा सुलूक करो, इसलिए अपनी बीवी के साथ बुरा बरताव न करें, बल्कि कोई मामला हो तो उसे नरमी से निपटाएं करें, और अपनी माँ और उसके बीच इन्साफ के साथ फैसला करें।
घरेलू कामों में उसकी मदद करें
घरेलू कामों में उसकी मदद करें और उसे गिफ्ट दें हमारे नबी स.अ. घर के बहुत सारे काम खुद किया करते थे और इसी तरह बहुत सारे बुज़ुर्गाने दीन का भी यही तरीक़ा रहा है , इसलिए घर के बिखरे हुए कामों में अपनी बीवी की मदद करना आपसी मुहब्बत को बढ़ता है और गिफ्ट देना तोहफ़ा देना ये बताता है कि आप अपनी बीवी का कितना ख़याल रखते हैं ।
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दूसरों के सामने उसकी तारीफ़ करें
दूसरों के सामने उसकी तारीफ़ करें दूसरों के सामने उसकी तारीफ़ करना न सिर्फ उसे खुश करेगा, बल्कि इससे उसके दिल में आपकी इजात और बढ़ जाएगी ।
उसकी गलतियों को नजरअंदाज करें
उसकी गलतियों को नजरअंदाज करें और उसकी ख़ूबियों पर ध्यान दें इंसान के अन्दर लाख बुराइयां हों लेकिन कोई ख़ूबी ज़रूर होगी, इसलिए एक बीवी के अन्दर कई बुराइयां हैं लेकिन आप उसे माफ़ करके उसके अन्दर की ख़ूबियों को देखें, इससे ज़िन्दगी खुशगवार हो जाएगी वरना इस दुनिया के अन्दर कोई ऐसा न मिलेगा जिसमें कोई बुराई न हो, मिसाल के तौर आप अपने आप को देख लें।
हमेशा उसके लिए दुआ करें
हमेशा उसके लिए दुआ करें अपनी नमाज़ों और दुआओं में उसकी सेहत, ख़ुशी और मगफिरत के लिए दुआ करना कभी न भूलें। क्यूंकि न सिर्फ वो आपकी ज़िन्दगी की बेहतरीन साथी है बल्कि आपके बच्चों की माँ है और आपकी ग़ैर मौजूदगी में आपके घर की देखभाल करने वाली है ।
बीवी को ध्यान से सुनें
उसे ध्यान से सुनें हम जानते हैं कि शौहर हमेशा बिज़नेस और ऑफिस के काम में बिज़ी रहते हैं, लेकिन थोड़ा वक़्त निकाल कर कुछ मिनटों का ध्यान देने से उसकी बात सुनने से एक बीवी को बहुत खुशी मिल सकती है, और ये बात दोनों के दरमियान मुहब्बत को बढाती है ।
उसे महफूज़ और खुश महसूस कराएँ इन्सान अपनी औरतों का निगह्बान है उसकी ज़िन्दगी का भी, और उसकी इज्ज़त का भी, इसलिए शौहर को बीवी के साथ ऐसे रहना चाहिए कि औरत हमेशा उसके साये में हिफ़ाज़त और ख़ुशी महसूस करे |
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बीवी को अहमियत दें
उसे अहमियत दें बीवी सिर्फ तुम्हारी नौकरानी नहीं है बल्कि वह एक इंसान है जिसके अन्दर अहसास हैं feelings हैं, इसलिए शौहर अपनी बीवी को ये महसूस कराएँ कि वो उसके लिए कितनी अहम् है । अल्लाह तआला हमें अपनी बीवियों पर ज़ुल्म से बाज़ रहने की तौफ़ीक़ अता फरमाए
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