हर मुसलमान जान ले सूरह यासीन की फ़ज़ीलत और बरकतें
हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो शख्स दिन के शुरू हिस्से में सुरेह यासीन पढ़ लेता है तो उसके पूरे दिन की जरूरते सुरेह यासीन की बरकत…
हुजूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो शख्स दिन के शुरू हिस्से में सुरेह यासीन पढ़ लेता है तो उसके पूरे दिन की जरूरते सुरेह यासीन की बरकत…
अपनी परेशानी के वक्त सूरह इखलास की तिलावत करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती है और सुरह इखलास नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम रोजाना पढ़ा करते थे। इस वीडियो…
जिन घरों में रिज्क की कमी होती है बरकत और दौलत नहीं होती उस घर में अगर रोज सूरह वाकिया की तिलावत की जाए तो वह घर रिज्क और बरकतों…
हम लोग दिन, तारीख, साल, महीना सभी चीजें उसी हिसाब से मानते हैं जिस हिसाब से पूरी दुनिया मानती है लेकिन हमारे इस्लाम में इस्लामिक कैलेंडर है जो हमें हिजरी से मिला है और इनमें जो दिन तारीख है उसी हिसाब से हमें चलना चाहिए।हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने जब मक्का से निकलकर मदीना में दाखिला हुए तो इसे हिजरत नाम दिया गया जिस दिन वह मदीना गए उस दिन को हिजरी कैलेंडर के रूप में शुरू किया गया। इस्लामिक कैलेंडर में हर साल हर महीने करीब 10 दिन पीछे खिसकते रहते हैं।
हमारे इस्लाम में हर चीजें अदब से करने का हुक्म दिया गया है और हमारा इस्लाम बहुत साफ सुथरा मजहब है इसलिए हर चीजों को साफ सफाई के साथ करने का हुकुम भी दिया गया है जैसे की नमाज और कुरान शरीफ पढ़ते वक्त हमें कई सारी बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है।
नाखून काटने का भी पाक तरीका होता है और अगर हम उन तरीकों को नहीं अपनाते हैं तो हमें गुनाह भी मिलते हैं। जैसे कि आपने सुना ही होगा कि अगर 40 दिन से पहले तक नाखून ना काटे गए तो वह मुसलमान गुनहगार कहलाएगा।जिन मुसलमानों को नाखून काटने का सही तरीका नहीं पता है
शबे कद्र का मतलब बहुत सारे लोगों को नहीं पता है तो हम आपको बता दें शबे का मतलब होता है रात और कद्र का मतलब होता है। शबे- कद्र की रात इतनी अफजल रात है कि अल्लाह पाक ने इसके बारे में कुरान में एक सूरत नाजिल कर दी ( सुरह अल कद्र ) जिसमें इस रात की फजीलत इसकी अजमत और इसके मर्तबा का जिक्र किया गया है।
अल्लाह पाक ने हमारी शिफा के लिए कई सारी चीजें नाजिल की है जिसमें से एक अक़िका भी है। अक़ीक़ा हमारे इस्लाम में बहुत ज्यादा जरूरी है यह हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की बताई हुई सुन्नत है।
इस्लाम में औरतों के कदमों में जन्नत रखी गई है मां की दुआओं में इतनी ताकत रखी गई है कि वह अल्लाह को अपने बच्चों के लिए किसी भी चीज के लिए राजी करवा सकती है इससे आप ये समझ सकते है की इस्लाम में औरत का मकाम कितना बुलंद है ।
जलजला अल्लाह की आजमाइश या अज़ाब, अल्लाह पाक जब नाराज होते है तब वो सिर्फ जलजले लाकर अजाब नही देते वो और भी तरीको से अजाब देते है। जब जलजला आता है तब इससे जमीने भागों में बंट जाती है मकान मंजिल गिर जाते हैं। जिन घरों को बनाने में लोगों को कई साल लग जाते हैं वह पलक झपकते ही धूल में बदल जाते हैं।