
Namaz ki Sunnat
नमाज पढ़ना फर्ज़ है। और हम सभी को सही तरीके से नमाज पढ़नी चाहिए इसके लिए हमने नमाज का तरीका पहले ही लिख दिया है, उसके बाद नमाज़ की वाजिबात और अब Namaz ki Sunnat के बारे में बताएंगे।

नमाज पढ़ना फर्ज़ है। और हम सभी को सही तरीके से नमाज पढ़नी चाहिए इसके लिए हमने नमाज का तरीका पहले ही लिख दिया है, उसके बाद नमाज़ की वाजिबात और अब Namaz ki Sunnat के बारे में बताएंगे।

रमज़ानुल मुबारक अल्लाह का अता किया हुआ एक बहुत बा बरकत महीना अब हम से रुखसत हो रहा है। अभी भी हमारे पास पास Ramzan ki Rukhsat होने से पहले अज़ीम नेमते बचीं है।

इस्लाम में नए महीने की शुरुआत चांद देखकर की जाती है। उस वक्त हमें Chand Dekhne Ki Dua जरूर पढ़नी चाहिए। वैसे तो हमें सभी महीनों का चांद देखना चाहिए लेकिन हम खासतौर से ईद के चांद का बहुत ही एहतमाम के साथ देखते हैं और यह एक अजीम सुन्नत भी है।

Dua e Masura नमाज पुरी होने से ठीक पहले पढ़ी जाती है यानी कि जब हम अत्तहियात के बाद दरूद शरीफ पढ़ लेते हैं उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ते हैं। फिर उसके बाद सलाम फेरते है।

Namaz Ki Wajibat यानि की नमाज़ के अनदर जो वाजिब होता है। मतलब की फर्ज से एक दर्जा कम लेकिन जरुरी ये भी है। वाजिब अगर छूट जाये तो सजदा साहू करने से नमाज़ हो जाएगी।

अल्लाह सुब्हानहु व ताअला ने हर बलिग औरत और मर्द पर नमाज़ फर्ज की है। किसी भी हालत में नमाज़ माफ़ नहीं है। इंशाल्लाह इस आर्टिकल को पढ़ कर आप Namaz Ka Tarika अच्छी तरह सीख जायेगे।